अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार की दौड़ से हटने वाले सीनेटर बर्नी सैंडर्स ने कहा कि अभियान भले खत्म हो गया हो लेकिन न्याय के लिए संघर्ष जारी रहेगा.
वाशिंगटन: अमेरिका में राष्ट्रपति चुनाव में डेमोक्रेट्स के उम्मीदवार की दौड़ में आगे चल रहे सीनेटर बर्नी सैंडर्स ने अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली है जिसके बाद पूर्व उपराष्ट्रपति जो बाइडेन के लिए रास्ता लगभग साफ हो गया है.
इस बात की संभावना बन रही है कि नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के समक्ष बाइडेन खड़े हों.
दौड़ से हटने की घोषणा करते हुए 78 वर्षीय बर्नी ने ट्वीट किया, ‘आज मैं अपना चुनावी अभियान खत्म कर रहा हूं. अभियान भले खत्म हो गया हो लेकिन न्याय के लिए संघर्ष जारी रहेगा.’
Today I am suspending my campaign. But while the campaign ends, the struggle for justice continues on. https://t.co/MYc7kt2b16
— Bernie Sanders (@BernieSanders) April 8, 2020
सैंडर्स ने अपने घर से लाइवस्ट्रीम में कहा, ‘मैं इस नतीजे पर पहुंचा हूं कि यह लड़ाई सफल नहीं होगी. उप राष्ट्रपति बाइडन उम्मीदवार होंगे. एक सज्जन पुरुष, जिनके साथ मैं हमारे प्रगतिशील विचार आगे बढ़ाने के लिए काम करूंगा.’
रॉयटर्स के अनुसार, वर्मांट से अमेरिकी सीनेटर सैंडर्स एक लोकतांत्रिक समाजवादी हैं और पार्टी में वामपंथी विचारधारा को मजबूत करने की कोशिश की.
डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद की रेस में शुरुआत में उन्होंने बढ़त बनाई, लेकिन फरवरी के अंत में दक्षिण कैरोलाइना से हारने के बाद काफी पीछे चले गए क्योंकि उदारवादी डेमोक्रेट उम्मीदवारों ने अपना समर्थन जो बाइडेन को दे दिया.
सैंडर्स के हटने के बाद अब मुकाबला 77 वर्षीय पूर्व उप राष्ट्रपति जो बाइडेन और 73 वर्षीय राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के बीच होने की संभावना है जो कि दूसरी बार चार वर्षीय कार्यकाल पाने के लिए चुनाव लड़ेंगे.
इससे पहले साल 2016 में सैंडर्स ने डेमोक्रेट राष्ट्रपति उम्मीदवार हिलेरी क्लिंटर को कड़ी टक्कर दी थी.
वहीं, दिल्ली में हिंसा की घटनाओं को ‘भारत का आंतरिक मामला’ बताने पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की कड़ी निंदा करते हुए अमेरिकी राष्ट्रपति पद के लिए डेमोक्रेटिक उम्मीदवार बर्नी सैंडर्स ने कहा था कि यह मानवाधिकार पर नेतृत्व की विफलता है.
इसके साथ ही पिछले साल सितंबर में उन्होंने कहा था कि वह कश्मीर के हालात पर काफी चिंतित हैं. उन्होंने अमेरिकी सरकार से अपील की थी कि वह कश्मीर से जुड़े संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव के समर्थन में खुलकर बात करे. उन्होंने कश्मीर में तत्काल इंटरनेट और फोन बहाली की भी मांग की थी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)