सूरत के हज़ीरा औद्योगिक शहर के समीप मोरा गांव का मामला. गुजरात के सूरत शहर में लॉकडाउन की वजह से फंसे प्रवासी मज़दूर घर भेजे जाने की मांग को लेकर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं.
सूरत: अपने गृह राज्य भेजे जाने की मांग कर रहे सैकड़ों गुस्साए प्रवासी मजदूरों की शनिवार को गुजरात में सूरत जिले के मोरा गांव में पुलिस से झड़प हो गई.
एक अधिकारी ने बताया कि हजीरा औद्योगिक शहर के समीप मोरा गांव में सैकड़ों मजदूरों की पुलिस के साथ झड़प हो गई. उन्होंने पुलिस के वाहनों पर पथराव किया. इसके बाद 40 से अधिक मजदूरों को हिरासत में ले लिया गया.
Another incident of police-migrants clash when hundreds of migrants in Mora village near Surat’s main industrial zone Hazira gathered demanding that they be allowed to go back immediately. The police had to use tear gas to disperse the mob. @the_hindu. pic.twitter.com/Ib18IB3L63
— Mahesh Langa (@LangaMahesh) May 9, 2020
उन्होंने बताया कि प्रदर्शन कर रहे मजदूरों ने मांग की कि जिला प्रशासन उन्हें उत्तर प्रदेश, बिहार, ओडिशा समेत अन्य राज्यों में उनके गृह नगर भेजने की व्यवस्था करे.
अधिकारी ने बताया कि ज्यादातर मजदूर हजीरा में औद्योगिक इकाइयों में काम करते हैं और मोरा गांव में रहते हैं. पुलिस ने इलाके की घेराबंदी कर दी है. वहां सुरक्षा कड़ी कर दी गई है.
At around 8 am today, around 500-1000 people gathered here demanding they be sent back to their respective states. Reasonable force was used, around 55-60 were arrested, and around 50-60 have also been detained: D N Patel, Surat Joint Commissioner of Police https://t.co/HShbJ5Zw9y pic.twitter.com/bT8V5piinw
— ANI (@ANI) May 9, 2020
समाचार एजेंसी एएनआई से बातचीत में सूरत पुलिस के संयुक्त कमिश्नर डीएन पटेल ने बताया, ‘सुबह आठ बजे पांच सौ से हजार की संख्या में लोग घर भेजे जाने की मांग को लेकर जमा हो गए थे. इन्हें काबू में करने के लिए उचित बल का प्रयोग किया गया.’
उन्होंने बताया, ‘इस संबंध में 55 से 60 लोगों को गिरफ्तार किया गया है और 50 से 60 लोगों को हिरासत में रखा गया है.’
बीते शुक्रवार को लॉकडाउन के नियमों की अनदेखी करते हुए करीब 2,000 प्रवासी मजदूर शुक्रवार को अहमदाबाद के गोटा इलाके में उपजिलाधिकारी कार्यालय के बाहर जमा हो गए थे.
पुलिस के अनुसार, सुबह से मजदूरों की भीड़ उस अफवाह के कारण जमा होनी शुरू हुई, जिसमें प्रवासी मजदूरों को रेलवे स्टेशन ले जाने वाली एक बस के सरकारी कार्यालय के बाहर पहुंचने की बात थी.
बता दें कि लॉकडाउन के कारण गुजरात में घर भेजे जाने की मांग को लेकर प्रवासी मजदूर लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. राज्य के सूरत शहर में ऐसे कई प्रदर्शन हो चुके हैं.
बीते चार मई को भी सूरत के बाहरी इलाके में तकरीबन 1000 मजदूरों ने घर भेजे जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था. इस दौरान उनकी पुलिस से झड़प भी हुई थी और उन्होंने पथराव भी किया था.
बीते 28 अप्रैल को सूरत में फंसे सैकड़ों प्रवासी मजदूरों ने प्रदर्शन किया था. प्रदर्शन के दौरान प्रवासी कामगारों ने डॉयमंड बोर्स नाम की कंपनी के दफ्तर पर पथराव भी किया था.
बीते 14 अप्रैल को लॉकडाउन की समयसीमा तीन मई तक बढ़ाए जाने की घोषणा के बीच प्रवासी मजदूर घर भेजे जाने की मांग को लेकर सूरत शहर के वराछा क्षेत्र में सड़क पर बैठ गए थे.
इससे पहले बीते 10 अप्रैल को लॉकडाउन के बीच सूरत शहर में वेतन और घर वापस लौटने की मांग को लेकर सैकड़ों मजदूर पर सड़क पर उतर आए थे. इन मजदूरों ने शहर के लक्साना इलाके में ठेलों और टायरों में आग लगा कर हंगामा किया था. इस घटना के संबंध में पुलिस ने 80 लोगों को गिरफ्तार किया था.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)