इम्तियाज़ अली की आने वाली फिल्म जब हैरी मेट सेजल के डायलॉग प्रोमो में ‘इंटरकोर्स’ शब्द पर आपत्ति जताते हुए सेंसर बोर्ड अध्यक्ष ने ट्रेलर टीवी पर दिखाए जाने पर क़ानूनी कदम उठाने की बात कही है.
केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड (सीबीएफसी) को फिल्मकारों का नायक-नायिका के संबंधों को लेकर खुलापन रास नहीं आ रहा है. ‘लिपस्टिक अंडर माय बुरखा’ फिल्म की रिलीज़ को लेकर हुए विवाद के बाद अब मामला मशहूर फिल्मकार इम्तियाज़ अली की नई फिल्म ‘जब हैरी मेट सेजल’ से जुड़ा है.
गौरतलब है कि इम्तियाज़ की फिल्म ‘जब हैरी मेट सेजल’ के तीन मिनी ट्रेलर पिछले दिनों इंटरनेट पर रिलीज़ हुए. द क्विंट की एक रिपोर्ट के अनुसार एक ट्रेलर में शाहरुख़ खान और अनुष्का शर्मा के किरदारों के बीच हो रही बातचीत में ‘इंटरकोर्स’ (संभोग) शब्द से सीबीएफसी प्रमुख पहलाज निहलानी को आपत्ति है.
उनके अनुसार यह अश्लील है. इस ट्रेलर में नायक-नायिका के किरदार संभावित इंटरकोर्स के क़ानूनी परिणामों पर चर्चा करते दिखते हैं.
निहलानी ने द क्विंट को बताया कि सेंसर बोर्ड द्वारा ट्रेलर में से यह शब्द हटाने का आदेश दिया गया था. उन्होंने कहा, ‘हमने इस डायलॉग से इंटरकोर्स शब्द डिलीट करने की शर्त पर इस ट्रेलर को U/A सर्टिफिकेट दिया था. पर वे इसे डिलीट करने के बाद हमारे पास नहीं आए. तो नियमानुसार देखा जाए तो यह ट्रेलर अभी पास ही नहीं हुआ है.’ साथ ही उनका यह भी कहना था कि बिना इस शब्द को सेंसर किए ट्रेलर को किसी भी माध्यम से प्रसारित करने की अनुमति नहीं है.
हालांकि इंटरनेट पर ट्रेलर आने के बाद इसे कई समाचार चैनलों द्वारा दिखाया गया है. इस पर निहलानी का कहना है, ‘उन्होंने बिना सेंसर किया टेलर यूट्यूब पर अपलोड कर दिया है. सीबीएफसी इंटरनेट के कंटेंट पर रोक नहीं लगा सकता. लेकिन हम बिना सेंसर की गई फुटेज का टीवी पर प्रसारण रोक सकते हैं. ट्रेलर को इंटरनेट से लेकर विभिन्न समाचार चैनलों ने चलाया है. ये बिल्कुल ग़ैर-क़ानूनी है और जिन चैनलों ने इम्तियाज़ की फिल्म का बिना सेंसर किया कंटेंट चलाया है, हम उनके ख़िलाफ़ कड़े से कड़े कदम उठाने की सोच रहे हैं.’
ज्ञात हो कि फिल्म 4 अगस्त को रिलीज़ होनी है.