उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे अमानवीय कृत्य क़रार देते हुए हमलावरों के ख़िलाफ़ राष्ट्रीय सुरक्षा क़ानून के तहत कार्रवाई करने की बात कही है. बिहार, तेलंगाना और दिल्ली में भी डॉक्टरों पर हमला किए जाने के मामले सामने आए हैं.
नई दिल्ली/मुरादाबाद: उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद शहर में बीते 15 अप्रैल को डॉक्टरों और पुलिसकर्मियों की टीम पर हमला करने के मामले में अब तक 17 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है.
यह टीम शहर के नवाबपुरा इलाके में कोरोना वायरस से पीड़ित एक मरीज़ की मौत के बाद उनके परिवार के सदस्यों को क्वारंटाइन करने की कोशिश कर रही थी, जब उन पर स्थानीय लोगों ईंट-पत्थरों के साथ हमला कर दिया.
#WATCH Moradabad: Some people pelted stones at medical team&police personnel who had gone to take the family of a #COVID19 positive patient (who died recently), to take them to a quarantine facility. 3 people were injured including a doctor & pharmacist. pic.twitter.com/q4FTzV8Vqc
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) April 15, 2020
घटना से संबंधित वीडियों में लोग पुलिस और मेडिकल टीम के वाहनों पर पत्थरों और ईंटों से हमला करते नजर आ रहे हैं. एनडीटीवी की खबर के मुताबिक, पथराव में एंबुलेंस की दो गाड़ियां और पुलिस की कम से कम तीन गाड़ियों के शीशे क्षतिग्रस्त हो गए.
समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में मुदाराबाद एसपी अमित कुमार आनंद ने बताया, ‘मेडिकल टीम और पुलिस पर हमला करने के संबंध में 17 लोगों को गिरफ्तार किया गया है, जिनमें सात महिलाएं भी हैं. आईपीसी की संबंधित धाराओं के तहत उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया है.’
17 persons including 7 women have been arrested in connection with the stone pelting at medical team & police in Moradabad. Case registered under relevant sections of IPC. Teams have been formed to nab others involved in the case: Amit Kumar Anand, SP Moradabad pic.twitter.com/jXrezTvKYj
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) April 15, 2020
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, जिसमें सात लोग- एक डॉक्टर, तीन स्वास्थ्यकर्मी और तीन पुलिस वाले की इस इस हमले में घायल हुए.
मुरादाबाद सर्किल अधिकारी राजेश कुमार ने बताया कि 50 वर्षीय व्यक्ति की बीते 14 अप्रैल की रात मौत हो गई थी, इसके कुछ घंटों बाद उसके कोरोना वायरस से संक्रमित होने का पता चला था.
मुख्य चिकित्साधिकारी एमसी गर्ग ने बताया कि मृतक के परिवार के सदस्यों समेत कुल 11 लोगों को क्वारंटाइन किया गया है.
पुलिस ने बताया कि मृतक के परिवार के सदस्यों ने उन्हें क्वारंटाइन करने का विरोध नहीं किया था.
हमले में घायल डॉक्टर एससी अग्रवाल ने बताया, ‘मृतक के परिवार के चार लोगों को क्वारंटाइन में लेने के लिए हम लोग नवाबपुरा गए थे.’
उन्होंने बताया, ‘जब परिवार के सदस्य एंबुलेंस में बैठ गए तब कुछ लोगों ने हम पर पत्थर फेंकना शुरू कर दिया. हमने बचने की कोशिश की, जब तक पुलिस पहुंची, एक बुजुर्ग व्यक्ति ने मुझे बचाया.’
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इसे अमानवीय कृत्य करार देते हुए हमलावरों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत कार्रवाई करने की बात कही है.
उन्होंने कहा, ‘मुरादाबाद में डॉक्टर और पुलिसकर्मियों की टीम पर हमला एक अमानवीय अपराध है, जो निंदनीय है. एनएसए के तहत हम उनके खिलाफ कार्रवाई करेंगे.’
उन्होंने बताया कि पुलिस को हमलावरों की पहचान करने और संपत्ति के नुकसान का आकलन करने का निर्देश दिया गया है, जिसकी भरपाई आरोपियों से की जाएगी.
बिहार: स्वास्थ्य विभाग और पुलिस की टीम पर हमला
बिहार में भी ऐसी ही घटनाएं सामने आई हैं. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, बीते बुधवार को बिहार के पूर्वी चंपारण जिले के अरेराज में एक खंड विकास अधिकारी और तीन पुलिस वालों और औरंगाबाद जिले में पुलिस अधिकारी और स्वास्थ्य विभाग की टीम पर हमला किए जाने का मामला सामने आया है.
दोनों जगहों पर ये दल सामाजिक दूरी को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए गया हुआ था. पुलिस ने हमले की दोनों घटनाओं के संबंध में केस दर्ज करने के बाद औरंगाबाद में हुई घटना के संबंध में 44 लोगों को गिरफ्तार किया है.
रिपोर्ट के अनुसार, पूर्वी चंपारण जिले के हरसिद्धि के खंड विकास अधिकारी (बीडीओ) सुनील कुमार तीन पुलिस वालों के साथ कोरोना वायरस और जापानी इंसेफलाइटिस टीकाकरण के संबंध में जागरूकता अभियान के तहत जगपाकड़ गांव में गए हुए थे.
यहां गांववाले सरकार द्वारा मुफ्त राशन की घोषणा किए जाने के बाद भी राशन न मिलने की वजह से नाराज थे. उनकी बीडीओ के साथ बहस होने लगी तो पुलिसवालों ने समझाने की कोशिश की, तब गांववालों ने उन पर हमला बोल दिया.
बीडीओ और तीनों पुलिसवालों को इलाज अरेराज के एक अस्पताल में चल रहा है.
औरंगाबाद जिले के गोह में हुई दूसरी घटना में स्वास्थ्य विभाग की टीम एकौनी गांव में प्रवासियों पर गांववालों द्वारा हमला किए जाने का जायजा लेने गई हुई थी. इस दौरान गांववालों से उनकी झड़प हो गई, जिसमें तकरीबन छह लोग घायल हैं.
हैदराबाद में मरीज के परिजन ने डॉक्टर पर किया हमला
तेलंगाना के हैदराबाद शहर में भी ऐसा ही मामला सामने आया है. कोरोना वायरस से पीड़ित के एक परिजन ने एक जूनियर डॉक्टर पर हमला कर दिया, क्योंकि उन्हें इस बारे में जानकारी नहीं दी गई थी कि मरीज की कोरोना वायरस से संबंधित जांच की गई है.
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, डॉक्टर के मुंह और कानों पर चोटें लगी हैं और अफजलजंग पुलिस थाने में इसकी शिकायत दर्ज कराई गई है.
दिल्ली हाईकोर्ट ने दो महिला डॉक्टरों पर हमला करने के आरोपी को जमानत दी
दिल्ली उच्च न्यायालय ने कोरोना वायरस महामारी को लेकर सफदरजंग अस्पताल की दो महिला डॉक्टरों पर हमला करने के आरोप में गिरफ्तार व्यक्ति को बीते बुधवार को जमानत दे दी.
उच्च न्यायालय ने टिप्पणी की कि आरोपी को डॉक्टरों को अपशब्द और धमकी देने के बजाय उनका सम्मान करना चाहिए था.
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस रजनीश भटनागर ने आरोपी संजीव शर्मा को राहत दी और कहा कि उसे क्षमता से अधिक भरी तिहाड़ जेल में रखने से कोई मकसद पूरा नहीं होगा. वह 10 अप्रैल से जेल में है.
अदालत ने उन्हें 20 हजार रुपये के निजी मुचलके और इतनी ही राशि की जमानत पर राहत प्रदान की.
यह घटना नौ अप्रैल को हुई थी, जब 42 वर्षीय शर्मा ने एम्स के पास गौतम नगर इलाके में दो महिला डॉक्टरों को कथित रूप से अपशब्द कहे और हमला किया. उन्होंने महिलाओं पर सामाजिक दूरी के नियम का पालन नहीं करने का आरोप लगाया था.
दिल्ली: लोकनायक अस्पताल के डॉक्टरों ने मरीज़ पर हमले का आरोप लगाया
बीते मंगलवार को दिल्ली के लोकनायक अस्पताल की एक महिला रेजिडेंट डॉक्टर समेत कुछ डॉक्टरों ने आरोप लगाया था कि कोविड 19 वार्ड में ड्यूटी के दौरान मरीजों ने उन पर हमला किया.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, अस्पताल के चिकित्सा निदेशक को लिखे पत्र में रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने दावा किया गया है कि ड्यूटी के दौरान एक महिला रेजिडेंट डॉक्टर को एक मरीज ने गालियां देने के साथ अश्लील टिप्पणियां भी कीं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)