लॉकडाउन: घर भेजे जाने की मांग को लेकर मज़दूरों ने जयपुर में किया प्रदर्शन

जयपुर के शास्त्रीनगर इलाके के नहरी का नाका इलाके में हुआ प्रदर्शन. प्रवासी मज़दूरों ने दावा किया कि पुलिस ने प्रदर्शन के दौरान उन्हें पीटा, लेकिन पुलिस ने इस बात से इनकार किया है.

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(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

जयपुर के शास्त्रीनगर इलाके के नहरी का नाका इलाके में हुआ प्रदर्शन. प्रवासी मज़दूरों ने दावा किया कि पुलिस ने प्रदर्शन के दौरान उन्हें पीटा, लेकिन पुलिस ने इस बात से इनकार किया है.

(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)
(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

जयपुर: राजस्थान की राजधानी जयपुर के शास्त्रीनगर इलाके में स्थित नहरी का नाका क्षेत्र में रहने वाले प्रवासी मजदूरों ने सोमवार को सड़कों पर आकर प्रदर्शन किया.

उन्होंने राशन और घर जाने के साधनों की कमी की शिकायत की. हालांकि पुलिस ने प्रदर्शनकारी मजदूरों की भीड़ को तितर-बितर कर दिया.

इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, कई प्रदर्शनकारियों ने दावा किया उन्हें पीटा गया, हालांकि प्रशासन ने ऐसा होने से इनकार किया है.

पश्चिम बंगाल में मालदा के रहने वाले प्रवासी मजदूर रेजाउल करीम ने बताया, ‘पिछले एक महीने से हमें राशन नहीं मिला और हमारे पैसे भी खत्म हो गए हैं. हमने निर्णय किया कि हम सड़क पर उतरकर प्रशासन से हमें खाना देने और घर भेजे जाने की मांग करेंगे.’

उन्होंने कहा, ‘अगर हमें मंजूरी मिल जाती है तो हम भी पैदल घर लौटने के लिए तैयार हैं. लेकिन इसकी जगह पुलिस ने हमें खदेड़ दिया और इस कार्रवाई में हम में से कई लोग घायल हो गए.’

करीम ने दावा किया कि लॉकडाउन के दौरान नहरी का नाका क्षेत्र में हजारों प्रवासी रह रहे हैं. उनकी सारी बचत अब खत्म हो चुकी हैं.

मालदा के ही रहने वाले मोहम्मद जलीलुद्दीन जयपुर में निर्माण मजदूर के तौर पर काम करते हैं. उन्होंने दावा किया वह इस प्रदर्शन का हिस्सा नहीं थे, फिर भी उन्हें पीटा गया.

उन्होंने कहा, ‘मैं प्रदर्शन में शामिल नहीं हुआ था. मैं पास की दुकान में शाम का रोजा तोड़ने के लिए गुड़ खरीदने गया हुआ था. इसी दौरान पुलिस ने लाठी से मुझे भी पीटा.’

हालांकि पुलिस ने बल प्रयोग की बात से इनकार किया है.

शास्त्रीनगर थाने के एसएचओ सज्जन सिंह कवीय ने बताया, ‘वहां पर लाठीचार्ज नहीं हुआ था और पुलिस ने किसी भी प्रवासी को नहीं मारा है. जब वहां पुलिस वैन पहुंची तो कुछ प्रवासी मजदूर भागने लगे और इसी दौरान पुलिस बैरिकेडिंग फांदने के चक्कर में घायल हुए.’

उन्होंने बताया कि वहां 400 से 500 लोग थे और हमने उनकी मांग अधिकारियों तक पहुंचा दी है. इस संबंध में किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है और न ही कोई रिपोर्ट दर्ज की गई है.

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, नहरी का नाका इलाके में पश्चिम बंगाल, बिहार और उत्तर प्रदेश के तकरीबन 2000 प्रवासी मजदूरों ने प्रदर्शन किया.

पश्चिम बंगाल के मूल निवासी निजाम-उल-हक ने बताया, ‘रोजाना वे (प्रशासन) मुश्किल से 300 खाने के पैकेट बांटते हैं, लेकिन हम पश्चिम बंगाल, बिहार और उत्तर प्रदेश के तकरीबन 12 हजार मजदूर यहां रहते हैं. हमारे पास खाना नहीं है, पैसा नहीं है और रोजगार भी नहीं है. सरकार हमें घर क्यों नहीं भेज रही है?’

बिहार में कटिहार के मूल निवासी नसीम अख्तर ने कहा, ‘मकान मालिक किराया मांगता है. खाने का गाड़ी पूरा खाना नहीं लाता, अब क्या करें.’

रिपार्ट के अनुसार, पुलिस अधिकारियों ने बताया कि एक वॉट्सऐप ग्रुप में जिला कलेक्टर के कार्यालय जाकर अपनी मांग रखने की योजना के बाद मजदूरों ने ये प्रदर्शन किया.

मालूम हो कि घर भेजे जाने की मांग को लेकर प्रवासी मजदूर लगातार विभिन्न राज्यों में प्रदर्शन कर रहे हैं. गुजरात में सूरत शहर में ऐसे कई प्रदर्शन हो चुके हैं.

बीती नौ मई को अपने गृह राज्य भेजे जाने की मांग कर रहे सैकड़ों गुस्साए प्रवासी मजदूरों की सूरत जिले के मोरा गांव में प्रदर्शन के दौरान पुलिस से झड़प हो गई थी.

बीते चार मई को भी सूरत के बाहरी इलाके में तकरीबन 1000 मजदूरों ने घर भेजे जाने की मांग को लेकर प्रदर्शन किया था. इस दौरान उनकी पुलिस से झड़प भी हुई थी और उन्होंने पथराव भी किया था.

बीते 28 अप्रैल को सूरत में फंसे सैकड़ों प्रवासी मजदूरों ने प्रदर्शन किया था. प्रदर्शन के दौरान प्रवासी कामगारों ने डॉयमंड बोर्स नाम की कंपनी के दफ्तर पर पथराव भी किया था.

बीते 14 अप्रैल को लॉकडाउन की समयसीमा तीन मई तक बढ़ाए जाने की घोषणा के बीच प्रवासी मजदूर घर भेजे जाने की मांग को लेकर सूरत शहर के वराछा क्षेत्र में सड़क पर बैठ गए थे.

इससे पहले बीते 10 अप्रैल को लॉकडाउन के बीच सूरत शहर में वेतन और घर वापस लौटने की मांग को लेकर सैकड़ों मजदूर पर सड़क पर उतर आए थे. इन मजदूरों ने शहर के लक्साना इलाके में ठेलों और टायरों में आग लगा कर हंगामा किया था. इस घटना के संबंध में पुलिस ने 80 लोगों को गिरफ्तार किया था.