‘बॉयज़ लॉकर रूम’ इंस्टा ग्रुप में स्कूली लड़कों की अभद्र बातचीत और नाबालिग लड़कियों की आपत्तिजनक तस्वीरों के स्क्रीनशॉट्स सामने आने के बाद दिल्ली पुलिस के साइबर सेल ने मामले का संज्ञान लेकर मामला दर्ज किया है.
नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस के साइबर सेल ने मंगलवार को इंस्टाग्राम ग्रुप चैट के एडमिन को गिरफ्तार कर लिया है.
अधिकारियों ने बुधवार को बताया कि ‘बॉयज़ लॉकर रूम’ नामक इस ग्रुप का इस्तेमाल अश्लील संदेशों तथा बच्चियों की छेड़छाड़ के बाद तैयार की गई तस्वीरें सोशल मीडिया साइट पर शेयर करने के लिए किया जाता था.
उन्होंने बताया कि आरोपी से पूछताछ की गई और अपराध के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों को जब्त कर लिया गया.
दिल्ली पुलिस के अतिरिक्त पीआरओ अनिल मित्तल ने बताया, ‘साइपैड यूनिट ने कथित ग्रुप और उसके सदस्यों के बारे में इंस्टाग्राम से जानकारी मांगी है. अभी जवाब का इंतजार किया जा रहा है. ग्रुप के सदस्यों के पास से उपकरण जब्त कर लिए गए हैं. इन उपकरणों को फॉरेंसिक विश्लेषण के लिए भेजा गया है.’
पुलिस ने बताया कि सोमवार को एक किशोर को गिरफ्तार किया गया था, जो ग्रुप का सदस्य भी है.
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार पुलिस ने पांच अन्य छात्रों से मंगलवार को उनके अभिभावकों की मौजूदगी में पूछताछ भी की गयी थी.
पुलिस ने बताया कि ग्रुप के अन्य सदस्यों की भूमिका की भी जांच की जा रही है. नाबालिगों सहित इस ग्रुप के दस सदस्यों की भी पहचान की गई है, साथ ही ग्रुप के 21 और सदस्यों को जांच में शामिल होने का निर्देश दिया गया है.
पुलिस अधिकारियों के अनुसार फिलहाल वयस्क आरोपियों से पूछताछ की जा रही है. ग्रुप के नाबालिग सदस्यों से किशोर न्याय कानून के प्रावधानों के अनुसार जानकारी हासिल की जा रही है.
अब तक सामने आई जानकारी के अनुसार, मार्च के आखिरी हफ्ते में साउथ दिल्ली के एक प्रतिष्ठित स्कूल के कुछ छात्रों ने एक इंस्टाग्राम ग्रुप बनाकर उसमें अपने दोस्तों को जोड़ना शुरू किया था.
एक पुलिस अधिकारी ने बताया, ‘ग्रुप के कुछ लोग कॉलेज में पढ़ते हैं. कुछ सदस्यों ने कथित तौर पर कुछ स्कूल छात्राओं की तस्वीरें उनके इंस्टाग्राम एकाउंट से लेकर यहां पोस्ट करना शुरू किया और उस पर सेक्सुअल कमेंट किए गए. इनमें यौन हिंसा की धमकियां भी थीं.’
उन्होंने आगे बताया, ‘कुछ दिनों बाद इस ग्रुप में कुल 51 लोग थे और उन्होंने एक ग्रुप और बनाया. यहां भी लड़कियों द्वारा उनके इंस्टाग्राम एकाउंट पर डाली जाने वाली तस्वीरें शेयर की. कइयों ने यहां कथित तौर पर कुछ छेड़छाड़ की गई तस्वीरें भी डालीं.’
रविवार को एक लड़की ने इस ग्रुप की गतिविधियों के कुछ स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर शेयर किए, जिसके बाद इस ग्रुप का पता चला. इस मामले पर संज्ञान लेते हुए दिल्ली महिला आयोग ने इंस्टाग्राम और दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया था.
अधिकारियों ने बताया कि आईटी कानून और आईपीसी की प्रासंगिक धाराओं के तहत सोमवार को एक मामला दर्ज किया गया है. उन्होंने बताया कि जांच के दौरान एकत्र सबूतों के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.
वहीं, इंस्टाग्राम ने कहा था कि वह इस मुद्दे को बहुत गंभीरता से ले रहा है और इस तरह के आचरण की अनुमति बिल्कुल नहीं देता. इंस्टाग्राम के अनुसार, बच्चियों की तस्वीरों वाली आपत्तिजनक सामग्री जानकारी मिलने के तत्काल बाद प्लेटफॉर्म से हटा दी गई.
चैट से जुड़े छात्र ने बिल्डिंग से कूदकर जान दी
इस बीच गुड़गांव में 12वीं कक्षा के एक छात्र ने मंगलवार की रात कथित रूप से 11वीं मंजिल से कूदकर आत्महत्या कर ली. पुलिस ‘बॉयज़ लॉकर रूम’ चैट मामले में उसकी संलिप्तता की जांच कर रही थी.
न्यूज़ 18 के मुताबिक मृतक छात्र गुरुग्राम के पॉश इलाके डीएलएफ कार्लटन इस्टेट के फेज-5 में रहता था और मंगलवार रात 11वीं मंजिल के बालकनी से कूद गया.
पुलिस ने प्रारंभिक जांच के दौरान किसी भी प्रकार की गलती होने से इनकार किया. साथ ही यह बताया कि मृतक ने कोई सुसाइड नोट नहीं छोड़ा है.
पुलिस के अनुसार, छात्र के मोबाइल जांच की विस्तृत रिपोर्ट मिलने के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी. फिलहाल सीआरपीसी 174 के तहत कानूनी कार्यवाही शुरू की जा चुकी है.
ऑउटलुक के मुताबिक गुड़गांव, सेक्टर 53 के एसएचओ दीपक कुमार ने बताया, ‘हमने उसके मोबाइल को जब्त कर लिया है और आगे की जांच के लिए फॉरेंसिक लैब में भेज दिया है. हमने इसमें साइबर क्राइम सेल को भी शामिल किया है ताकि उसके सोशल मीडिया अकाउंट की जांच की जा सके और यह पता लगाया जा सके कि वो किससे किस तरह की चैटिंग करता था और उसका चरित्र कैसा था. इसके अलावा हम यह भी जानने की कोशिश करेंगे कि इतना बड़ा कदम उठाने के पीछे क्या कारण हो सकता है.’
उच्च न्यायालय से कार्रवाई का अनुरोध
‘बॉयज़ लॉकर रूम’ की घटना का मामला अब दिल्ली उच्च न्यायालय पहुंच गया है. दो वकीलों ने मुख्य न्यायाधीश से अनुरोध किया है कि वह इस घटना का स्वत: संज्ञान लें.
अधिवक्ता नीला गोखले और इलम परिधि ने इस घटना के बारे में दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डीएन पटेल को एक पत्र लिखा है जिसमें लड़कों के एक बड़े समूह की इस तरह की गैर-कानूनी गतिविधियों की गंभीरता की ओर उनका ध्यान आकर्षित किया गया है.
पत्र में कहा गया है कि इस चैट रूम में लड़के सोशल मीडिया के माध्यम से नाबालिग और कम आयु की लड़कियों सहित महिलाओं से बलात्कार करने और उनका यौन उत्पीड़न करने के तरीकों पर चर्चा कर रहे है और इसी वजह से वह यह घटना उनके संज्ञान में ला रही हैं.
इन अधिवक्ताओं ने मुख्य न्यायाधीश से अनुरोध किया है कि संबंधित प्राधिकारियों को बच्चों का यौन शोषण से रोकथाम कानून, भारतीय दंड संहिता और सूचना एवं प्रौद्योगिकी कानून के तहत दंडनीय अपराध के आरोप में इस कथित अपराध के लिए प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया जाए और सारे मामले की यथाशीघ्र जांच कराई जाए.
पत्र में कहा गया है कि ये प्लेटफॉर्म और प्रौद्योगिकी नई-नई चीजें सीखने और प्रतिभा के विकास के लिए एक वरदान है लेकिन विकृत मानसिकता वाले चंद लोगों को सोशल मीडिया मंचों की विश्वसनीयता और उपयोगिता कमतर करने की इज़ाज़त नहीं दी जा सकती है.
पत्र में कहा गया है कि ग्रुप चैट के विवरण महिलाओं के शरीर के विभिन्न अंगों के बारे में अश्लील टिप्पणियों से भरे हुए हैं और इसमें छेड़छाड़ कर तैयार की गई नग्न तस्वीरों को प्रसारित करने की धमकी भी शामिल है. महिलाओं और लड़कियों की नितांत निजी तस्वीरों को अश्लील और बेहूदी टिप्पणियों के साथ साझा किया गया है.
इन अधिवक्ताओं के अनुसार इस समूह के सदस्यों ने सह-सदस्यों को पहले वाले समूह को छोड़ने का अनुरोध किया है ताकि उन्हें खोजा नहीं जा सके और उन्होंने एक नया ‘बॉयज़ लॉकर रूम 2.0’ बना लिया है. अत: ऐसे तत्वों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करके उन्हें दंडित करने की आवश्यकता है.
‘बॉयज़ लॉकर रूम’ ऑनलाइन उत्पीड़न का सीधा मामला: केंद्रीय मंत्री
केंद्रीय महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री देबश्री चौधरी ने बुधवार को कहा कि ‘बॉयज़ लॉकर रूम’ जैसी घटनाओं को ऑनलाइन उत्पीड़न का सीधा मामला मानना चाहिए.
मंत्री ने ट्वीट कर कहा कि ऐसे मामलों को ऑनलाइन उत्पीड़न के मामले के तौर पर देखने की जरूरत है.
Chaired Childline 1098 Review meeting today in a web conference. It is important in these times when instances like ‘Boys Locker Room’ are being noticed as direct cases of online abuse . Thanks to Minister WCD @visrane Goa and @WCDCgGov and Min. Home Meghalaya for their presence. pic.twitter.com/JNwEQyzd6D
— Debasree Chaudhuri (@DebasreeBJP) May 6, 2020
उन्होंने बुधवार को ‘चाइल्डलाइन 1098’ की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता भी की. इस बैठक में गोवा, मेघालय के मंत्री भी शामिल हुए.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)