कोरोना: नर्सों द्वारा सुरक्षा उपकरण और मास्क की कमी बताने के बाद त्रिपुरा में एस्मा लागू

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने घोषणा की है कि त्रिपुरा में कोरोना सं​क्रमित लोगों के इलाज के दौरान किसी डॉक्टर या नर्स की मौत पर उनके परिवार वालों को रोज़गार मिलेगा.

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Agartala: Tripura Chief Minister Biplab Kumar Deb speaks with the media, as Deputy Chief Minister Jishnu Dev Barman looks on, in Agartala on Wednesday. PTI Photo (PTI3_21_2018_000122B)
Agartala: Tripura Chief Minister Biplab Kumar Deb speaks with the media, as Deputy Chief Minister Jishnu Dev Barman looks on, in Agartala on Wednesday. PTI Photo (PTI3_21_2018_000122B)

त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब ने घोषणा की है कि त्रिपुरा में कोरोना संक्रमित लोगों के इलाज के दौरान किसी डॉक्टर या नर्स की मौत पर उनके परिवार वालों को रोज़गार मिलेगा.

Hooghly: Tripura Chief Minister Biplab Kumar Deb addresses a rally, at Arambagh in Hooghly, Tuesday, Jan. 29, 2019. (PTI Photo) (PTI1_29_2019_000073B)
बिप्लब कुमार देब. (फोटो: पीटीआई)

अगरतलाः त्रिपुरा के मुख्यमंत्री बिप्लब कुमार देब का कहना है कि कोरोना वायरस मरीजों का इलाज करते समय अगर किसी डॉक्टर, नर्स या स्वास्थ्यकर्मी की मौत हो जाती है तो राज्य सरकार उनके परिवार के लिए रोजगार का प्रबंध करेगी.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, राज्य सरकार पहले ही कोरोना मरीजों का इलाज करने वाले स्वास्थकर्मियों के लिए चार लाख रुपये के जीवन बीमा का ऐलान कर चुकी है.

बता दें कि मुख्यमंत्री का यह फैसला उनाकोटी जिले में गोबिंद बल्लभ पंत (जीबी पंत) अस्पताल और कैलाशहार जिला अस्पताल की सरकारी नर्सों की ओर से लगे उन आरोपों के बीच आया है, जिसमें इन नर्सों ने कोरोना मरीजों का इलाज करते समय मेडिकल स्टाफ के पास पर्याप्त सुरक्षा उपकरणों के नहीं होने की शिकायतें की थीं.

इस संबंध में जारी एक वीडियो में ये नर्सें आरोप लगा रही हैं कि उनके पास अस्पताल में मास्क, सैनिटाइजर, हैंडवॉश, साबुन, ग्लव्ज और निजी सुरक्षा उपकरण (पीपीई किट) की कमी है.

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, त्रिपुरा स्वास्थ्य विभाग के सचिव डॉ. देबाशीश बसु ने बताया कि शिकायत करने के लिए 18 नर्सों को शो कॉज़ नोटिस जारी किया गया है.

इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने राज्य में आवश्यक सेवा संरक्षण अधिनियम (एस्मा) भी लागू कर दिया है. कोरोना वायरस के मद्देनजर मध्य प्रदेश के बाद त्रिपुरा दूसरा ऐसा राज्य है.

बता दें कि स्वच्छता, पानी की सप्लाई, अस्पताल, बैंकिंग, संचार, यातायात आदि से जुड़ी सेवाएं आवश्यक मानी जाती हैं और इस अधिनियम के तहत आती हैं.

यह अधिनियम अधिकतम छह महीने के लिए लागू किया जा सकता है. इस दौरान कर्मचारी हड़ताल पर नहीं जा सकते हैं. इस दौरान अगर कोई कर्मचारी हड़ताल पर जाता है तो वह अवैध और दंडनीय होता है.

इसके तहत पुलिस को एस्मा के प्रावधानों का उल्लंघन करने वाले किसी भी व्यक्ति को बिना वारंट के गिरफ्तार करने का अधिकार मिल जाता है.

इन आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा था कि समाज में डर पैदा करने के मकसद से इन नर्सों ने ऐसे बयान दिए हैं और सरकार उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई करेगी.

उन्होंने कहा, ‘नर्सें अस्पताल चलाने के लिए नहीं होतीं. सेक्रेटरी और उनसे ऊपर के अधिकारी ही मीडिया से बात कर सकते हैं. जीबी पंत अस्पताल के मेडिकल अधीक्षक के पास पर्याप्त अनुभव है कि किसी पीपीई किट देनी है और किसे नहीं. हमारे पास पर्याप्त पीपीई किट, दस्ताने, सैनिटाइजर हैं. राज्य सरकार मीडिया के जरिये समाज में डर पैदा करने वाले इन लोगों के खिलाफ सख्त कदम उठाएगी.’

मुख्यमंत्री ने कोरोना वायरस को लेकर की गई तैयारियों की समीक्षा करने के लिए जीबी पंत अस्पताल और इंदिरा गांधी मेमोरियल अस्पताल का दौरा भी किया.

देब ने अस्पतालों का दौरा करने के बाद कहा कि उनकी सरकार पहले ही किसी भी डॉक्टर, नर्स और अन्य स्वास्थ्यकर्मी के लिए चार लाख रुपये की बीमा राशि का ऐलान कर चुकी है.

उन्होंने कहा, हम पहले ही ऐलान कर चुके हैं कि अगर किसी डॉक्टर, नर्स या स्वास्थ्यकर्मी की कोरोना मरीज का इलाज करते मौत हो जाती है तो उनके परिवार को चार लाख रुपये की राहत राशि मिलेगी. मैं यहां आश्वस्त करता हूं कि कोरोना वायरस की वजह से अगर किसी डॉक्टर या नर्स की मौत हो जाती है तो राज्य सरकार उनके परिवारवालों के लिए नौकरियों का प्रबंध करेगी.

देब ने बताया कि राज्य में स्वास्थ्यकर्मियों के लिए पर्याप्त संख्या में सुरक्षात्मक उपकरण हैं.

उन्होंने बुधवार को एक सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि राज्य में 1,400 पीपीई किट है जबकि अकेले जीबी पंत अस्पताल में ही 111 पीपीई किट, 1,420 एन-95 मास्क, 8,299 ट्रिपल लेयर मास्क, एक लाख दस्ताने, पर्याप्त संख्या में सैनिटाइजर की बोतलें हैं. इसके साथ ही पीपीई की अतिरिक्त 2,500 किट गुवाहाटी से आ रही है.

बता दें कि त्रिपुरा में कोरोना को लेकर 274 लोगों की जांच की गई, जिसमें से सिर्फ एक केस पॉजिटिव पाया गया.

मुख्यमंत्री बिप्लब देब ने बताया कि जो महिला कोरोना पॉजिटिव पाई गई है, उनकी हालत में सुधार हो रहा है. उम्मीद है कि वह जल्द ठीक हो जाएंगी.