पालघर मॉब लिंचिंग में गिरफ्तार 101 आरोपियों में से कोई भी मुस्लिम नहीं: महाराष्ट्र गृहमंत्री

महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देखमुख ने कहा कि पालघर में भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या करने के मामले में गिरफ्तार किए गए 101 लोगों में से कोई भी मुस्लिम नहीं है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस घटना के बाद साम्प्रदायिक राजनीति की जा रही है.

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अनिल देशमुख. (फोटो: ट्विटर/@AnilDeshmukhNCP)

महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देखमुख ने कहा कि पालघर में भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या करने के मामले में गिरफ्तार किए गए 101 लोगों में से कोई भी मुस्लिम नहीं है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस घटना के बाद साम्प्रदायिक राजनीति की जा रही है.

महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख. (फोटो: ट्विटर/@AnilDeshmukhNCP)
महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख. (फोटो: ट्विटर/@AnilDeshmukhNCP)

नई दिल्ली: महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देखमुख ने बुधवार को कहा कि पालघर में भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या करने के मामले के संबंध में गिरफ्तार किए गए 101 लोगों में से कोई भी मुस्लिम नहीं है और उन्होंने विपक्ष पर इस घटना को साम्प्रदायिक रंग देने का आरोप लगाया.

देशमुख ने फेसबुक के जरिए दिए संबोधन में कहा, ‘इस घटना के संबंध में गिरफ्तार किया गया कोई भी आरोपी मुस्लिम नहीं है. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि इस घटना के बाद साम्प्रदायिक राजनीति की जा रही है.’

किसी का नाम लिए बगैर उन्होंने कहा, ‘कुछ लोग ‘मुंगेरीलाल के हसीन सपने’ देख रहे हैं. यह राजनीति करने का नहीं बल्कि एक साथ मिलकर कोरोना वायरस से लड़ने का समय है.’

वहीं, पालघर में भीड़ द्वारा पीट-पीटकर हत्या किये जाने की घटना को ‘मानवता पर धब्बा’ बताते हुए महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजीत पवार ने मंगलवार को कहा कि दोषियों को कानून के अनुसार कड़ी सजा मिलेगी.

इससे पहले महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी मामले को सांप्रदायिक रंग नहीं दिए जाने की अपील करते हुए कहा था कि इस घटना का कोई भी हिंदू-मुस्लिम या सांप्रदायिक एंगल नहीं है. उन्होंने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से अनुरोध किया था कि वे उन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करें जो पालघर जिले में भीड़ हत्या के मामले को सांप्रदायिक रंग दे रहे हैं.

यह घटना 16 अप्रैल की रात की है जब दो साधू तथा उनका चालक किसी परिचित के अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए कार से मुंबई से गुजरात के सूरत जा रहे थे.

उनके वाहन को पालघर जिले के एक गांव के पास रोक लिया गया जहां भीड़ ने बच्चा चोरी करने के संदेह में तीनों को कार से बाहर निकाला और उनकी लाठियों से पीट-पीटकर हत्या कर दी.

इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर आया था जिसमें एक भीड़ पीड़ितों को पुलिस वैन से बाहर घसीट रही थी और डंडो-पत्थरों से पीट रही थी. इस दौरान वहां मौजूद कुछ पुलिसवाले उन्हें बचाने के बजाय खुद बचते नजर आ रहे थे.

मृतकों की पहचान चिकने महाराज कल्पवृक्षगिरी (70), सुशीलगिरी महाराज (35) और चालक निलेश तेलगड़े (30) के रूप में की गई.

महाराष्ट्र सरकार ने घटना की उच्च-स्तरीय जांच के आदेश दिए और ड्यूटी में लापरवाही बरतने के आरोप में सोमवार को पालघर के दो पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया.

एनएचआरसी ने महाराष्ट्र के पुलिस प्रमुख को नोटिस भेजा

राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने महाराष्ट्र के पालघर में तीन व्यक्तियों की कुछ लोगों द्वारा पीट-पीटकर की गयी कथित हत्या (लिचिंग) की घटना के सिलसिले मंगलवार को राज्य के पुलिस प्रमुख को नोटिस भेजा.

आयोग ने एक बयान में कहा कि उसने राज्य सरकार से चार सप्ताह में विस्तृत रिपोर्ट मांगी है और अपराधियों के खिलाफ की गयी कार्रवाई एवं मारे गये व्यक्तियों के रिश्तेदारों को यदि कोई राहत पहुंचायी गयी तो उसका ब्योरा बताने कहा है.

एनएचआरसी ने कहा कि इस घटना के संबंध में उसे शिकायत मिली थी जिसके आधार पर महाराष्ट्र के पुलिस महानिदेशक को 16 अप्रैल को पालघर में पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में तीन व्यक्तियों की भीड़ द्वारा पीट-पीटकर की गयी कथित हत्या को लेकर नोटिस जारी किया गया है.

आयोग ने कहा कि यह घटना जनसेवकों की लापरवाही को दर्शाती है.

उसने कहा कि अनियंत्रित भीड़ द्वारा वह भी तब, जब देशव्यापी लॉकडाउन के चलते प्रशासन एवं पुलिस की अतिरिक्त चौकसी है, उस दौरान ऐसे वहशियाना तरीके से पीट-पीटकर तीन व्यक्तियों की हत्या कर देना इन व्यक्तियों के मानवाधिकार का घोर उल्लंघन है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)