मामला बांकुरा का है, जहां 12 अप्रैल को दो लोगों की मौत के बाद भाजपा सांसद सुभाष सरकार ने सोशल मीडिया पर लिखा था कि वे दोनों कोविड-19 पॉज़िटिव थे और अधिकारियों ने अंतिम संस्कार कर ग़लती की है.
बांकुरा: दो शवों के दाह संस्कार को लेकर सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के जरिये अफवाह फैलाने के आरोप में बांकुरा से भाजपा सांसद सुभाष सरकार के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है.
पुलिस सूत्रों ने बताया कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता जयदीप चट्टोपाध्याय ने बांकुरा सदर पुलिस थाने में सांसद के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई थी, जिसके बाद बृहस्पतिवार को बांकुरा के सांसद के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई.
भाजपा सांसद ने सोशल मीडिया पर कहा था कि अधिकारियों ने दो शवों के दाह संस्कार में गलती की और दावा किया कि उन दोनों की कोरोना वायरस से मौत हुई थी.
टीएमसी नेता ने कहा, ‘सांसद खुद डॉक्टर हैं. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि दोनों मृतकों में से किसी की भी रिपोर्ट देखे बिना उन्होंने कोविड-19 वैश्विक महामारी के समय सोशल मीडिया पर अफवाह फैलाने की कोशिश की.’
भाजपा सांसद ने इस पर पलटवार करते हुए कहा, ‘प्रशासन ने जांच के नतीजे आने से पहले कैसे शवों का दाह संस्कार किया?’
दैनिक जागरण के मुताबिक इस संबंध में बांकुरा के सांसद सरकार ने कहा कि 12 अप्रैल को दो लोगों की मौत के बाद उनका दाह संस्कार जल्दबाजी में कर दिया गया था, 13 अप्रैल को उनकी रिपोर्ट निगेटिव आई थी. इसमें जल्दबाजी का कोई सवाल नहीं था. बांकुरा और पुरुलिया के लोग भ्रमित हो गए थे.
उन्होंने कहा, ‘मैंने दो शवों के गुप्त रूप से दफनाने का मुद्दा उठाया था. अच्छी बात ये रही कि उनमें से किसी का भी कोरोना पॉजिटिव नहीं निकला. लेकिन जिस तरह की गोपनीयता अपनाई गई और जिस तरह से दफनाया गया, उससे लोगों में दहशत फैल गई.’
बांकुरा पुलिस स्टेशन में 14 अप्रैल को भाजपा सांसद के खिलाफ राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम के धारा 54 और आईपीसी की धारा 505 (1)/188 के तहत मामला दायर किया गया.
अधिकारियों ने 12 अप्रैल की आधी रात को दाह संस्कार किया था. दोनों व्यक्तियों की एक सरकारी अस्पताल में मौत हुई थी. कुछ लोगों ने यह दावा करते हुए प्रदर्शन किया कि दोनों की कोरोना वायरस के कारण मौत हुई है.
सुभाष सरकार ने इस मामले पर 13 अप्रैल को सोशल मीडिया पर लिखा था. उनके अलावा भाजपा नेता और पार्टी के आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने भी इस मुद्दे को उठाया था.
सरकार ने कहा कि उन्होंने इसको लेकर जिलाधिकारी को पत्र लिखा है और सरकार को सहयोग करते हुए पांच सुझाव भी दिए हैं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)