एम्स रेज़िडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री को पत्र लिखकर महिला डॉक्टर का फैकल्टी सदस्य द्वारा जाति और लिंग के आधार पर उत्पीड़न के मामले में प्रशासन द्वारा कार्रवाई नहीं करने की शिकायत की गई.
नयी दिल्ली: दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) की महिला रेजिडेंट डॉक्टर द्वारा आत्महत्या की कोशिश करने का मामला सामने आया है.
महिला डॉक्टर ने एक वरिष्ठ फैकल्टी सदस्य पर यौन उत्पीड़न और बार-बार जातिगत टिप्पणी करने का आरोप लगाया है. एम्स की पीड़ित महिला डॉक्टर की एक सहकर्मी ने बताया कि पीड़िता ने शुक्रवार को खुदकुशी करने की कोशिश की.
एम्स रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन (आरडीए) ने भी रविवार को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन को पत्र लिखा, जिसमें महिला रेजिडेंट डॉक्टर का फैकल्टी सदस्य द्वारा जाति और लिंग के आधार पर उत्पीड़न के मामले में प्रशासन द्वारा कार्रवाई नहीं करने की शिकायत की गई.
इंडियन एक्सप्रेस ने अधिकारियों के हवाले से बताया है कि महिला डॉक्टर ने 10 दिन पहले यह मुद्दा एम्स निर्देशक डॉ. रणदीप गुलेरिया के समक्ष उठाया था.
डॉ. गुलेरिया ने कहा, ‘यौन उत्पीड़न जांच कमेटी ने फैकल्टी को कारण बताओ नोटिस जारी किया है और मामले की जांच शुरू कर दी है.’
एम्स आरडीए ने स्वास्थ्य मंत्री को लिखे पत्र में आरोप लगाया है कि कई पत्र भेजने के बाद भी इस मसले पर कोई कार्रवाई नहीं की गई. प्रशासन और संस्थान कमेटी के अनिच्छुक व्यवहार की वजह से खुद आत्महत्या जैसा कदम उठाने का मजबूर होना पड़ा.
मामला बीते 17 मई को हुई इस घटना का संज्ञान दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) ने बीते सोमवार को लिया है. आयोग ने दिल्ली पुलिस और एम्स प्रशासन को नोटिस जारी किया है.
समाचार एजेंसी एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, डीसीडब्ल्यू ने एम्स प्रशासन और दिल्ली पुलिस को जारी नोटिस में कहा कि एम्स के सेंटर फॉर डेंटल एजुकेशन एंड रिसर्च (सीडीईआर) के एक वरिष्ठ फैकल्टी सदस्य द्वारा महिला डॉक्टर को बार-बार प्रताड़ित किया गया. पीड़िता कई बार विभिन्न मौकों पर प्रशासन के समक्ष इसकी शिकायत कर चुकी है लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई.
DCW chief @SwatiJaiHind takes suo moto cognizance and issues notice to the Delhi Police and AIIMS management in the matter of suicide attempt by a female resident doctor due to alleged sexual harassment and caste discrimination. pic.twitter.com/HWZTLJCs5U
— Delhi Commission for Women – DCW (@DCWDelhi) April 20, 2020
महिला आयोग ने नोटिस में कहा, ‘आयोग ने इस मामले में जांच समिति का गठन किया है. जाति और लिंग आधारित हिंसा के दोषियों के खिलाफ अनुकरणीय कार्रवाई की जानी बेहद जरूरी है.’
आयोग ने एम्स प्रशासन से अब तक पीड़िता द्वारा की गई शिकायतों, इन पर की गई कार्रवाई की रिपोर्ट, घटना की शिकायत के बाद फैकल्टी सदस्य के खिलाफ की गई कार्रवाई की जानकारी और प्रताड़ना का शिकार पीड़िता के लिए कानूनी उपायों में मदद के लिए उठाए गए कदमों की जानकारी का ब्योरा देने को कहा है.
महिला आयोग ने एम्स से पूछा है कि क्या आंतरिक शिकायत समिति ने इस मामले को संज्ञान में लिया और फैकल्टी सदस्य के खिलाफ क्या कार्रवाई की गई?
आयोग ने एम्स प्रशासन से 25 अप्रैल तक अपना जवाब देने को कहा है. प्रतियां उपलब्ध नहीं कराने की स्थिति में इनका कारण बताना होगा.
डीसीडब्ल्यू ने नोटिस जारी कर दिल्ली पुलिस से मामले में दर्ज एफआईआर की प्रति और मामले की स्टेटस रिपोर्ट मांगते हुए पूछा है कि आरोपी की अब तक गिरफ्तारी हुई या नहीं.
आयोग ने 25 अप्रैल तक रिपोर्ट देने और जांच पूरी करने की प्रस्तावित समयसीमा बताने को भी कहा.
वहीं, राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने भी केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को पत्र लिखकर मामले की तुरंत जांच कराने को कहा है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)