इस हफ़्ते नॉर्थ ईस्ट डायरी में असम, नगालैंड, मिज़ोरम और अरुणाचल प्रदेश के प्रमुख समाचार.
अरुणाचल प्रदेश: सेना ने उग्रवादी समझ ग्रामीण को गोली मारी, मौत
ईटानगर: भारतीय थलसेना ने अरुणाचल प्रदेश के चांगलांग ज़िले में एक ग्रामीण को उग्रवादी समझ कर गलती से उस पर गोली चला दी, जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई.
रक्षा प्रवक्ता कर्नल चिरनजीत कुंवर ने इन घटना की जानकारी देते हुए कहा कि यह घटना 14 जून की रात में हुई.
एक खूंखार उग्रवादी संगठन की गतिविधियों के बारे में मिली गुप्त सूचना के आधार पर थलसेना के जवानों ने उस व्यक्ति को देखा तो ललकारा.
कुंवर ने बताया कि थिंगटू नगेमू नाम का यह व्यक्ति काफी संदेहास्पद हरकतें कर रहा था और फिर सैनिकों की ओर बढ़ने लगा, जिसके बाद थलसेना ने उस पर गोली चला दी जिससे मौके पर ही उसकी मौत हो गई.
प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू ने 17 जून को चांगलांग ज़िले में हुई इस घटना पर शोक जताया है.
खांडू ने एक बयान में कहा, मुझे बताया गया है कि एक घटना में कोंगसा गांव के 35 वर्षीय ग्रामीण थिंगतू नगेमू की मौत हो गई जबकि कई अन्य जख्मी हो गए.
मुख्यमंत्री ने कहा, उचित देखभाल और योजना के ज़रिये ऐसी घटना टाली जा सकती थी.
आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि खांडू ने इस बाबत केंद्रीय गृह मंत्रालय से बात की, घटना पर चिंता ज़ाहिर की और मंत्रालय के तत्काल दखल की मांग की.
मिज़ोरम: भूस्खलन से चंपई शहर का संपर्क कटा, बाढ़ से कई मकान बहे
आइजोल: मिज़ोरम में फिर से हुए भूस्खलन के कारण चंपई शहर देश के अन्य हिस्सों से कट गया है. वहीं दक्षिणी मिज़ोरम के लुंगलेई ज़िले के एक शहर के नौ कच्चे मकान बाढ़ में बह गए.
बीते शुक्रवार को केफांग गांव के पास बड़े पैमाने पर हुए भूस्खलन के कारण चंपई के साथ सड़क संपर्क टूट गया है.
अधिकारियों ने बताया कि राज्य लोक निर्माण विभाग सड़क को साफ करने की कोशिशों में जुटा है और वाहनों के यातायात के लिए इसे 17 जून को खोले जाने की संभावना है.
हालांकि मिज़ोरम की लाइफलाइन समझे जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या 54 पर से मलबे हटा दिए गए हैं. पहले हुए भूस्खलन के कारण यह मार्ग कई स्थानों पर अवरूद्ध हो गया था.
अधिकारियों के अनुसार दक्षिणी मिज़ोरम के लुंगलेई ज़िले के तलाबुंग शहर में नौ कच्चे मकान बाढ़ में बह गए और 12 अन्य मकान क्षतिग्रस्त हो गए.
12 जून से लगातार हो रही बारिश के कारण बाढ़ की स्थिति पैदा हो गई है.
नगालैंड: एनपीएफ ने केंद्र से लोगों के भोजन पर पाबंदी नहीं लगाने को कहा
कोहिमा: सत्तारूढ़ नगा पीपुल्स फ्रंट ने केंद्र से लोगों के खाने की आदतों पर पाबंदी नहीं लगाने का आग्रह किया.
वध के लिए पशु बाजार में मवेशियों की ख़रीद-बिक्री पर केंद्र सरकार की अधिसूचना की पृष्ठभूमि में एनपीएफ की केंद्रीय कार्यकारी परिषद (सीईसी) ने बीते 14 जून को यह अपील की है.
सीईसी ने नगा लोगों के सभी धड़े ख़ासकर एनएससीएन (के) नेताओं से हिंसा छोड़कर बिना किसी देरी के केंद्र सरकार के साथ शांति प्रक्रिया शुरू करने की अपील की है.
असम: राज्य की महिला लेखकों की कहानियां है ‘इकोज़ फ्रॉम द वैली’
गुवाहाटी: असमी साहित्य को समृद्ध बनाने में महिला लेखकों का शानदार योगदान रहा है और उनके प्रभाव क्षेत्र को और व्यापक आकार देने के लिए 11 प्रतिष्ठित लेखिकाओं की अनुवादित कृतियों को एक नई किताब की शक्ल दी गई है.
पत्रकार परबीना रशीद द्वारा अनुवादित और संकलित ‘इकोज़ फ्रॉम द वैली: स्टोरीज़ बाय असमीज़ वुमन राइट्स’ आधुनिक साहित्य की लघु कथा शैली में हो रहे बदलाव को दर्शाती है.
रशीद ने कहा, सैकड़ों कहानियों से गुज़रने के बाद मैंने इन 11 कहानियों को चुना, इसका मतलब ये नहीं है कि अन्य का साहित्यिक मूल्य कहीं से भी कम था, लेकिन ये सभी कहानियां एक साथ मिलकर जटिल संस्कृति की पूरी तस्वीर को बयां करती हैं.
यह संकलन 11 लेखिकाओं के नज़रिये से असमी संस्कृति में महिलाओं के विकास को समझने का भी प्रयास है.
इनमें स्नेहा देवी, निरूपमा बोरगोहेन, इंदिरा गोस्वामी, अरपा पतंगिया कलिता, रीता चौधरी, अनुराधा शर्मा पुजारी से लेकर मौसमी कंडली और जुरी बोरा बोरगोहेन जैसी युवा लेखिका शामिल हैं.
असम: ऑक्सफोर्ड लाया अंग्रेज़ी-अंग्रेज़ी असमिया शब्दकोष
गुवाहाटी: ऑक्सफोर्ड के नए अंग्रेज़ी-अंग्रेज़ी असमिया शब्दकोष में 24 हज़ार शब्द, मुआवरे, लोकोक्तियां, 200 से अधिक चित्र, उदाहरण के तौर पर दिए 13,000 वाक्य, 1100 पर्यायवाची और विलोम शब्द शामिल किए गए हैं.
ये अंग्रेज़ी सीखने की कोशिश करने वाले असमिया भाषी लोगों के लिए ख़ासतौर पर मददगार साबित हो सकते हैं.
इस शब्दकोष का मूल आधार ऑक्सफोर्ड का शब्दकोष ही है. इसमें असमिया में किए गए अनुवाद को सरल रखा गया है, जो कि इस भाषा के मौजूदा इस्तेमाल को दर्शाता है. प्रयोगकर्ताओं को उच्चारण में मदद करने के लिए इसमें उच्चारण की एक गाइड भी दी गई है.
ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी प्रेस ने कहा, सीखने के इस नए स्रोत को सिर्फ छात्रों के लिए नहीं बल्कि अंग्रेजी सीखने वाले व्यस्कों, शिक्षकों, अनुवादकों और आम पाठकों के लिए भी तैयार किया गया है.
इस शब्दकोष को अंग्रेज़ी सीखने वाले असमिया भाषी लोगों के लिए अहम माना जा रहा है.
इस शब्दकोष का विमोचन 14 जून को गुवाहाटी में कई शिक्षाविदों, शिक्षकों और शैक्षणिक संस्थानों के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में किया गया.