इससे पहले 27 मार्च को रिजर्व बैंक ने रिवर्स रेपो दर में 90 बेसिक पॉइंट यानी कि 0.90 फीसदी की कटौती करते हुए इसे 4.0 फीसदी कर दिया था.
नई दिल्ली: सरकार द्वारा तीन मई तक लॉकडाउन बढ़ाने की घोषणा के बाद रिजर्व बैंक ने संकट से जूझ रहे वित्तीय क्षेत्र को राहत देने के लिए शुक्रवार को कई प्रमुख घोषणाएं की.
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि रिवर्स रेपो रेट में 25 बेसिक प्वाइंट यानी कि 0.25 फीसदी की कटौती की गई है. इस तरह मौजूदा रिवर्स रेपो रेट घटकर 3.75 फीसदी पर आ गया है.
On April 14, International Monetary Fund (IMF) released its global growth projections revealing that in 2020, the global economy is expected to plunge into the worst recession since 'The Great Depression': Reserve Bank of India (RBI) Governor Shaktikanta Das pic.twitter.com/7NfJfBfYjx
— ANI (@ANI) April 17, 2020
इससे पहले कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण की वजह से देश में लागू लॉकडाउन को ध्यान में रखते हुए अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभावों के लिए बीते 27 मार्च को रिजर्व बैंक ने रिवर्स रेपो दर में 90 बेसिक पॉइंट यानी कि 0.90 फीसदी की कटौती करते हुए इसे 4.0 फीसदी कर दिया था.
इसके अलावा गवर्नर ने कहा कि आरबीआई टार्गेटेड लॉन्ग टर्म रेपो ऑपरेशन (टीएलटीआरओ) के जरिए 50,000 करोड़ रुपये का निवेश करेगी. उन्होंने नाबार्ड, नेशनल हाउसिंग बैंक और सिडबी जैसे वित्तीय संस्थानों के लिए 50,000 करोड़ रुपये की रि-फाइनेंसिंग की घोषणा की.
It has been decided to provide special refinance facilities for an amount of Rs 50,000 crores to National Bank for Agriculture & Rural Development, Small Industries Development Bank of India, and National Housing Bank to enable them to meet sectoral credit needs: RBI Governor pic.twitter.com/THfzm2O4qm
— ANI (@ANI) April 17, 2020
राष्ट्रीय कृषि और ग्रामीण विकास बैंक (नाबार्ड) को 25,000 करोड़ रुपए, स्मॉल इंडस्ट्रीज डेवेलपमेंट बैंक (सिडबी) को 15,000 करोड़ रुपए और नेशनल हाउसिंग बैंक (एनएचबी) को 10,000 करोड़ रुपए दिए जाएंगे.
दास ने कहा कि रिजर्व बैंक कोरोना की वजह से उपजे आर्थिक हालात की मॉनिटरिंग कर रहा है. उन्होंने कहा कि इस महामारी के दौर में बैंक और वित्तीय संस्थाओं ने सामान्य कामकाज को सुनिश्चित किया है. गवर्नर ने यहा भी कहा कि आईएमएफ द्वारा भारत की आर्थिक वृद्धि दर 1.9 फीसदी रहने का अनुमान जी 20 देशों में सर्वाधिक है.
शक्तिकांत दास ने कहा कि कोरोना के कारण पूरी दुनिया एक बड़ी आर्थिक मंद की तरफ़ बढ़ रही है. ये मंदी 1929 के ‘ग्रेट डिप्रेशन’ से भी ज़्यादा बड़ी आर्थिक मंदी होगी.
उन्होंने कहा कि कोरोना के कारण 9.9 ट्रिलियन डॉलर के नुकसान होने की आशंका जताई जा रही है, जो कि जापान और जर्मनी के संयुक्त जीडीपी से भी ज़्यादा है. उन्होंने कहा कि भारत में भी मार्च से हालात खराब हुए लेकिन बावजूद इसके भारतीय अर्थव्यवस्था बढ़ रही है.