असम के वित्त मंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा कि हमें हर महीने रॉयल्टी से 166 करोड़ रुपये की प्राप्ति होती रही है लेकिन अब यह राशि 50 करोड़ रुपये रह जाने का अनुमान है, इसलिये ईंधन के दाम बढ़ाकर हम अपने राजस्व को बचाए रखने का प्रयास कर रहे हैं.
नई दिल्ली: वैश्विक स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में भारी गिरावट और देशव्यापी लॉकडाउन के बीच असम और मेघालय की सरकारों ने पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर टैक्स बढ़ा दिया है. नई दरें 22 अप्रैल की मध्यरात्रि से लागू हो गईं.
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, मेघालय में अब एक लीटर पेट्रोल की कीमत 74.9 रुपये और डीजल की 67.5 रुपये हो जाएगी.
मेघालय सरकार द्वारा बुधवार को जारी नोटिफिकेशन में कहा गया, पेट्रोल पर कर की नई दर 31 फीसदी या 17.6 रुपये प्रति लीटर और डीजल पर 22.5 फीसदी या 12.5 रुपये प्रति लीटर है. पेट्रोल और डीजल दोनों पर दो फीसदी का बिक्री कर अधिभार भी लगाया जाएगा.
मेघालय सरकार के इस कदम की विपक्षी कांग्रेस की तीखी आलोचना की. पूर्व मंत्री अम्पेरेन लिंगदोह ने करों को बढ़ाने की आवश्यकता पर सवाल उठाया.
बढ़ाई गई कर की दरों को वापस लेने की मांग करते हुए उन्होंने कहा, जब अंतर्राष्ट्रीय तेल की कीमतें गिर गई हैं, तो हम पेट्रोल और डीजल पर करों में बढ़ोतरी की आवश्यकता को नहीं समझ पा रहे हैं. आम लोगों को इसका खामियाजा भुगतना पड़ेगा क्योंकि आवश्यक वस्तुओं की कीमतें बढ़ेंगी.
इसी तरह, असम ने लॉकडाउन की वजह से हो रहे नुकसान की कुछ भरपाई के लिये बुधवार को राज्य में ईंधन के दाम बढ़ा दिये. राज्य के वित्त एवं स्वास्थ्य मंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने बुधवार को यह जानकारी दी.
असम में पेट्रोल का दाम 71.61 रुपये से बढ़ाकर 77.46 रुपये लीटर और डीजल का दाम 65.07 रुपये से बढ़ाकर 70.50 रुपये लीटर कर दिया गया है.
वित्त मंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने संवाददाता सम्मेलन में कहा कि ईंधन के दाम में की गई वृद्धि अस्थाई उपाय है और जो भी परेशानी है सभी को उसमें अपना योगदान करना होगा. उन्होंने कहा, ‘जैसे ही कोरोना वायरस समाप्त होगा, हम फिर इसकी समीक्षा करेंगे.’
हिमंता ने कहा कि ईंधन की बिक्री घटने से राज्य सरकार को भारी राजस्व नुकसान हो रहा है. ‘इसमें से कुछ नुकसान की भरपाई के लिये हमें दाम बढ़ाने पड़ रहे हैं.’
उन्होंने कहा, ‘हमें दोतरफा नुकसान हो रहा है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम काफी नीचे आ गये हैं. इससे आयल इंडिया और ओएनजीसी कंपनियों द्वारा राज्य को दी जाने वाली रायल्टी में भी भारी कमी आयेगी. इसके साथ ही राज्य में ईंधन की बिक्री भी बहुत कम रह गई है.’
उन्होंने कहा, ‘हमें हर महीने रॉयल्टी से 166 करोड़ रुपये की प्राप्ति होती रही है लेकिन अब यह राशि 50 करोड़ रुपये रह जाने का अनुमान है इसलिये ईंधन के दाम बढ़ाकर हम अपने राजस्व को बचाये रखने का प्रयास कर रहे हैं.’
बता दें कि कोरोना वायरस महामारी के प्रकोप को तेजी से फैलने से रोकने के लिये 25 मार्च सो देशभर में लॉकडाउन लागू है. यह लॉकडाउन तीन मई तक लागू रहेगा.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)