यह हादसा विशाखापत्तनम के गोपालपत्तनम इलाके में स्थित एलजी पॉलिमर संयंत्र को दोबारा खोलने के दौरान हुआ. हादसे के शिकार हुए 20-25 लोगों की हालत नाजुक है. संयंत्र के तीन किमी के दायरे से 200 से 250 परिवारों के लगभग 500 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है.
अमरावती/विशाखापत्तनम/नई दिल्ली: आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में बृहस्पतिवार तड़के एक रासायनिक संयंत्र से गैस का रिसाव हो जाने के कारण एक बच्चे समेत कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों लोगों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा.
विशाखापत्तनम के पास गोपालपत्तनम के तहत आने वाले वेंकेटपुरम गांव में स्थित एलजी पॉलिमर्स लिमिटेड के संयंत्र से स्टाइरीन गैस के रिसाव के कारण यह हादसा हुआ.
बृहस्पतिवार तड़के इस गैस के रिसाव ने पांच किलोमीटर के दायरे में स्थित गांवों को अपनी चपेट में ले लिया था. गैस रिसाव के बाद इस इलाके के लोगों ने आंखों में जलन, सांस लेने में तकलीफ, जी मचलाना और शरीर पर लाल चकत्ते पड़ने की शिकायत थीं.
आंध्र प्रदेश सरकार ने घटना की जांच के आदेश दिए हैं.
केंद्र ने बृहस्पतिवार को कहा कि गैस रिसाव होने के बाद वहां एनडीआरएफ के सीबीआरएन (रसायन, जैविक, रेडियोधर्मी और परमाणु) विशेषज्ञों की एक टीम और मेडिकल विशेषज्ञ भेजे जा रहे हैं.
राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ) के महानिदेशक एसएन प्रधान ने कहा कि फैक्टरी से रिसाव अब बहुत कम हो गया है लेकिन एनडीआरएफ कर्मी इसे पूरी तरह से बंद करने तक मौके पर मौजूद रहेंगे.
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि गैस रिसाव से अभी तक 11 लोगों की मौत हुई है और 20-25 लोगों की हालत नाजुक है.
राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य कमल किशोर ने कहा कि फैक्टरी के आसपास के इलाकों में रह रहे करीब 1,000 लोग गैस रिसाव से प्रभावित हुए हैं.
प्रधान ने कहा कि संयंत्र के तीन किमी के दायरे से 200 से 250 परिवारों के लगभग 500 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है.
किशोर ने कहा कि जो गैस लीक हुई है वह स्टाइरीन है और घटनास्थल विशाखापत्तनम से करीब 20 किमी दूर है.
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, कर्मचारी संयंत्र को दोबारा खोलने की तैयारी कर रहे थे और इसी दौरान यह हादसा हुआ.
शहर के किंग जॉर्ज अस्पताल में सैकड़ों बेहोश लोगों और सांस लेने में कठिनाई वाले लोगों को भर्ती कराया गया है. इस हादसे में बच्चे और बुजुर्ग सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं.
किंग जॉर्ज अस्पताल के एक अधिकारी ने कहा कि मौतों का आंकड़ा बढ़ सकता है.
Visakhapatnam: At least seven people have been killed, including a child, and about 120 have been admitted to hospital after styrene gas leak in RR Venkatapuram village today. #AndhraPradesh
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— ANI Digital (@ani_digital) May 7, 2020
प्रदेश के पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) डी. गौतम स्वांग ने बताया कि मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने हालात का जायजा लेने के लिए एक उच्च स्तरीय बैठक की थी और मामले की जांच के आदेश दिए हैं.
उन्होंने यहां मुख्यमंत्री के साथ बैठक के बाद कहा कि विशाखापत्तनम के किंग जॉर्ज अस्पताल में कम से कम 246 लोगों का इलाज चल रहा है और उनमें से 20 वेंटिलेटर पर हैं.
मृतकों में आठ साल का एक बच्चा भी शामिल है जबकि प्रभावित लोगों को निकालने के लिए गए कई पुलिसकर्मी भी इससे प्रभावित हुए हैं.
इसके अलावा, प्रभावित गांव से भागने के दौरान दो लोग एक बोरवेल में गिर पड़े जिससे उनकी मौत हो गई. उनके शवों को बाद में निकाल लिया गया.
Andhra Pradesh: Visakhapatnam District Collector Vinay Chand visited King George Hospital where people affected by #VizagGasLeak are being treated. pic.twitter.com/tEZLriS82b
— ANI (@ANI) May 7, 2020
विशाखापट्टनम जिला कलेक्टर वी. विनय चंद ने बताया कि दो घंटे के अंदर स्थिति काबू में लाई जाएगी. जिन्हें सांस लेने में तकलीफ है उन्हें ऑक्सीजन सपोर्ट दिया जा रहा है.
प्रभावित लोग ऑटो और दो पहिया गाड़ियों पर चिकित्सकीय सहायता के लिए दौड़े, जबकि सरकारी कर्मियों ने जो भी संभव हुआ, वो प्राथमिक उपचार उन्हें देने की कोशिश की.
लोग सड़क किनारे और नालों के पास बेहोश पड़े हुए थे, जो स्थिति की गंभीरता को बयान करता है. वही सरकार का कहना है कि रिसाव को नियंत्रित करना पहली प्राथमिकता है.
राज्य के औद्योगिक मंत्री मेकपति गौतम रेड्डी ने बताया कि एलजी पॉलिमर्स इकाई को लॉकडाउन के बाद बृहस्पतिवार को खुलना था.
उन्होंने कहा, ‘हम (दक्षिण कोरियाई) कंपनी के शीर्ष प्रबंधन से संपर्क करने कोशिश कर रहे हैं… हमारी पहली प्राथमिकता रिसाव को रोकना और प्रभावित लोगों का उचित इलाज सुनिश्चित करना है.’
डीजीपी ने बताया कि गैस का और रिसाव नहीं हुआ है और स्थिति अब स्थिर है और नियंत्रण में है.
डीजीपी स्वांग ने बताया, ‘गैस का रिसाव कैसे हुआ और रिसाव रोकने के लिए संयंत्र में नूट्रलाइज़र क्यों प्रभावी साबित नहीं हुआ, इसकी जांच की जाएगी. स्टाइरीन जहरीली गैस नहीं है और तभी घातक होती है जब अधिक मात्रा में सांस के साथ शरीर में चली जाए.’
विशाखापत्तनम जिले के संयुक्त कलेक्टर वेणुगोपाल रेड्डी ने कहा कि आरआर वेंकेटपुरम गांव के सभी लोगों को वहां से निकाल के सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है.
आरआर वेंकेटपुरम से सभी 800 से ज्यादा लोगों को निकाल लिया गया है. उनमें से कई को सिर्फ प्राथमिक उपचार की जरूरत थी.
बचाव अभियान के लिए गए कई पुलिसकर्मियों को भी सांस लेने में दिक्कत, आंखों में जलन जैसे लक्षण हुए और वे बेहोश हो गए.
स्टाइरीन गैस आसपास के गांवों में फैल गयी और सोते हुए लोगों को अपनी चपेट में ले लिया.
आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री वाईएस जगन मोहन रेड्डी ने घटना के बारे में जानकारी ली है और जिला कलेक्टर को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि प्रभावित लोगों को उचित इलाज मिले. वे प्रभावितों से मिलने के लिए अस्पताल जाने वाले हैं.
लोगों से न घबराने की अपील, हेल्पलाइन नंबर जारी
आंध्र प्रदेश सरकार ने विशाखापत्तनम के लोगों से न घबराने और स्थिति को नियंत्रण में लाने के लिए काम कर रहे अधिकारियों के साथ सहयोग करने की बृहस्पतिवार को अपील की.
राज्य के आईटी एवं उद्योग मंत्री एम गौतम रेड्डी ने सिलसिलेवार कई ट्वीट कर कहा कि विशाखापत्तनम में उद्योग विभाग में महाप्रबंधक के कार्यालय में एक हेल्पडेस्क बनाया गया है.
उन्होंने कहा कि लोग उप निदेशक एस प्रसाद राव से उनके मोबाइल नंबर 7997952301 और 891923934 पर संपर्क कर सकते हैं तथा एक अन्य अधिकारी आर ब्रह्म से मोबाइल नंबर 9701197069 पर संपर्क कर सकते हैं.
Spoke to officials of MHA(Ministry of Home Affairs) and NDMA (National Disaster Management Authority) regarding situation in Visakhapatnam, which is being monitored closely. I pray for everyone’s safety and well-being in Visakhapatnam: Prime Minister Narendra Modi. #VizagGasLeak pic.twitter.com/kQkjCDA8ve
— ANI (@ANI) May 7, 2020
उधर, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हालात का जायजा लिया और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने घटना पर चिंता व्यक्त की.
प्रधानमंत्री ने एक ट्वीट में कहा कि उन्होंने गृह मंत्रालय और एनडीएमए के अधिकारियों से स्थिति के संबंध में बात की है जो हालात पर करीबी नजर रखे हुए हैं.
उन्होंने कहा, ‘मैं सभी की सुरक्षा और विशाखापत्तनम के लोगों की कुशलक्षेम की प्रार्थना करता हूं.’
इस बीच केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने गैस रिसाव की घटना को परेशान करने वाला बताया है. उन्होंने कहा, ‘विशाखापत्तनम की घटना परेशान करने वाली है. हम निरंतर स्थिति पर नजर रख रहे हैं.’
मुख्यमंत्री कार्यालय ने ट्वीट किया कि जगन मोहन रेड्डी विशाखापत्तनम में किंग जॉर्ज अस्पताल जाएंगे जहां प्रभावित लोगों का इलाज चल रहा है.
गैस रिसाव अब नियंत्रण में: एलजी केम
एलजी केमिकल्स ने बृहस्पतिवार को कहा कि विशाखापत्तनम स्थित पॉलिमर संयंत्र में गैस रिसाव अब नियंत्रण में है.
दक्षिण कोरिया की कंपनी एलजी केमिकल्स ने कहा कि वह स्थानीय निवासियों और कर्मचारियों की मदद के लिए भारतीय अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रही है.
कंपनी ने एक बयान में कहा, ‘गैस का रिसाव अब नियंत्रण में है, लेकिन गैस रिसाव की वजह से लोगों को चक्कर आने या जी मिचलाने जैसी दिक्कतें हो सकती हैं. हम सभी प्रभावितों को उचित इलाज सुनिश्चित करने के लिए हर संभव प्रयास कर रहे हैं.’
कंपनी स्टाइरीन मोनोमर गैस के रिसाव के कारणों का पता लगा रही है. यह गैस प्लास्टिक के उत्पादन में काम आती है.
केंद्र और आंध्र प्रदेश सरकार को एनएचआरसी का नोटिस
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने विशाखापत्तनम में रसायन संयंत्र से गैस रिसाव के चलते हुई मौतों और लोगों की पीड़ा को लेकर बृहस्पतिवार को केंद्र सरकार और आंध्र प्रदेश सरकार को नोटिस जारी किये. यह जानकारी अधिकारियों ने दी.
आयोग ने एक बयान में कहा कि पीड़ितों के जीने के अधिकार का घोर उल्लंघन हुआ है. ऐसे समय में जब कोविड-19 के प्रसार के चलते पूरे देश में मानव जीवन खतरे में है और सभी घर के भीतर रहने के लिए बाध्य हैं, यह भीषण त्रासदी लोगों के लिए एक अप्रत्याशित घटना के तौर पर सामने आयी है.
आयोग ने कहा कि उसने जिले में सुबह स्टाइरीन गैस के रिसाव के कारण आठ लोगों की मौत और पांच हजार से अधिक अन्य लोगों के बीमार होने के बारे में मीडिया में आयी खबरों का स्वत: संज्ञान लिया है.
आयोग ने इस मामले में राज्य अधिकारियों द्वारा संचालित बचाव अभियान की स्थिति, बीमार लोगों को प्रदान किए गए उपचार और प्रभावित परिवारों को राहत एवं पुनर्वास के बारे में एक विस्तृत रिपोर्ट के लिए आंध्र प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव को नोटिस जारी किया है.
आयोग ने साथ ही कॉरपोरेट मामलों के मंत्रालय से यह भी पूछा कि उस औद्योगिक इकाई में क्या कानून के प्रासंगिक प्रावधानों के तहत निर्धारित मानदंडों को लागू किया जा रहा है और इस बारे में आयोग को एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा गया है.
बयान में कहा गया है कि इन सभी अधिकारियों से चार सप्ताह के भीतर जवाब प्राप्त होने की उम्मीद की जाती है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)