पुलिस के अनुसार, फेस ऑफ नेशन के संपादक धवल पटेल ने कथित तौर पर 7 मई को एक समाचार लिखा, जिसका शीर्षक था, ‘मनसुख मंडाविया को हाई कमांड ने बुलाया, गुजरात में नेतृत्व परिवर्तन की संभावना’. मंडाविया केंद्रीय मंत्री और गुजरात से राज्यसभा सांसद हैं.
अहमदाबाद: गुजराती समाचार पोर्टल के एक संपादक पर राज्य में बढ़ते कोरोना वायरस मामलों की आलोचना के कारण गुजरात में नेतृत्व परिवर्तन का सुझाव देने वाली एक रिपोर्ट प्रकाशित करने के लिए सोमवार को राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया और हिरासत में लिया गया.
इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार, पुलिस के अनुसार, फेस ऑफ नेशन के मालिक और संपादक धवल पटेल ने कथित तौर पर 7 मई को एक समाचार लिखा, जिसका शीर्षक था, ‘मनसुख मंडाविया को हाई कमांड ने बुलाया, गुजरात में नेतृत्व परिवर्तन की संभावना’. मंडाविया केंद्रीय मंत्री और गुजरात से राज्यसभा सांसद हैं.
खबर में उल्लेख किया गया है कि गुजरात में कोविड-19 के मामले बढ़ रहे हैं, गुजरात के मुख्यमंत्री की ‘विफलता’ का नई दिल्ली ने संज्ञान लिया है. मांडविया को भाजपा आलाकमान ने बुलाया था, जिसके कारण राज्य में नेतृत्व परिवर्तन की अटकलें थीं.
पटेल को अहमदाबाद स्थित उनके आवास से क्राइम ब्रांच की अहमदाबाद डिटेक्शन टीम ने हिरासत में लिया था. उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 124 ए (राजद्रोह) और आपदा प्रबंधन अधिनियम की धारा 54 (झूठी चेतावनी के लिए सजा) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
डीसीबी अहमदाबाद के सहायक आयुक्त बीवी गोहिल ने कहा, ‘वेब पोर्टल पर एक संदेश के माध्यम से राज्य और समाज में अशांति पैदा करने का प्रयास किया गया… अपराध शाखा द्वारा प्रारंभिक जांच की गई और उसके बाद संपादक पर मामला दर्ज किया गया और हिरासत में लिया गया.’
पत्रकार के खिलाफ भाजपा सरकार की कार्रवाई की आलोचना करते हुए कांग्रेस प्रवक्ता शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि अगर भाजपा सरकार के नेतृत्व की आलोचना अपराध है तो भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी के खिलाफ केस क्यों नहीं दर्ज किया जा रहा है?
गोहिल ने ट्वीट कर कहा, ‘मुख्यमंत्री विजय रूपाणी की कायरतापूर्ण कार्रवाई पर गुजरात आश्चर्यचकित है, जिनके निर्देश पर गुजरात पुलिस ने स्थानीय वेबसाइट के संपादक धवल पटेल को गैर जमानती धाराओं के तहत गिरफ्तार किया है. रूपाणी जी, अगर आपके नेतृत्व की आलोचना अपराध है तब भाजपा नेता सुब्रह्मण्यम स्वामी के खिलाफ केस क्यों नहीं दर्ज किया जा रहा है?’
#Gujarat is shocked at cowardly action of CM @vijayrupanibjp under whose direction #Gujaratpolice has arrested Editor of a local website #DhavalPatel under a non bailable clause. Rupani ji, if criticising your leadership is a crime, why not register a case against @Swamy39 also? pic.twitter.com/GwNAHWrzaL
— Shaktisinh Gohil MP (@shaktisinhgohil) May 11, 2020
गोहिल ने स्वामी के एक ट्वीट का हवाला दिया, जिसमें उन्होंने गुजरात में नेतृत्व परिवर्तन को जरूरी बताया था
स्वामी ने अपने ट्वीट में कहा था कि गुजरात में कोरोना वायरस के शिकार होने वालों की संख्या तभी नियंत्रित की जा सकती है जब आनंदीबेन की गुजरात के मुख्यमंत्री पद पर वापसी हो. स्वामी ने अपने इस ट्वीट से अपनी ही पार्टी के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी के शासन पर सवाल उठाया था.