पाकिस्तानी सेना की शोध पत्रिका ‘ग्रीन बुक 2020’ में एक लेख में सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने कश्मीर को ‘परमाणु युद्ध को निमंत्रण देने वाला केंद्र बिंदु’ बताते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अंतरराष्ट्रीय नियमों की पूरी तरह से अवहेलना की है.
इस्लामाबाद: पाकिस्तान सेना के प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने कहा कि बालाकोट हवाई हमला और भारतीय संविधान के अनुच्छेद 370 को समाप्त करने के साथ जम्मू कश्मीर को विभाजित करने के दो घटनाक्रमों का दक्षिण एशिया की भूराजनीतिक स्थिति पर दीर्घकालिक असर पड़ेगा.
पाकिस्तानी सेना की शोध पत्रिका ‘ग्रीन बुक 2020’ में एक लेख में जनरल बाजवा ने कश्मीर को ‘परमाणु युद्ध को निमंत्रण देने वाला केंद्र बिंदु’ (न्यूक्लियर फ्लैश-प्वाइंट) बताया. इस पत्रिका को पाकिस्तान के उच्च शिक्षा आयोग की मान्यता प्राप्त है.
ग्रीन बुक पाकिस्तानी सेना की एक ऐसी द्विवार्षिक पत्रिका है, जिसमें सेवारत और सेवानिवृत्त अधिकारी ऐसे लेख लिखते हैं जो सेना की समग्र रणनीति और उद्देश्यों को दर्शाते हैं.
पाकिस्तान के राष्ट्रीय रक्षा विश्वविद्यालय (एनडीयू) की वेबसाइट पर प्रकाशित ग्रीन बुक के नवीनतम संस्करण में सेना के अधिकारियों, पूर्व राजनयिकों, शिक्षाविदों और पत्रकारों के अधिकांश लेख कश्मीर मुद्दे का संदर्भ देते हैं और भारतीय केंद्र शासित प्रदेश में लोगों का समर्थन करने के लिए कश्मीर फंड बनाने से लेकर संचार स्थापित करने के लिए सूचना और साइबर युद्ध को अपनाने से संबंधित सुझाव देते हैं.
पत्रिका के प्रमुख संरक्षक होने के नाते जनरल बाजवा ने इसके पहले पेज पर एक ‘नोट’ में अपने विचार लिखे हैं.
पाक सेना प्रमुख ने कहा, ‘2019 में दो घटनाक्रम हुए जिनका इस क्षेत्र की भूराजनीतिक स्थिति पर दीर्घकालिक असर पड़ेगा.’
उन्होंने कहा कि पहला भारतीय वायु सेना द्वारा 26 फरवरी को किया गया गैरजरूरी बालाकोट हवाई हमला और दूसरा पांच अगस्त को अनुच्छेद 370 और 35ए समाप्त करना.
उन्होंने कहा, ‘पहला कदम परमाणु शक्ति के तहत युद्ध के लिए जगह बनाने तथा बाध्यताएं थोपने की कोशिश थी, जिसे पाकिस्तानी वायु सेना ने अगले दिन ही उसी ताकत से जवाब देकर खारिज कर दिया.’
बाजवा ने लिखा, ‘दूसरा फैसला, व्यापक तौर पर दुनिया की ओर से निंदा के बावजूद (कश्मीर के) 80 लाख से अधिक मुस्लिमों के जीवन को परेशान कर रहा है.’
उन्होंने कहा, ‘कश्मीर परमाणु युद्ध को निमंत्रण देने का केंद्र बिंदु बना हुआ है और अंतरराष्ट्रीय नियमों की पूरी तरह अवहेलना करते हुए (प्रधानमंत्री नरेंद्र) मोदी ने न केवल अपने सन्निकट पड़ोस को खतरे में डाला है, बल्कि पूरी दुनिया के लिए जोखिम बढ़ा दिया है.’
हिंदुस्तान टाइम्स के अनुसार, ग्रीन बुक के कुछ हालिया संस्करणों में आतंकवादी समूहों द्वारा उत्पन्न आंतरिक खतरे पर ध्यान केंद्रित किया गया था, लेकिन इस साल के संस्करण में एक बार फिर से भारत को पाकिस्तान के लिए खतरे के रूप में पेश किया है.
लेख में 1999 के कारगिल संघर्ष और 2008 के मुंबई आतंकवादी जैसे हमलों का भी संदर्भ दिया गया है जिसके कारण दोनों देशों के बीच आमना-सामना हुआ. हालांकि, इन घटनाओं के जिक्र के दौरान उनमें पाकिस्तान-आधारित तत्वों की भूमिका का कोई उल्लेख नहीं किया गया.
बता दें कि, अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को समाप्त करने के बाद भारत को अंतरराष्ट्रीय संगठनों के साथ अनेक देशों से विरोध का सामना करना पड़ा. हालांकि, भारत ने बार-बार अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सामने साफ किया कि अनुच्छेद 370 समाप्त करना उसका आंतरिक विषय है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)