राष्ट्रीय महिला आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, लॉकडाउन के दौरान घरेलू हिंसा के 69, विवाहित महिलाओं की प्रताड़ना के 15, दहेज की वजह से हत्या के दो और बलात्कार या बलात्कार के प्रयास के 13 मामले दर्ज हुए हैं.
नई दिल्लीः राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने कोरोना वायरस के मद्देनजर लॉकडाउन के दौरान घरेलू हिंसा और प्रताड़ना की घटनाएं बढ़ने पर चिंता जताई है.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, एनसीडब्ल्यू की अध्यक्ष रेखा शर्मा ने कहा कि आयोग को अधिकतर रूप से ईमेल के जरिए शिकायतें मिल रही है.
मार्च के पहले सप्ताह में एनसीडब्ल्यू को देशभर में महिलाओं के खिलाफ अपराध की 116 शिकायतें मिली थीं. लॉकडाउन के दौरान 23 से 31 मार्च के दौरान घरेलू हिंसा की शिकायतें बढ़कर 257 हो गईं.
रेखा ने कहा, ‘एनसीडब्ल्यू तो 24 मार्च से एक अप्रैल तक घरेलू हिंसा की 69 शिकायतें मिलीं और इसमें लगातार इजाफा होता रहा. मुझे सीधे ईमेल मिल रहे हैं. मुझे हर रोज एक या दो ईमेल मिल रहे हैं.
उन्होंने आगे बताया, ‘मुझे नैनीताल से एक ईमेल मिला, जहां एक महिला दिल्ली में अपने घर नहीं जा पा रही है और उसका पति उसे लगातार पीटता और प्रताड़ित करता है. उसने एक हॉस्टल में शरण ली है, जहां वह लॉकडाउन के दौरान रह रही है. वह पुलिस के पास भी नहीं जाना चाहती क्योंकि उसका कहना है कि अगर पुलिस उसके पति को पकड़ लेती है तो उसे अपने सास-ससुर के पास रहना पड़ेगा और उसकी प्रताड़ना जारी रहेगी.’
रेखा ने कहा, ‘मुझे लॉकडाउन के दौरान बिल्कुल अलग-अलग तरह की शिकायतें देखने को मिली. महिलाएं पुलिस के पास जाना भी चाहे तो भी वे नहीं जा पा रही हैं और अधिकतर मामलों में वे खुद ही जाना नहीं चाहती क्योंकि अगर कुछ दिनों बाद पति रिहा हो जाएगा तो महिला अपना घर नहीं छोड़ पाएगी.’
बता दें कि पीड़ित विभिन्न राज्यों में आयोग के कार्यालयों में जाकर, डाक के जरिए, फोन कॉल, ऑनलाइन, ईमेल और अन्य सोशल मीडिया माध्यमों के जरिए शिकायतें दर्ज करा सकते हैं.
लॉकडाउन के तहत पीड़ितों के लिए शिकायत दर्ज कराने के सिर्फ तीन तरीके हैं. पहला सोशल मीडिया, दूसरा ईमेल और तीसरा ऑनलाइन पंजीकरण.
एनसीडब्ल्यू के आंकड़ों के मुताबिक, लॉकडाउन के दौरान घरेलू हिंसा के 69 मामले, गरिमा के साथ जीने के 77 मामले, विवाहित महिलाओं की प्रताड़ना के 15 मामले, दहेज की वजह से हत्याओं के दो मामले, बलात्कार या बलात्कार के प्रयास के 13 मामले दर्ज हुए हैं.
घरेलू हिंसा और प्रताड़ना की सर्वाधिक 90 शिकायतें उत्तर प्रदेश से आई हैं. दिल्ली से 37, बिहार से 18, मध्य प्रदेश से 11 और महाराष्ट्र से 18 शिकायतें आई हैं.
लॉकडाउन से पहले उत्तर प्रदेश से समान अवधि में 36, दिल्ली से 16, बिहार से आठ, मध्य प्रदेश से चार और महाराष्ट्र से पांच शिकायतें दर्ज हुई थीं.
एनसीडब्ल्यू के एक अधिकारी ने कहा, ‘हम बहुत ही छोटी-सी वैधानिक संस्था है इसलिए महिलाओं के खिलाफ अपराधों की अधिकतर शिकायतें पुलिस के पास आती हैं. हमारे पास बहुत थोड़ी शिकायतें आती हैं. पीड़िताएं हमें बात रही हैं कि वे लॉकडाउन की वजह से पुलिस के पास नहीं जा पा रही हैं. महिलाओं के खिलाफ अपराध विशेष रूप से घरेलू प्रताड़ना के मामलों में बढ़ोतरी बहुत ही चिंताजनक रुझान है.’
रेखा शर्मा ने कहा कि एनसीडब्ल्यू लगातार इन पीड़ितों के संपर्क में है.