दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने निजी स्कूलों को निर्देश दिया है कि लॉकडाउन के दौरान बच्चों से यातायात शुल्क, सालाना शुल्क या कोई भी अन्य शुल्क वसूला नहीं जा सकता है. शुल्क जमा हो या ना हो, किसी भी छात्र को ऑनलाइन कक्षा में शामिल होने से नहीं रोका जा सकता है.
नई दिल्ली: दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने शुक्रवार को कहा कि किसी भी निजी स्कूल को कोरोना वायरस के चलते बंद के दौरान शुल्क बढ़ाने की अनुमति नहीं है और स्कूल खुलने तक सिर्फ ट्यूशन फीस ही लिया जाए.
सिसोदिया ने एक संवाददाता सम्मलेन में कहा, ‘स्कूलों द्वारा शुल्क बढ़ाए जाने के संबंध में हमें कई शिकायतें मिलीं और यातायात शुल्क भी वसूले जा रहे हैं, जिसका बंद के दौरान कोई इस्तेमाल तक नहीं हो रहा है. सरकार की अनुमति के बिना कोई भी निजी स्कूल फीस वृद्धि नहीं कर सकते. ट्यूशन फीस के अलावा कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं ले सकते.’
शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया कि यातायात शुल्क, सालाना शुल्क या कोई भी अन्य शुल्क लॉकडाउन के दौरान वसूला नहीं जा सकता है जो कि तीन मई तक जारी रहेगा.
उन्होंने कहा, ‘कोई भी स्कूल एक समय पर तीन महीने की ट्यूशन फीस नहीं वसूल सकते हैं. इस शुल्क को महीने के हिसाब से लिया जाएगा. स्कूलों को अनुबंध पर रखे गए कर्मचारियों समेत सभी कर्मचारियों को वेतन देने का निर्देश दिया जाता है, वे अपने पैतृक संस्थाओं से कोष के लिए संपर्क कर सकते हैं.’
उन्होंने कहा कि शुल्क जमा हो या ना हो, किसी भी छात्र को ऑनलाइन कक्षा में शामिल होने से नहीं रोका जा सकता है.
उन्होंने कहा कि जो भी स्कूल इस आदेश का पालन नहीं कर रहे हैं उनके खिलाफ दिल्ली स्कूल शिक्षा अधिनियम और राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी.