कोरोना वायरस: परिवार को संक्रमित करने के आरोप में गार्ड पर हुआ था केस, जांच रिपोर्ट निगेटिव आई

राजधानी दिल्ली की डिफेंस कॉलोनी में रहने वाले तीन लोगों के परिवार ने संक्रमित होने के बाद इसका आरोप सुरक्षा गार्ड पर लगाया था. परिवार के 80 वर्षीय बुज़ुर्ग की मौत हो चुकी है, जबकि उनके बेटे वेंटिलेटर पर हैं. उनकी पत्नी को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई है.

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(फोटो: रॉयटर्स)

राजधानी दिल्ली की डिफेंस कॉलोनी में रहने वाले तीन लोगों के परिवार ने संक्रमित होने के बाद इसका आरोप सुरक्षा गार्ड पर लगाया था. परिवार के 80 वर्षीय बुज़ुर्ग की मौत हो चुकी है, जबकि उनके बेटे वेंटिलेटर पर हैं. उनकी पत्नी को इलाज के बाद छुट्टी दे दी गई है.

 A nurse in protective gear takes a blood sample of a patient potentially infected with coronavirus disease (COVID-19) at the Turku University Hospital Tyks in Turku, Finland, April 3, 2020. Roni Lehti/Lehtikuva/via REUTERS
(प्रतीकात्मक फोटो: रॉयटर्स)

नई दिल्ली: राजधानी दिल्ली के डिफेंस कॉलोनी में रहने वाले एक परिवार के तीन सदस्यों को कोरोना वायरस से संक्रमित करने के आरोप में जिस 54 वर्षीय सुरक्षा गार्ड पर मामला दर्ज किया गया था, उसकी मेडिकल जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है.

अधिकारियों ने बताया कि एक अप्रैल को गार्ड के खिलाफ डिफेंस कालोनी पुलिस थाने में परिवार की शिकायत पर मामला दर्ज हुआ था, लेकिन उनकी कोरोना वायरस जांच रिपोर्ट 11 अप्रैल को आई जिसमें उसके संक्रमित होने की पुष्टि नहीं हुई.

उनके खिलाफ लापरवाही बरतने के आरोप में भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था.

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, तीन लोगों के इस परिवार का इलाज साकेत स्थित मैक्स अस्पताल में चल रहा था. परिवार के तकरीबन 80 वर्षीय बुजुर्ग की बीते 15 अप्रैल को मौत हो गई थी और उनके बेटे अभी वेंटिलेटर पर हैं. उनकी पत्नी के ठीक होने के बाद अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया है.

इस परिवार ने आरोप लगाया था कि गार्ड निजामुद्दीन इलाके में तबलीगी जमात के धार्मिक आयोजन में शामिल हुआ था.

निजामुद्दीन में हुए धार्मिक सम्मेलन में शामिल होने वाले कई लोग कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए और यह वायरस से अति प्रभावित क्षेत्र के रूप में उभरा और यहां शामिल हुए कई लोग देश के विभिन्न हिस्सों में गए और वहां से भी संक्रमण का मामला सामने आया.

पुलिस अधिकारियों ने बताया कि जांच के दौरान पता चला कि गार्ड निजामुद्दीन में तबलीगी जमात के सम्मेलन में शामिल हुआ था और बीमार भी था. वह तीन अप्रैल से ड्यूटी पर भी नहीं आया था.

आठ अप्रैल को सुरक्षा गार्ड का ओखला में पता लगाया गया और उसका आरटी-पीसीआर जांच हुई जिसकी रिपोर्ट निगेटिव आई.

पुलिस उपायुक्त (दक्षिण) अतुल कुमार ठाकुर ने कहा, ‘हमें अभी सुरक्षा गार्ड की रिपोर्ट नहीं मिली है. मिलने के बाद हम उचित कदम उठाएंगे. अब तक गार्ड को न तो गिरफ्तार किया गया है और न ही उसके खिलाफ कार्रवाई की गई है. मामले की जांच की जा रही है.’

उन्होंने कहा, ‘हमने तकनीकी जांच की और गार्ड के फोन कॉल का विश्लेषण करने पर पता चला कि वह निजामुद्दीन में काफी समय तक था और इसके आधार पर हमने मामला दर्ज किया.’

एनडीटीवी से बातचीत में गार्ड ने कहा है कि वे फरार नहीं थे, बल्कि अपने ओखला स्थित एक कमरे वाले मकान में क्वारंटीन थे. उनके मकान मालिक को आरएमएल अस्पताल से फोन आया, जिसमें कहा गया कि जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है.

फोन पर बातचीत में उन्होंने बताया, ‘मुझे बताया गया कि जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है. इसलिए आपको घबराने की जरूरत नहीं.’

रिपोर्ट के अनुसार, उन्होंने इस बात से इनकार किया है कि वह तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए थे.

उन्होंने कहा, ‘मैंने निजामुद्दीन मरकज में कभी कदम नहीं रखा है. मैं मरकज में कभी नहीं गया. मैं मस्जिद जाता था, जो वहां से 20 मीटर दूर है. मस्जिद अपने नियत समय पर खुलती और बंद होती है और नमाज खत्म होने के बाद मैं चला आता था. मैं आपसे झूठ नहीं बोलूंगा.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)