अदालत ने इसे गैर-इस्लामिक बताते हुए सार्वजनिक जगहों पर जश्न पर लगाई रोक. इलेक्ट्रॉनिक मीडिया और सोशल मीडिया पर भी पाबंदी.
पाकिस्तान में वेलेंटाइन डे मनाने पर अदालत ने प्रतिबंध लगा दिया है. इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने सोमवार को वैलेंटाइन डे मनाने पर प्रतिबंध के पक्ष में फैसला सुनाया है. हाईकोर्ट में याचिका डाली गई थी, जिसमे वेलेंटाइन डे को इस्लाम के खिलाफ बताया गया था.
इस्लामाबाद हाईकोर्ट ने याचिका के पक्ष में फैसला सुनते हुए यह स्वीकार किया कि वेलेंटाइन डे गैर-इस्लामिक है. पाकिस्तान में सभी सरकारी और सामाजिक जगहों पर वेलेंटाइन डे मनाने पर अदालत द्वारा रोक लगा दी गई है.
हाईकोर्ट ने फैसले के साथ सभी अखबार और टेलीविज़न समूह को भी यह निर्देश दिया है कि वेलेंटाइन डे को बढ़ावा न दे साथ ही इसका प्रचार-प्रसार न करें. फैसले में सोशल मीडिया पर भी वेलेंटाइन डे मनाने पर प्रतिबंध लगाया गया है.
अब्दुल वहीद द्वारा इस याचिका की सुनवाई के दौरान जस्टिस शौकत अज़ीज़ ने सूचना मंत्रालय को निर्देश जारी कर पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रेगुलेटरी से 10 दिन के भीतर इस आदेश के संदर्भ में जवाब तलब किया है.
यह पहली बार नहीं है जब पाकिस्तान में वेलेंटाइन डे को प्रतिबंधित करने की मांग उठी हो. पाकिस्तान के कई धार्मिक संगठन और नेताओं ने इसे दक्षिण की सभ्यता बता इस्लाम विरोधी भी करार किया है.
पिछले वर्ष पाकिस्तान के राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने भी इसे इस्लाम विरोधी बताया था. हुसैन ने लोगों से अपील भी की थी कि वेलेंटाइन डे न मनाया जाये और धर्म व राष्ट्र की पहचान बचाए रखी जाए.
वेलेंटाइन डे को लेकर विवाद बरसों से चल रहा है. धार्मिक और सांस्कृतिक संगठन हर साल इसका विरोध करते आए हैं. हालांकि अदालत द्वारा इस तरह का फैसला पहली बार सामने आया है.