हाल ही में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल होने वाले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि मध्य प्रदेश के विकास, प्रगति और उन्नति के अपने संकल्प के साथ कांग्रेस के सभी 22 पूर्व विधायकों ने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा जी के निवास पर भाजपा की सदस्यता ग्रहण की.
नई दिल्ली: मध्य प्रदेश विधानसभा से इस्तीफा देकर कमलनाथ सरकार को गिराने वाले कांग्रेस के 22 बागी विधायक शनिवार को भाजपा में शामिल हो गये. भाजपा महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने यह जानकारी दी.
ये बागी विधायक ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा से मिले जिन्होंने भगवा पार्टी में शामिल होने के उनके फैसले का स्वागत किया.
ऐसी संभावना है कि भाजपा उनके इस्तीफे के बाद होने वाले विधानसभा उपचुनाव में उन्हें चुनाव मैदान में उतारे.
सिंधिया समर्थक समझे जाने वाले इन विधायकों ने नड्डा से उनके निवास स्थान पर भेंट की. इस मौके पर विजयवर्गीय भी मौजूद थे.
पूर्व केंद्रीय मंत्री सिंधिया हाल ही में कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गये थे.
सिंधिया ने ट्वीट कर कहा, ‘मध्य प्रदेश के विकास, प्रगति और उन्नति के अपने संकल्प के साथ कांग्रेस के सभी 22 पूर्व विधायक जो मेरे परिवार के सदस्य हैं, उन्होंने आज भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, जेपी नड्डा जी के निवास पर भाजपा की सदस्यता ग्रहण की.’
मध्य प्रदेश के विकास प्रगति और उन्नति के अपने संकल्प के साथ कांग्रेस के सभी 22 पूर्व विधायक जो मेरे परिवार के सदस्य हैं, उन्होंने आज भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष, श्री जेपी नड्डा जी के निवास पर भाजपा की सदस्यता ग्रहण की। @JPNadda @BJP4India pic.twitter.com/DjM5E2QtLM
— Jyotiraditya M. Scindia (@JM_Scindia) March 21, 2020
बता दें कि, भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के सभी वफादारों ने 9 मार्च को पार्टी से इस्तीफा दे दिया था, जिससे कमलनाथ सरकार गिर गई.
हालांकि, इस्तीफे को विधानसभा अध्यक्ष एनपी प्रजापति ने तुरंत स्वीकार नहीं किया था.
विधायकों को बाद में किसी भी खरीद-फरोख्त के प्रयासों से बचाने के लिए भाजपा द्वारा बेंगलुरु के एक रिसॉर्ट में ले जाया गया था.
हालांकि, सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के बाद विधानसभा अध्यक्ष ने इन बागी विधायकों में से 16 का इस्तीफा बृहस्पतिवार को स्वीकार कर लिया था. विधानसभा अध्यक्ष उनमें से छह का इस्तीफा पहले ही स्वीकार कर चुके थे.
22 विधायकों के इस्तीफा देने के बाद 230 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत के लिए जरूरी 116 विधायकों में से अब कांग्रेस के पास केवल 92 विधायक रह गए थे.
ऐसे में जब स्पष्ट हो गया कि कमलनाथ सरकार अपना बहुमत गंवा बैठा है तो उसके अगले दिन मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस्तीफा दे दिया.
ऐसी संभावना है कि भाजपा मध्यप्रदेश में सरकार बनाने का दावा कर सकती है. कोरोना वायरस से उत्पन्न संकट के खत्म हो जाने के बाद चुनाव आयोग उपचुनाव की तारीखों की घोषणा करेगा.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)