भारत में लॉकडाउन होने के बाद बीते पच्चीस दिनों से महराजगंज ज़िले के सोनौली, नौतनवां और बढ़नी में रह रहे नेपाली नागरिकों बीते शुक्रवार और शनिवार को दो चक्रों में नेपाल भेजा गया. वहीं नेपाल से भी 188 भारतीय वापस देश में आए हैं.
नेपाल बॉर्डर पर रह रहे 333 से अधिक नेपाली नगारिक 25 दिन बाद अपने वतन जाने में कामयाब हो गए. इसी तरह नेपाल में क्वारंटाइन 188 भारतीय वापस अपने वतन आए हैं.
बीते शुक्रवार और शनिवार को सोनौली और बढ़नी सीमा से दोनों देशों के नागरिक अपने-अपने वतन को गए.
महराजगंज जिले के सोनौली और नौतनवां में रह रहे 298 नेपाली नागरिकों को शुक्रवार और शनिवार को दो चक्र में नेपाल भेजा गया.
ये नेपाली नगारिक 25 दिन से यहां रह रहे थे. इनमें 111 सोनौली के दीदयाल उपाध्याय आश्रम पद्धति विद्यालय में थे जबकि शेष नौतनवां इंटर कालेज में थे.
ये नेपाली नागरिक रूपन्देही, अर्घाखांची, पाल्पा, चितवन, बारा, कपिलवस्तु, प्यूठान, धादिंग, बालुंग, स्याइंजा, जाजरकोट, बांके, सुनसरी, पूर्वी नवलपरासी आदि जिले के थे.
नेपाली अधिकारी नेपाली नागरिकों को बेलहिया ले गए और वहां उनकी जांच की गई. सभी नागरिकों का रैपिड टेस्ट भी किया गया.
नेपाल अधिकारियों ने इसी दिन 152 भारतीय नगारिकों को भारतीय अफसरों को सौंपा. ये भारतीय नागरिक नेपाल के भैरहवां स्थिति प्रतिमा नीमा स्मृति प्रतिष्ठान में 25 दिन से क्वारंटीन थे.
भारतीय सीमा में आने के बाद 111 भारतीय नागरिकों को सोनौली स्थित दीनदयाल उपाध्याय आश्रम पद्धति विद्यालय में और 41 को नौतनवां इंटर कालेज ले जाया गया, जहां उनका मेडिकल परीक्षण किया गया.
अब इनकी जिलावार सूची बन रही है. सभी को उनके जिले में भेजा जाएगा.
भारतीय सीमा में अब भी 81 नेपाली नागरिक हैं. ये नेपाली नागरिक हाल ही में बॉर्डर तक पहुंचे हैं.
वहीं, सिद्धार्थनगर जिले के बढ़नी बॉर्डर से शनिवार को 35 नेपाली नागरिकों को मेडिकल स्क्रीनिंग के बाद नेपाली अधिकारियों को सौंपा गया.
इसी तरह नेपाल में क्वारंटाइन में रहे 36 भारतीय नागरिकों को क्वारंटाइन प्रमाण पत्र देकर स्क्रीनिंग के बाद भारतीय अधिकारियों सौंपा गया.
भारतीय सीमा में आए 36 नागरिकों में से चार को सिद्धार्थनगर के मिश्रौलिया थाना क्षेत्र में भेजा गया जबकि 32 को बस से बलरामपुर जिला भेजा गया.
सोनौली और नौतनवां में रह रहे नेपाली नागरिक देशव्यापी लॉकडाउन के बाद देश के विभिन्न शहरों से यहां आए थे.
इन नेपाली नागरिकों ने 30 मार्च की रात बॉर्डर पार कर नेपाल जाने की कोशिश की थी लेकिन वे अपने देश में दाखिल नहीं हो सके. नेपाली सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें रोक दिया.
जब उन्होंने जबरन नेपाल में दाखिल होने की कोशिश की तो नेपाली सुरक्षाकर्मियों की ओर से हल्का लाठीचार्ज भी किया गया.
ये नेपाली नागरिक 30 मार्च की रात से 31 मार्च की रात 8.30 बजे तक नो मैंस लैंड पर ही रहे. इसके बाद उन्हें सोनौली और नौतनवां ले जाकर क्वारंटीन किया गया.
भारत में 25 मार्च से देशव्यापी लॉकडाउन है. नेपाल ने इसके एक दिन पहले 24 को लॉकडाउन की घोषणा की थी. इसके बाद नेपाल सरकार ने लॉकडाउन को 7 मई तक बढ़ा दिया गया.
नेपाल में 26 अप्रैल तक कोविड-19 के 52 केस रिपोर्ट हुए हैं.
(लेखक गोरखपुर न्यूज़लाइन वेबसाइट के संपादक हैं.)