संयुक्त राष्ट्र शैक्षणिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) के अध्ययन में कहा गया है कि स्कूल बंद होने का सबसे अधिक असर वंचित तबके के छात्रों एवं लड़कियों पर ज़्यादा पड़ रहा है. भारत में 32 करोड़ छात्र-छात्राओं का पठन-पाठन प्रभावित हुआ है.
नई दिल्ली: कोरोना वायरस के कारण स्कूलों, कॉलेजों एवं शैक्षणिक संस्थानों के बंद होने से दुनिया के 191 देशों में 157 करोड़ छात्रों की शिक्षा प्रभावित हो गई है, जो विभिन्न स्तरों पर दाखिला लेने वाले कुल छात्रों का 91.3 प्रतिशत है.
यह जानकारी संयुक्त राष्ट्र शैक्षणिक, वैज्ञानिक एवं सांस्कृतिक संगठन (यूनेस्को) के अध्ययन में सामने आई है. इसमें कहा गया है कि स्कूल बंद होने का सबसे अधिक असर वंचित तबके के छात्रों एवं लड़कियों पर ज्यादा पड़ रहा है.
यूनेस्को की कोरोना वायरस के कारण स्कूल बंद होने की वैश्विक निगरानी अध्ययन के अनुसार, 14 अप्रैल 2020 तक अनुमानित रूप से 191 देशों में 1,575,270,054 छात्र (लर्नर) प्रभावित हुए हैं. इसमें लड़कियों की संख्या 74.3 करोड़ है.
इसमें कहा गया है कि रूस, ऑस्ट्रेलिया, अमेरिका, कनाडा, ग्रीनलैंड सहित कई देशों में स्थानीय या क्षेत्रवार (लॉकडाउन) स्तर पर लॉकडाउन किया गया है और इन देशों में भी लाखों छात्रों का पठन पाठन प्रभावित हुआ है.
अध्ययन में हालांकि इन देशों का आंकड़ा शामिल नहीं है.
यूनेस्को के अध्ययन के अनुसार, भारत में कोरोना वायरस की वजह से लॉकडाउन के कारण अनुमानित रूप से 32 करोड़ छात्रों का पठन पाठन प्रभावित हुआ है, जिसमें 15.81 करोड़ लड़कियां और 16.25 करोड़ लड़के शामिल हैं.
यूनेस्को के बयान के अनुसार, संगठन इन देशों में स्कूलों के बंद होने के कारण उत्पन्न चुनौती से निपटने के प्रयास, खास तौर पर वंचित समुदाय की मदद और दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से पढ़ाई जारी रखने के प्रयासों में भी देशों का सहयोग कर रहा है.
यूनेस्को के आंकड़े के मुताबिक, चीन में 27.84 करोड़ छात्र, ईरान में 1.86 करोड़ छात्र, इटली में करीब एक करोड़ छात्र, जर्मनी में 1.53 करोड़ छात्र, फ्रांस में 1.54 करोड़ छात्र छात्र, स्पेन में 97 लाख छात्र, ब्रिटेन में 1.54 करोड़ छात्र कोविड-19 के कारण स्कूल या शिक्षण संस्थान बंद होने के कारण प्रभावित हुए हैं.
मालूम हो कि कोरोना वायरस से सुरक्षा के मद्देनज़र देश में 25 मार्च से 21 दिनों का लॉकडाउन लागू किया गया है. लॉकडाउन से पहले ही देश के स्कूल और कॉलेज एहतियातन बंद कर दिए गए थे.
21 दिनों की ये समयसीमा 14 अप्रैल को खत्म होने रही थी. इस बीच केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा था कि देश में कोरोना वायरस संकट पर 14 अप्रैल को स्थिति की समीक्षा करने के बाद सरकार स्कूल और कॉलेज फिर से खोलने पर कोई निर्णय लेगी.
उन्होंने कहा था कि छात्रों और शिक्षकों की सुरक्षा सरकार के लिए सर्वोपरि है और उनका मंत्रालय यह सुनिश्चित करने के लिए तैयार है कि यदि स्कूल और कॉलेज को 14 अप्रैल के बाद भी बंद रखने की जरूरत पड़ी तो छात्रों को पढ़ाई-लिखाई का कोई नुकसान नहीं हो.
हालांकि इस बीच कोरोना वायरस होने वाली मौत और संक्रमित लोगों की संख्या लगातार बढ़ने की वजह से बीते 14 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस से सुरक्षा के मद्देनजर लॉकडाउन की अवधि बढ़ाकर तीन मई कर दी.
देश में कोरोना वायरस यानी कोविड-19 के कारण मरने वाले लोगों की संख्या बृहस्पतिवार को 414 हो गई और मामलों की संख्या बढ़कर 12,380 तक पहुंच गई. अब तक कुल 414 मौतों में से सबसे ज्यादा 187 मौतें महाराष्ट्र में हुई हैं, इसके बाद मध्य प्रदेश में 53, गुजरात में 33, दिल्ली में 32 और तेलंगाना में 18 मौतें हुई हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)