भाजपा नेता और केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख़्तार अब्बास नक़वी ने कहा कि किसी एक संस्था या किसी व्यक्ति के गुनाह के लिए पूरे समुदाय को ज़िम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता. उस संस्था ने जो भी आपराधिक लापरवाही या अपराध, उसकी ज़्यादातर मुसलमानों ने निंदा की और कार्रवाई करने की मांग की है.
नई दिल्ली: केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी ने तबलीगी जमात प्रकरण के बाद खड़े हुए विवाद को लेकर बृहस्पतिवार को कहा कि किसी एक संस्था या व्यक्ति के गुनाह के लिए पूरे समुदाय मुस्लिम समुदाय को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता.
समाचार एजेंसी पीटीआई को दिए साक्षात्कार में उन्होंने यह विश्वास भी जताया कि रमजान के पवित्र महीने में संपूर्ण मुस्लिम समुदाय लॉकडाउन और सामाजिक दूरी (सोशल डिस्टेंसिंग) से जुड़े दिशानिर्देशों का पालन करते हुए अपने घर पर इबादत एवं इफ्तार करेगा.
उन्होंने कहा कि पूरे देश के इमाम, उलेमा और मुस्लिम संगठनों ने सर्वसम्मति से तय किया है कि रमजान के महीने में मुस्लिम मस्जिदों और धार्मिक जगहों पर इकट्ठा नहीं होंगे. साथ ही सामाजिक दूरी का ध्यान रखते हुए ‘इफ्तार’ और ‘तवारीह’ जैसे रिवाज पूरा करेंगे.
नकवी का यह बयान तबलीगी जमात के बीते मार्च महीने में दिल्ली के निजामुद्दीन पश्चिम स्थित मरकज में हुए धार्मिक आयोजन में शामिल हुए हजारों लोगों के कोरोना से संक्रमित पाए जाने के बाद सोशल मीडिया एवं कुछ अन्य जगहों पर विवादित बहस छिड़ने की पृष्ठभूमि में आया है.
इसी विवाद के बीच पिछले दिनों इस्लामी देशों के संगठन ओआईसी ने भारत में अल्पसंख्यकों के अधिकारों को लेकर चिंता जताई जिसके बाद नकवी ने कहा था कि भारत मुसलमानों के लिए स्वर्ग है और यहां अल्पसंख्यक समुदायों के सामाजिक, आर्थिक एवं धार्मिक अधिकार पूरी तरह सुरक्षित हैं.
तबलीगी जमात प्रकरण के बाद सामने आई कुछ कथित घटनाओं पर नकवी ने कहा, ‘किसी एक संस्था या किसी एक व्यक्ति के गुनाह के लिए पूरे समुदाय को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता. उस संस्था ने जो भी आपराधिक लापरवाही या अपराध, उसकी ज्यादातर मुसलमानों ने खुलकर निंदा की और कार्रवाई करने की मांग की है. इसलिए किसी एक संस्था के गुनाह को पूरे कौम के गुनाह के रूप में नहीं देख सकते.’
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, पिछले हफ्ते केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा था कि पूरे देश में कोरोना वायरस संक्रमण 14,378 मामलों में से 4,291 यानी 29.8 प्रतिशत मामले मार्च में हुए तबलीगी जमात के कार्यक्रम से जुड़े हुए हैं.
नकवी के मुताबिक जमात प्रकरण के बाद फर्जी खबरें और अफवाह फैलाने वाले पूरे देश और इंसानियत के दुश्मन हैं.
उन्होंने कहा, ‘फर्जी खबरें, अफवाहें फैलने वाले और गुमराह करने वाली चीजें कुछ लोग पूर्वाग्रह के साथ कर रहे हैं. कोरोना के खिलाफ इस लड़ाई में जो एकजुटता दिखाई दे रही है, कुछ लोगों को वह हजम नहीं हो रही है. वे लोग एकजुटता को तोड़ना चाहते हैं. ये लोग मुल्क और पूरी इंसानियत के दुश्मन हैं.’
मंत्री ने कहा कि ऐसा करने वाले मुट्ठी भर लोग हैं जिन्हें अलग-थलग करने की जरूरत है.
हाल ही में राज्य वक्फ बोर्डों और उलेमाओं से बात करने के बाद लोगों से रमजान में लॉकडाउन का पूरी तरह पालन करने की अपील करने वाले अल्पसंख्यक कार्य मंत्री ने विश्वास जताया कि सभी लोग इस पवित्र महीने में अपने घरों पर ही इबादत और इफ्तार करेंगे.
उन्होंने कहा, ‘कोई भी मुसलमान रमजान में मस्जिदों से दूर नहीं रहना चाहता, लेकिन कोरोना के कहर के कारण पूरी दुनिया और हिंदुस्तान के उलेमा एवं संगठनों ने तय किया है कि इस पाक महीने में मस्जिदों, अन्य धार्मिक स्थलों और सार्वजनिक स्थानों पर नमाज और इफ्तार का आयोजन नहीं करेंगे. यह अच्छी बात है.’
नकवी ने मुस्लिम समुदाय से यह अपील भी की, ‘हमें इस महीने खुदा से दुआ करनी चाहिए कि हमारे मुल्क और पूरी दुनिया को कोराना से निजात मिले और इंसानियत की रक्षा हो.’
यह पूछे जाने पर कि पूरा मुस्लिम समुदाय कोरोना के खिलाफ लड़ाई में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ खड़ा दिख रहा है तो उन्होंने कहा, ‘बिल्कुल. पूरा देश इस लड़ाई में एकजुट होकर साथ खड़ा हुआ है. नरेंद्र मोदी जी ने जब हाथ जोड़कर मुल्क के नागरिकों से अपील की थी तो सभी 130 करोड़ लोग उसमें शामिल हैं. यह अपील धर्म और जाति पर आधारित नहीं थी. उनकी अपील को सभी ने स्वीकार किया और उस पर पूरी तरह अमल किया.’
नकवी के अनुसार देश के सभी लोगों को यकीन है कि प्रधानमंत्री लोगों और देश के भले के लिए काम कर रहे हैं.
कोरोना वायरस को लेकर विपक्ष की भूमिका और कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी व राहुल गांधी की सलाहों पर उन्होंने कहा, कुछ लोगों ने आलोचना की है, लेकिन यह उनकी आदत है. हम लोग इससे नाराज नहीं होते.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)