निर्भया के दोषियों ने फांसी से कुछ ही घंटों पहले गुरुवार देर रात दिल्ली हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट का रुख़ किया था. अदालत ने याचिकांए ख़ारिज कर दी थीं.
नई दिल्लीः साल 2012 में हुए निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले के चारों दोषियों को शुक्रवार तड़के फांसी दे दी गई. जेल के महानिदेशक संदीप गोयल ने यह जानकारी दी.
सभी चारों दोषियों मुकेश सिंह (32), पवन गुप्ता (25), विनय शर्मा (26) और अक्षय कुमार सिंह (31) को शुक्रवार तड़के 5:30 बजे दिल्ली की तिहाड़ जेल में फांसी दी गई.
Sandeep Goel, Director General of Tihar jail: Doctor has examined all four convicts (of 2012 Delhi gang-rape case) and declared them dead. https://t.co/Bqv7RG8DtO pic.twitter.com/fIMR9xvVnh
— ANI (@ANI) March 20, 2020
फांसी के बाद तिहाड़ जेल के महानिदेशक संदीप गोयल ने चारों की जांच कर उन्हें मृत घोषित किया.
फांसी से कुछ ही घंटों पहले गुरुवार देर रात निर्भया सामूहिक मामले के दोषियों ने फांसी पर रोक लगाने के लिए पहले दिल्ली हाईकोर्ट और फिर सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था.
हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट दोनों ने ही फांसी पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था और दोषियों की याचिका को खारिज कर दिया.
मामले की आधी रात को हुई सुनवाई में दिल्ली हाईकोर्ट ने दोषियों के वकील एपी सिंह के फांसी पर रोक लगाने के इस आधार को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि दोषियों में से एक अपराध के साथ नाबालिग था.
हाईकोर्ट से निराशा हाथ लगने के बाद दोषियों ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया. शुक्रवार तड़के लगभग 4:30 बजे सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की पीठ ने दोषियों में से एक पवन गुप्ता की राष्ट्रपति द्वारा दूसरी दया याचिका खारिज करने के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया.
Delhi: Bodies of 2012 Delhi gangrape case convicts brought to DDU Hospital for postmortem; The postmortem will be done as recommended by the Jail manual and Supreme Court guidelines. After the postmortem, the bodies of the convicts will be handed over to their respective families https://t.co/jOl8mqQQDB pic.twitter.com/lxONR632J7
— ANI (@ANI) March 20, 2020
वहीं, इससे पहले निर्भया सामूहिक बलात्कार और हत्या मामले के चार में से तीन दोषियों ने हेग स्थित अंतरराष्ट्रीय अदालत का दरवाजा खटखटाकर अपनी ‘गैरकानूनी फांसी की सजा’ रोकने का अनुरोध किया था.
इन्होंने आरोप लगाया था कि ‘दोषपूर्ण’ जांच के जरिये उन्हें दोषी करार दिया गया और उन्हें प्रयोग का माध्यम (गिनी पिग) बनाया गया.
चारों शवों को पोस्टमार्टम जांच के लिए दिल्ली के दीन दयाल उपाध्याय (डीडीयू) अस्पताल ले जाया जाएगा, जिसके बाद शवों को उनके परिवार वालों को सौंप दिया जाएगा.
फांसी के बाद निर्भया की मां ने इसे न्याय की जीत बताया.
Asha Devi, mother of 2012 Delhi gang-rape victim: Finally they have been hanged, it was a long struggle. Today we got justice, this day is dedicated to the daughters of the country. I thank the judiciary & government. https://t.co/Bqv7RG8DtO pic.twitter.com/llBXtTYt6B
— ANI (@ANI) March 20, 2020
फांसी के बाद निर्भया की मां ने कहा, ‘मुझे मेरी बेटी पर गर्व है. मैं उसे बचा नहीं सकी और यह पछतावा मुझे हमेशा रहेगा. अगर आज वो जिंदा होती तो मैं एक डॉक्टर की मां के नाम से जानी जाती. आखिरकार इंसाफ मिल गया.’
उन्होंने कहा, ‘मुझे हमारी न्यायपालिका, हमारे राष्ट्रपति और हमारी सरकारों का शुक्रिया अदा करती हूं. अगर इस तरह का अपराध आपके परिवार की किसी बच्ची या महिला के साथ होता है तो पहले आपको उस महिला को समर्थन देना चाहिए. हम देश की बेटियों के लिए लड़ाई जारी रखेंगे.’
Delhi CM Arvind Kejriwal:It took 7 yrs for justice to be delivered. Today,we've to take a pledge that a similar incident does not happen again. We've seen how the convicts manipulated the law until recently.There are a lot of loopholes in our system, we need to improve the system pic.twitter.com/C5nlrs91k0
— ANI (@ANI) March 20, 2020
इस पर दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘न्याय मिलने में सात साल लग गए. आज हमने प्रतिज्ञा ली है कि इस तरह की घटना दोबारा नहीं होगी. हमने देखा कि किस तरह दोषियों ने अंत तक कानून को गुमराह करने की कोशिश की. हमारे सिस्टम में बहुत खामियां हैं, हमें सिस्टम दुरुस्त करने की जरूरत है.’
दोषियो को मिली फांसी पर दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने कहा, ‘यह ऐतिहासिक दिन है. सात साल के बाद निर्भया को इंसाफ मिला. उसकी आत्मा को आज शांति मिल गई. देश ने बलात्कारियों को सशक्त संदेश दिया है कि अगर तुम अपराध करोगे तो तुम्हें फांसी पर लटकाया जाएगा.’
राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा, ‘आज एक उदाहरण पेश किया गया है लेकिन इसे पहले हो जाना चाहिए था. अब लोगों को पता है कि उन्हें सजा मिलेगी. आप तारीख आगे बढ़वा सकते हैं लेकिन सजा आपको मिलकर रहेगी.’
वहीं, इससे पहले सामूहिक बलात्कार एवं हत्या के इस मामले के इन चारों दोषियों को फांसी की सजा सुनाए जाने के बाद तीन बार सजा की तामील के लिए तारीखें तय हुईं लेकिन फांसी टलती गई.
बीते पांच मार्च को एक निचली अदालत ने चारों दोषियों को फांसी देने के लिए नया डेथ वॉरंट जारी किया था. यह डेथ वॉरंट अदालत ने चौथी बार जारी किया था, क्योंकि दोषी फांसी की सजा के खिलाफ लगातार कानूनी प्रक्रियाओं का सहारा ले रहे थे.
इससे पहले सात जनवरी को अदालत ने चारों दोषियों की फांसी की तारीख 22 जनवरी तय की थी. इसके बाद निचली अदालत ने सभी चार दोषियों को बीते एक फरवरी को तिहाड़ जेल में सुबह छह बजे फांसी देने के लिए 17 जनवरी को मृत्यु वारंट जारी किया था. फिर 17 फरवरी को दिल्ली की एक स्थानीय अदालत ने चारों दोषियों के खिलाफ तीसरा डेथ वारंट जारी कर तीन मार्च सुबह छह बजे फांसी की सजा देने का निर्देश दिया था.
दक्षिण एशिया की सबसे बड़ी जेल मानी जाने वाली तिहाड़ में पहली बार एक साथ चार लोगों को फांसी दी गई है.
बता दें कि साल 2012 में 16 दिसंबर की रात राजधानी दिल्ली में 23 वर्षीय पैरामेडिकल छात्रा से एक चलती बस में छह लोगों ने सामूहिक बलात्कार किया था और उसे सड़क पर फेंकने से पहले बुरी तरह से घायल कर दिया था. दो हफ्ते बाद 29 दिसंबर 2012 को सिंगापुर के एक अस्पताल में इलाज के दौरान पीड़िता की मौत हो गई थी.
सभी छह आरोपियों में से एक राम सिंह ने जेल में कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी जबकि छठा आरोपी नाबालिग था, जिसे तीन साल के लिए सुधार मे गृह में रखा गया था. इस किशोर को 2015 में सुधार गृह से रिहा कर दिया गया था.
मृतक पैरामेडिकल छात्रा की मां ने बृहस्पतिवार को कहा कि उसकी बेटी की आत्मा को अब शांति मिलेगी और उसे सात साल बाद न्याय मिला है. निर्भया की मां ने कहा, ‘आखिरकार दोषियों को फांसी दी जाएगी. अब मुझे शांति मिलेगी.’
चारों दोषियों- विनय शर्मा (26), मुकेश कुमार सिंह (32), अक्षय कुमार सिंह (31) और पवन गुप्ता (25) को सितंबर 2013 में ही फांसी की सजा दी गई थी और दिल्ली हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने इस सजा को बरकरार रखा.
इस घटना के विरोध में देशभर में जबरदस्त विरोध प्रदर्शन हुए थे और महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने और बलात्कार के लिए कड़ी सजा का प्रावधान करने की मांग उठी थी. लोगों के रोष के देखते हुए सरकार ने बलात्कार के खिलाफ नया कानून लागू किया था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)