बीते 10 मार्च को ज्योतिरादित्य सिंधिया के 22 विधायकों के साथ कांग्रेस से इस्तीफ़ा देने के बाद मध्य प्रदेश की कांग्रेस नेतृत्व वाली सरकार संकट में आ गई थी. कई दिनों के सियासी घमासान के बाद कांग्रेस सरकार में मुख्यमंत्री रहे कमलनाथ ने बहुमत साबित करने से पहले ही पद से इस्तीफ़ा दे दिया था.
भोपाल: बीते दिनों कांग्रेस नेतृत्व वाली कमलनाथ सरकार गिरने के बाद सोमवार को भाजपा नेता शिवराज सिंह चौहान ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में चौथी बार शपथ ली.
भोपाल स्थित राजभवन में राज्यपाल लालजी टंडन ने रात नौ बजे उन्हें पद और गोपनीयता की शपथ दिलाई. मध्य प्रदेश के इतिहास में यह पहली बार हुआ है, जब किसी व्यक्ति ने चौथी बार सत्ता संभाली है.
शिवराज इससे पहले 2005 से 2018 तक लगातार 13 साल तक मुख्यमंत्री रह चुके हैं.
जिन 22 पूर्व विधायकों ने अपनी पार्टी की सदस्यता त्याग कर @BJP4India की सदस्यता ग्रहण की है, मैं उन साथियों के प्रति आभार प्रकट करता हूँ और उन्हें धन्यवाद देता हूँ।
मैं उन्हें आश्वस्त करता हूँ कि उनकी उम्मीदों पर खरा उतरूंगा और उनके विश्वास को कभी टूटने नहीं दूंगा।
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) March 23, 2020
शपथ ग्रहण करने के बाद उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘जिन 22 पूर्व विधायकों ने अपनी पार्टी (कांग्रेस) की सदस्यता त्याग कर भाजपा की सदस्यता ग्रहण की है, मैं उन साथियों के प्रति आभार प्रकट करता हूं और उन्हें धन्यवाद देता हूं. उन्हें आश्वस्त करता हूं कि उनकी उम्मीदों पर खरा उतरूंगा और उनके विश्वास को कभी टूटने नहीं दूंगा.’
एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘ज्योतिरादित्य सिंधिया जी, मैं आपका हृदय से आभारी हूं और आपका अभिनंदन करता हूं. हम मध्य प्रदेश की प्रगति और विकास के लिए साथ मिलकर सदैव कार्य करते रहेंगे.’
श्री @JM_Scindia जी, मैं आपका हॄदय से आभारी हूँ और आपका अभिनंदन करता हूँ। हम मध्यप्रदेश की प्रगति और विकास के लिए साथ मिलकर सदैव कार्य करते रहेंगे। https://t.co/wecmcCFulq
— Shivraj Singh Chouhan (@ChouhanShivraj) March 23, 2020
इससे पहले ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्वीट कर शिवराज सिंह को बधाई देते हुए लिखा था, ‘मध्य प्रदेश में भाजपा की सरकार बनने और चौथी बार मुख्यमंत्री का पद संभालने पर शिवराजसिंह चौहान जी को हार्दिक बधाई. प्रदेश के विकास प्रगति और उन्नति में मैं सदैव आपके साथ खड़ा हूं. मुझे पूरा विश्वास है कि आप के नेतृत्व में मध्य प्रदेश विकास के नए आयाम स्थापित करेगा.’
मालूम हो कि बीते 20 मार्च को उच्चतम न्यायालय ने मध्य प्रदेश की कांग्रेस नेतृत्व वाली कमलनाथ सरकार को बहुमत साबित करने का निर्देश दिया था. हालांकि बहुमत साबित करने से पहले ही उन्होंने इस्तीफा दे दिया था और कांग्रेस नेतृत्व वाली उनकी सरकार गिर गई थी.
बीते 10 मार्च को कांग्रेस के नेता रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया के इस्तीफा देकर भाजपा में शामिल होने से राज्य की कमलनाथ सरकार संकट में आ गई थी. ज्योतिरादित्य के साथ 22 अन्य विधायकों ने भी इस्तीफा दे दिया था.
बाद में कांग्रेस से इस्तीफा देने वाले 22 विधायक भी भाजपा में शामिल हो गए थे.
22 विधायकों के इस्तीफा देने के बाद 230 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत के लिए जरूरी 116 विधायकों में से अब कांग्रेस के पर केवल 92 विधायक रह गए थे.
बीते 16 मार्च को सदन में राज्यपाल के अभिभाषण के तुरंत बाद कमल नाथ सरकार को विश्वास मत हासिल करने के निर्देश का पालन किए बगैर ही विधानसभा की कार्यवाही 26 मार्च के लिए स्थगित करने की अध्यक्ष की घोषणा के बाद पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और भाजपा के नौ विधायकों ने उच्चतम न्यायालय में याचिका दायर की थी.
दो दिन चली सुनवाई के बाद उच्चतम न्यायालय ने कमलनाथ को सदन में विश्वास मत हासिल करने का आदेश दिया था. दिसंबर 2018 में कमलनाथ ने प्रदेश के 18वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी.