मामला उत्तर प्रदेश के बांदा जिले का है. 52 वर्षीय किसान रामभवन शुक्ला दो दिन से फसल काटने के लिए गांव में मजदूर ढूंढ रहे थे, मगर लॉकडाउन की वजह से मजदूर नहीं मिल रहे थे.
बांदा (यूपी): बांदा जिले के जारी गांव में गेहूं की पकी फसल काटने के लिये कथित रूप से मजदूर न मिलने से परेशान एक किसान ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.
अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) लाल भरत कुमार पाल ने रविवार को बताया कि देहात कोतवाली क्षेत्र के जारी गांव में 52 वर्षीय किसान रामभवन शुक्ला का शव शनिवार को गांव के बाहर एक पेड़ की डाल में फांसी के फंदे से लटकता पाया गया.
उन्होंने बताया कि पोस्टमॉर्टम कराने के बाद शव उसके परिजनों को सौंप दिया गया है और मामले की जांच की जा रही है.
मृत किसान के परिजनों ने बताया कि बेमौसम हुई बारिश के पानी में डूबकर मसूर की फसल सड़ गयी थी और अब गेहूं की फसल पककर खेत में खड़ी बर्बाद हो रही है. रामभवन दो दिन से फसल काटने के लिए गांव में मजदूर ढूंढ रहे थे, मगर बंद लागू होने की वजह से मजदूर नहीं मिल रहे थे.
उन्होंने बताया कि रामभवन शनिवार को मजदूर ढूंढने की बात कहकर घर से निकले थे. संभवत: मजदूर न मिलने से परेशान होकर उन्होंने आत्महत्या कर ली है.
बता दें कि, हाल ही में आई एक खबर में पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान नेताओं ने चेताया था कि खेती-किसानी से जुड़ी समस्याओं को समय रहते नहीं सुलझाया गया तो बीमारी से ज़्यादा भुखमरी से मौतें होंगी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)