मानव संसाधन एवं विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने बताया कि इस अवधि के दौरान शिक्षकों को ड्यटी पर ही माना जाएगा. इसके साथ ही यह व्यवस्था अस्थाई और अनुबंधित शिक्षकों पर भी लागू रहेगी.
नई दिल्लीः कोरोना वायरस संकट के मद्देनजर मानव संसाधन विकास (एचआरडी) मंत्रालय ने सभी शिक्षकों, गैर शिक्षण कर्मियों और शोधार्थियों को 31 मार्च तक घर से काम करने के सुझाव दिए.
एचआरडी मंत्रालय ने कहा कि इस अवधि के दौरान उन्हें ड्यूटी पर ही माना जाएगा.
📢 Announcement
The Teachers/Researchers/Non-Teaching staff of schools/organisations are permitted and highly advised to work from home till 31st March 2020.
The said period shall be counted as being on-duty for all Faculty members/Teachers/Researchers and Non-Teaching staff.— Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) March 22, 2020
मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने ट्वीट कर कहा, ‘स्कूलों/संगठनों के शिक्षकों, शोधार्थियों, गैर शिक्षण स्टाफ को 31 मार्च 2020 तक घर से काम करने की सलाह दी जाती है. सभी शिक्षणकर्मियों, शिक्षकों, शोधार्थियों और गैर शिक्षण स्टाफ को इस अवधि में घर से काम करने की स्थिति में ड्यूटी पर माना जाएगा.’
The same is applicable for Ad-hoc Teachers & Contact Teachers too, provided their contract is still valid up to 31st March 2020.
This precaution ensures their safety amidst the #coronavirusoutbreak.— Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) March 22, 2020
एचआरडी मंत्री ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘यह व्यवस्था अस्थायी और अनुबंध आधारित शिक्षकों पर भी लागू होती है, अगर उनका अनुबंध 31 मार्च 2020 तक वैध है तो कोरोना के मद्देनजर एहतियातन उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करेगा.’
📢 Announcement
Students who are still residing in the hostels, especially international students, should be allowed to continue with their stay.However, they are advised to take all necessary safety precautions.#COVID19outbreak#CoronaOutbreak#IndiaFightsCorona
— Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) March 22, 2020
एचआरडी मंत्री ने कहा, ‘जो छात्र अभी भी छात्रावासों में हैं, खासकर अंतरराष्ट्रीय छात्र, उन्हें वहां रहने की अनुमति दी जाती है. हालांकि उन्हें कोरोना वायरस को लेकर सभी जरूरी एहतियाती सुरक्षा उपाय करने की सलाह दी जाती है.’
उन्होंने कहा कि घर में समय को उत्पादक बनाने के लिये शिक्षकों को आने वाले अकादमिक वर्ष के लिये कार्य योजना तैयार करने, ऑनलाइन शिक्षण समग्री तैयार करने, शोध करने, लेख या ब्लॉग लिखने का सुझाव दिया जाता है.
बता दें कि सभी शिक्षण कर्मियों, शिक्षकों, शोधार्थियों, गैर शिक्षण कर्मियों से अपने संस्थान को मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी आदि देने को कहा गया है ताकि आपात स्थिति में उनसे संपर्क किया जा सके.
मालूम हो कि इससे एक दिन पहले ही केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय के उच्च शिक्षा सचिव अमित खरे ने सभी राज्यों समेत यूजीसी, एआईसीटीई, एनआईओएस, एनसीटीई, आईआईटी, आईआईएम, एनआईटी समेत आईआईआईटी प्रबंधन को पत्र लिखकर कहा था कि कोरोना वायरस से बचाव के लिए सभी शिक्षण संस्थान 31 मार्च तक बंद हैं इसलिए घर बैठे छात्रों को तकनीक के माध्यम से ऑनलाइन कक्षाओं की मदद लेनी होगी.
वहीं, यूजीसी के सचिव प्रोफेसर रजनीश जैन की ओर से सभी विश्वविद्यालयों को पत्र लिखकर कहा गया कि सभी प्रकार की परीक्षा, मूल्यांकन व शोधकार्य, थीसिस जमा करने का काम 31 मार्च तक तत्काल प्रभाव से स्थगित कर दिया गया है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)