पालघर लिंचिंग मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के ख़िलाफ़ कथित आपत्तिजनक टिप्पणी को लेकर दायर मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अर्णब गोस्वामी की गिरफ़्तारी पर रोक लगाई है. अब महाराष्ट्र सरकार ने शीर्ष अदालत में डाली गई एक याचिका में कहा है कि अर्णब अपने चैनल के ज़रिये मुंबई पुलिस पर दबाव बना रहे हैं.
अर्णब गोस्वामी (फोटो साभार: ट्विटर)
मुंबईः महाराष्ट्र सरकार ने रिपब्लिक टीवी के संपादक अर्णब गोस्वामी के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट का रुख किया है.
उद्धव ठाकरे सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि गोस्वामी अदालत से गिरफ्तारी से मिले संरक्षण का दुरुपयोग कर रहे हैं.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, महाराष्ट्र सरकार ने कहा कि अर्णब अपने चैनल के कार्यक्रम के जरिए मुंबई पुलिस पर दबाव बना रहे हैं.
दो मई को दायर इस याचिका में किसी भी तरह के दबाव और धमकी से जांचकर्ताओं को सुरक्षा देने और उन्हें उचित और निष्पक्ष तरीके से अपने दायित्वों को पूरा करने देने को कहा गया है.
इसके साथ ही गोस्वामी को अदालत से मिली अंतरिम सुरक्षा का दुरुपयोग करने से उन्हें रोकने की मांग की गई है.
याचिका में रिपब्लिक टीवी के हिंदी समाचार चैनल के एक कार्यक्रम का भी उल्लेख करते हुए कहा गया है कि इस शो में अर्णब के बयान जांच अधिकारियों को डराने, उन्हें आतंकित करने वाले हैं.
अर्णब गोस्वामी पर पत्रकार के रूप में अपने पद का दुरुपयोग करने का आरोप लगाते हुए याचिका में कहा गया, ‘उन्होंने (गोस्वामी) पुलिस आयुक्त सहित पुलिस के खिलाफ अनुचित, बेहूदा, झूठे और अपमानजनक बयान देने के लिए बार-बार अपने पद और अपने चैनल का इस्तेमाल किया है.’
महाराष्ट्र के अधिवक्ता सचिन पाटिल के माध्यम से दायर इस आवेदन में अर्णब गोस्वामी को अपने अंतरिम संरक्षण का दुरुपयोग नहीं करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है.
याचिका में गोस्वामी के टीवी शो के बारे में कुछ ट्वीट और उनके विवरण का भी हवाला दिया गया है.
इसमें कहा गया है कि याचिकाकर्ता ने अपना पक्ष और थाने के भीतर तक अपने रिपोर्टर और कैमरामेन के साथ पहुंचने को इस कार्यक्रम में प्रसारित किया है.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 24 अप्रैल को अपने आदेश में अर्णब गोस्वामी के खिलाफ विभिन्न राज्यों में दर्ज प्राथमिकी और शिकायतों के संबंध में तीन सप्ताह के लिए उनकी गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी.
गोस्वामी के खिलाफ ये एफआईआर पालघर मॉब लिंचिंग मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ कथित तौर पर आपत्तिजनक बयानों को लेकर दायर हुई थीं.
पीठ ने गोस्वामी के खिलाफ नागपुर में दर्ज मामले को मुंबई में स्थानांतरित कर दिया था. इसके साथ ही अर्णब को जांच में सहयोग करने का निर्देश दिया था.
गोस्वामी पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ कथित तौर पर आपत्तिजनक टिप्पणी करने और सांप्रदायिकता भड़काने के आरोप में देश के कई राज्यों में एफआईआर दर्ज की गई थी.
इसके बाद अर्णब गोस्वामी ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने गोस्वामी को अंतरिम राहत देते हुए उनकी गिरफ्तारी पर तीन सप्ताह के लिए रोक लगा दी थी.
उनके खिलाफ किसी भी तरह की ठोस कार्रवाई नहीं करने का आदेश भी दिया गया था. उनसे तीन सप्ताह में अग्रिम जमानत की अर्जी दाखिल करने को भी कहा गया था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)