साल 1999 में पद्म विभूषण से सम्मानित सतीश गुजराल वास्तुकार, चित्रकार, भित्तिचित्र कलाकार और ग्राफिक कलाकार भी थे. वह पूर्व प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल के भाई थे.
नई दिल्ली: मशहूर कलाकार और वास्तुकार सतीश गुजराल का निधन हो गया है. वह 94 वर्ष के थे.
कला जगत से ताल्लुक रखने वाले रंजीत होसकोटे ने शुक्रवार को बताया कि गुजराल का बृहस्पतिवार देर रात नई दिल्ली में निधन हो गया.
उन्होंने बताया, ‘वह पिछले कुछ वक्त से अस्वस्थ थे.’
1999 में पद्म विभूषण से सम्मानित गुजराल वास्तुकार, चित्रकार, भित्तिचित्र कलाकार और ग्राफिक कलाकार भी थे. वह पूर्व प्रधानमंत्री इंद्र कुमार गुजराल के भाई थे.
उनके प्रमुख कामों में दिल्ली उच्च न्यायालय के बाहर की दीवार पर अल्फाबेट भित्तिचित्र शामिल हैं. उन्होंने दिल्ली में बेल्जियम दूतावास को भी डिजाइन किया था. उन्होंने गोवा विश्वविद्यालय को भी डिजाइन किया था.
गुजराल की कलाकृतियों में उनके शुरुआती जीवन के उतार-चढ़ाव की झलक देखने को मिलती है, जिनमें बचपन में उनके सुनने क्षमता को बाधित करने वाली बीमारी और देश का विभाजन शामिल है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, साल 1925 में पाकिस्तान के झेलम में जन्म सतीश गुजराल ने नौ साल की उम्र में कश्मीर के पहलगाम में एक एक्सीडेंट के बाद चित्रकारी शुरू की थी. इस एक्सीडेंट की वजह से उनके सुनने की क्षमता प्रभावित हो गई थी.
Just heard the sad news of Satish Gujral's passing. Unlike many of his peers, who went to Paris or London in the early 1950s, Gujral went to Mexico City to study with Diego Rivera and Siqueiros. Gujral's was a versatile practice spanning painting, sculpture and architecture. RIP. pic.twitter.com/kRtIjUpJWt
— Ranjit Hoskote (@ranjithoskote) March 26, 2020
होसकोटे ने अपनी संवेदनाएं जताते हुए ट्वीट किया, ‘1950 की शुरुआत में पेरिस या लंदन गए अपने कई साथियों से अलग गुजराल डिएगो रिवेरा और सिक्वेरोस के साथ पढ़ने के लिए मैक्सिको शहर गए थे. गुजराल बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दें.’
Satish Gujral Ji was versatile and multifaceted. He was admired for his creativity as well as the determination with which he overcame adversity. His intellectual thirst took him far and wide yet he remained attached with his roots. Saddened by his demise. Om Shanti.
— Narendra Modi (@narendramodi) March 27, 2020
उनके निधन पर श्रद्धांजलि देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, ‘सतीश गुजराल जी बहुमुखी और बहुआयामी थे. वह अपनी रचनात्मकता के साथ-साथ दृढ़ निश्चय के लिए जाने जाते थे, जिनके साथ उन्होंने प्रतिकूल परिस्थितियों पर काबू पाया. उनकी बौद्धिक प्यास उन्हें दूर तक ले गई, लेकिन वे अपनी जड़ों से जुड़े रहे. उनके निधन से दुखी हूं. ओम शांति.’
Deeply saddened to hear about the demise of celebrated painter, sculptor, muralist & architect Sh Satish Gujral.
He will be remembered & missed by legions of his followers & admirers.
I offer my heartfelt condolence to his family. pic.twitter.com/MKp2VJKYED
— Hardeep Singh Puri (@HardeepSPuri) March 27, 2020
केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने ट्वीट कर कहा, ‘प्रसिद्ध चित्रकार, मूर्तिकार, भित्ति चित्रकार और वास्तुविद श्री सतीश गुजराल के निधन के बारे में सुनकर दुख हुआ. वह अपने अनुयायियों और प्रशंसकों याद और याद किया जाएगा. मैं उनके परिवार के प्रति अपनी हार्दिक संवेदना अर्पित करता हूं.’
उनकी वेबसाइट में सतीश गुजराल को समकालीन भारतीय कला के अग्रदूतों में से एक बताया गया है. वेबसाइट के अनुसार, स्वतंत्रता के बाद वह उन लोगों में शामिल रहे जिनका प्रभुत्व भारत के कला परिदृश्य में लगातार बना रहा.
सतीश गुजराल के काम पर आधारित चार किताबें प्रकाशित हो चुकी हैं, जिसमें उनकी आत्मकथा भी शामिल है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)