बीते मंगलवार को केंद्र सरकार की मांग पर सुप्रीम कोर्ट ने मीडिया से कहा था कि वह सरकार से पुष्टि के बाद ही कोरोना वायरस से संबंधित खबरें चलाए.
नई दिल्ली: सरकार के पत्र सूचना कार्यालय (पीआईबी) ने कोरोना वायरस की खबर देते समय मीडिया को सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए निर्देश को बुधवार को रेखांकित किया.
इसमें प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया सहित मीडिया को जिम्मेदारी की प्रबल भावना बरकरार रखने और यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया गया है कि ऐसे अप्रमाणित समाचारों का प्रसार न होने पाए, जिनसे दहशत फैल सकती हो.
सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के तहत आने वाले पत्र सूचना कार्यालय ने एक बयान में कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने इस बात पर ध्यान दिया है कि शहरों में काम करने वाले कामगारों के बड़ी संख्या में पलायन का कारण इस फेक न्यूज के कारण फैली दहशत थी कि लॉकडाउन तीन महीने से ज्यादा अवधि तक चलने वाला है.
बयान में कहा गया कि न्यायालय ने गौर किया है कि इलेक्ट्रॉनिक, प्रिंट और सोशल मीडिया द्वारा प्रसारित की जाने वाली फर्जी खबर की अनदेखी कर पाना उसके लिए संभव नहीं है क्योंकि इनसे फैली दहशत के कारण पलायन से लोगों की तकलीफें बढ़ गयी. इसके कारण कुछ लोगों को जान तक गंवानी पड़ी.
बयान के मुताबिक, न्यायालय ने अपने आदेश में कहा है कि वह महामारी के बारे में निष्पक्ष चर्चा पर दखल नहीं देना चाहता, लेकिन साथ ही न्यायालय ने मीडिया को घटनाक्रमों के बारे में आधिकारिक विवरण का संदर्भ लेने और प्रकाशन करने का निर्देश दिया है.
वहीं, सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद भारतीय प्रेस परिषद (पीसीआई) ने बुधवार को मीडिया से अपील की कि वह जिम्मेदारीपूर्वक यह सुनिश्चित करे कि कोरोना वायरस पर सरकार द्वारा जारी रोजाना बुलेटिन के आधार पर सत्यापित खबरें ही प्रकाशित हों.
मीडिया निगरानीकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश का हवाला दिया है जिसने मीडिया से बड़ी ही जिम्मेदारी का बोध बनाये रखने और यह सुनिश्चित करने को कहा है कि दहशत फैलने वाली असत्यापित खबरें प्रसारित न हों.
परिषद ने कहा कि प्रिंट मीडिया सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों का संज्ञान ले.
इसके साथ ही न्यूज़ ब्रॉडकास्टर्स एसोसिएशन (एनबीए) ने भी सुप्रीम कोर्ट के उस दिशानिर्देश का स्वागत किया.
एनबीए के अध्यक्ष रजत शर्मा द्वारा जारी बयान के अनुसार, एसोसिएशन ने कहा है कि उसे यह जानकर खुशी है कि लोगों में भ्रम को दूर करने के लिए सरकार सोशल मीडिया और मंचों सहित सभी मीडिया एवेन्यू के माध्यम से दैनिक बुलेटिन उपलब्ध कराएगी.
बयान के मुताबिक, ‘इससे भ्रम दूर करने में मीडिया को बहुत मदद मिलेगी और वह सही खबरें दिखा सकेगी. ’
सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को कोरोना वायरस की वजह से कामगारों के पलायन को रोकने और 24 घंटे के भीतर इस महामारी से जुड़ी जानकारियां उपलब्ध कराने के लिए एक पोर्टल बनाने का भी केन्द्र को निर्देश दिया था.
न्यायालय ने कहा कि इस पोर्टल पर महामारी से संबंधित सही जानकारी जनता को उपलब्ध करायी जाए, ताकि फर्जी खबरों के जरिए फैल रहे डर को दूर किया जा सके.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)