माल्या को ब्रिटेन हाईकोर्ट से मिली राहत, दिवालिया घोषित करने की याचिका पर सुनवाई स्थगित

एसबीआई के नेतृत्व वाले भारतीय बैंकों के समूह ने याचिका दायर कर क़र्ज़ में डूबे कारोबारी विजय माल्या को दिवालिया घोषित करने की मांग की है, ताकि उनसे तकरीबन 10,837 करोड़ रुपये का क़र्ज़ वसूला जा सके.

London: F1 Force India team boss Vijay Mallya smiles as he arrives to attend a hearing at Westminster Magistrates Court in London, Wednesday, Sept. 12, 2018. Investigators have accused the 62-year-old of paying $200,000 to a British firm for displaying his company Kingfisher's logo during the Formula One World Championships in London and some European countries in the 1990s. AP/PTI(AP9_12_2018_000201B)
विजय माल्या. (फोटो: एपी/पीटीआई)

एसबीआई के नेतृत्व वाले भारतीय बैंकों के समूह ने याचिका दायर कर क़र्ज़ में डूबे कारोबारी विजय माल्या को दिवालिया घोषित करने की मांग की है, ताकि उनसे तकरीबन 10,837 करोड़ रुपये का क़र्ज़ वसूला जा सके.

London: F1 Force India team boss Vijay Mallya smiles as he arrives to attend a hearing at Westminster Magistrates Court in London, Wednesday, Sept. 12, 2018. Investigators have accused the 62-year-old of paying $200,000 to a British firm for displaying his company Kingfisher's logo during the Formula One World Championships in London and some European countries in the 1990s. AP/PTI(AP9_12_2018_000201B)
शराब कारोबारी विजय माल्या. (फोटो: पीटीआई)

लंदन: शराब कारोबारी विजय माल्या को राहत देते हुए लंदन में उच्च न्यायालय ने एसबीआई के नेतृत्व वाले भारतीय बैंकों के समूह की उस याचिका पर सुनवाई स्थगित कर दी जिसमें कर्ज के बोझ से दबे कारोबारी को दिवालिया घोषित करने की मांग की गई है ताकि उनसे तकरीबन 10,837 करोड़ रुपये (1.145 अरब पाउंड) का कर्ज वसूला जा सके.

उच्च न्यायालय की दिवालिया शाखा के न्यायाधीश माइक ब्रिग्स ने माल्या को राहत देते हुए कहा कि जब तक भारत के उच्चतम न्यायालय में उनकी याचिकाओं और कर्नाटक उच्च न्यायालय के समक्ष समझौते के उनके प्रस्ताव का निपटारा नहीं हो जाता तब तक उन्हें वक्त दिया जाना चाहिए.

‘चीफ इन्सॉल्वेंसी एंड कंपनी कोर्ट’ के न्यायाधीश ब्रिग्स ने बृहस्पतिवार को दिए अपने फैसले में कहा कि इस समय बैंकों को इस तरह की कार्रवाई आगे बढ़ाने का मौका देने की कोई वजह नहीं है.

उन्होंने अपने फैसले में कहा, ‘यह दिवालिया याचिका हर तरह से असाधारण है. बैंक ऐसे समय पर दिवालिया आदेश देने के लिए दबाव डाल रहे हैं जब भारत में लगातार सुनवाई हो रही है.’

जज ने कहा, ‘मेरे हिसाब से बैंक सुरक्षित हैं. इस याचिका पर सुनवाई को पूरी तरह से कर्जे का भुगतान करने के लिए समय देने के लिए स्थगित किया जाना चाहिए.’

जज ब्रिग्स ने पिछले साल दिसंबर में माल्या की अब बंद पड़ी किंगफिशर एयरलाइंस को दिए गए कर्ज पर दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था.

गौरतलब है कि भारतीय स्टेट बैंक के नेतृत्व में भारतीय सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के समूह ने माल्या को दिवालिया घोषित करने का अनुरोध किया है ताकि उन पर बकाया करीब 10,837 करोड़ रुपये (1.145 अरब पाउंड) का कर्ज वसूला जा सके.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)