कोरोना वायरस: संयुक्त अरब अमीरात से 32 हज़ार से अधिक भारतीयों ने वापसी के लिए रजिस्ट्रेशन कराया

इस बीच देश के शीर्ष सैन्य अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा कि सशस्त्र बल खाड़ी के देशों और अन्य क्षेत्रों में फंसे हजारों भारतीयों को स्वदेश वापस लाने में अपनी भूमिका निभाने के लिए तैयार है.

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(फोटो: रॉयटर्स)

इस बीच देश के शीर्ष सैन्य अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा कि सशस्त्र बल खाड़ी के देशों और अन्य क्षेत्रों में फंसे हजारों भारतीयों को स्वदेश वापस लाने में अपनी भूमिका निभाने के लिए तैयार है.

(फोटो: रॉयटर्स)
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अबू धाबी/नई दिल्ली: कोरोना वायरस की वजह से लागू लॉकडाउन के बीच संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) में रहने वाले 32 हजार से अधिक भारतीयों ने अबू धाबी स्थित भारतीय दूतावास में ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू होने के पहले ही दिन वतन वापसी के लिए अपना रजिस्ट्रेशन कराया.

मीडिया में प्रकाशित खबरों के मुताबिक बुधवार रात को अबू धाबी में भारतीय दूतावास ने दुबई स्थित भारतीय महावाणिज्य दूतावास की वेबसाइट के जरिये विस्तृत आंकड़े एकत्रित करने की घोषणा की.

इस घोषणा के कुछ मिनटों बाद ही वेबसाइट में तकनीकी समस्या उत्पन्न हो गई, जिसके बाद दूतावास को ट्वीट हटाने के घंटों बाद दोबारा इसे पोस्ट करना पड़ा.

गुरुवार तड़के जारी ट्वीट में भारतीय वाणिज्य दूतावास ने आवेदकों से कहा कि अगर भारी दबाव की वजह से वेबसाइट खुलने में समय लगाता है तो इस देरी को सहना होगा.

गल्फ न्यूज़ को दुबई स्थित भारतीय वाणिज्य दूत विपुल ने बताया, ‘बृहस्पतिवार शाम पांच बजे तक 32 हजार से अधिक रजिस्ट्रेशन हो चुके थे.’

उन्होंने बताया कि तकनीकी परेशानी इसलिए आ रही है क्योंकि वाणिज्य दूतावास की वेबसाइट के जरिये बड़ी संख्या में लोग रजिस्ट्रेशन करना चाहते हैं.

विपुल ने कहा कि आवेदन में स्वदेश लौटने के लिए बताई जा रही वजहों का अभी दूतावास द्वारा विश्लेषण किया जाना है लेकिन कई आवेदनों में गर्भवती पत्नी सहित कई आपात मामले बताए जा रहे हैं.

उन्होंने कहा, ‘हम समझ सकते हैं कि विभिन्न कारणों से लोग घर जाना चाहते हैं. लोगों को यह ध्यान रखते हुए यात्रा के लिए तैयार रहना चाहिए कि महामारी की वजह से यात्रा पर कुल मिलाकर पाबंदी है. जो लोग तत्काल जाना चाहते हैं उन्हें आने वाले कुछ दिनों में लगातार वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन कराने की कोशिश करनी चाहिए.’

उन्होंने कहा कि रजिस्ट्रेशन कुछ दिनों के लिए खुला है और इससे एकत्र आंकड़े को विभिन्न देशों में स्थित भारतीय दूतावास भारतीय राज्यों को देंगे ताकि वे उनकी यात्रा की तैयारी कर सकें.

महावाणिज्य दूत ने दोहराया कि डाटा बैंक में रजिस्ट्रेशन शुरुआती दौर में भारतीयों को निकालने के लिए व्यवस्था की जा रही उड़ानों में सीट की गारंटी नहीं है. ये विमान सबसे योग्य लोगों की श्रेणी में आने वालों के लिए होगा.

उन्होंने कहा, ‘बहुत अधिक परेशान कामगार, चिकित्सा आधार, गर्भवती महिला, बुजुर्ग और दुबई हवाईअड्डे पर फंसे भारतीयों को सरकार द्वारा शुरू की जाने वाली विशेष विमान सेवा में संभवत: सबसे पहले प्राथमिकता दी जाएगी.’

विपुल ने कहा, ‘हालांकि भारत सरकार द्वारा यात्रा की शर्तों के बारे में कोई दिशानिर्देश नहीं दिए गए हैं, इसलिए यह स्पष्ट नहीं है कि यात्री की कोविड-19 के संदर्भ में इस स्थिति से यात्रा कितनी प्रभावित होगी.’

महावाणिज्य दूत से जब मीडिया में आई उस खबर के बारे में पूछा गया कि एयर इंडिया की 500 उड़ान और भारतीय नौसेना के तीन युद्धपोत विदेश में फंसे भारतीयों को निकालने के लिए तैयार हैं तो उन्होंने कहा कि युद्धपोत की जानकारी उन्हें नहीं है.

रिपोर्ट के अनुसार, भारतीय नौसेना ने खाड़ी देशों से 1500 भारतीयों को तीन युद्धपोतों के माध्यम से निकालने के संबंध में एक विस्तृत योजना सरकार को सौंपी है.

उन्होंने कहा, ‘निश्चित रूप से एयर इंडिया अभियान में शामिल होगा लेकिन युद्धपोत की जानकारी मुझे नहीं है.’

इस बीच केरल सरकार ने गुरुवार को बताया कि दुनिया के 201 देशों में रह रहे राज्य के 3,53,46 लोगों ने वापसी के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है.

महावाणिज्य दूत ने संयुक्त अरब अमीरात में रह रहे केरल वासियों का आह्वान किया है कि जिन्होंने नोरका (अनिवासी केरलवासी मामलों) पर रजिस्ट्रेशन कराया है वे दूतावास की वेबसाइट पर भी रजिस्ट्रेशन कराए क्योंकि इससे केंद्र सरकार को विमानों की व्यवस्था करने में मदद मिलेगी.

इस दौरान भारत सरकार ने देश में लॉकडाउन की सीमा तीसरी बार बढ़ाकर 17 मई कर दी है. इस दौरान हवाई, रेल, मेट्रो और अंतरराज्यीय आवागमन पर पूरी तरह से प्रतिबंध लगाया गया है.

विदेशों में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए पूरी तरह तैयार है भारतीय सेना

इस बीच देश के शीर्ष सैन्य अधिकारियों ने शुक्रवार को कहा कि सशस्त्र बल खाड़ी के देशों और अन्य क्षेत्रों में फंसे हजारों भारतीयों को स्वदेश वापस लाने में अपनी भूमिका निभाने के लिए तैयार है. सेना ने मिशन के लिए विमान और नौसैनिक जहाजों को तैयार रखा है.

प्रमुख रक्षा अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत ने तीनों सेना प्रमुखों के साथ एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, ‘जो भी सहायता की आवश्यकता है, हम उसे पूरा करेंगे.’

वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने कहा कि मालवाहक विमान का एक बेड़ा बिल्कुल तैयार है और सरकार जो भी कार्य सौंपेगी, वायु सेना उसे करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।

नौसेना प्रमुख एडमिरल करमबीर सिंह ने कहा कि नौसेना भी विदेशों में फंसे भारतीयों को निकालने में अपनी भूमिका निभाने के लिए तैयार है.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)