प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा घोषित राहत पैकेज के विवरण को साझा करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एनबीएफसी, एमएसएमई को विशेष पैकेज देने, ईपीएफ घटाने और इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि बढ़ाने जैसी कई घोषणाएं की.
नई दिल्ली: कोरोना वायरस महामारी की वजह से उपजे संकट से समाधान के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक पैकेज की घोषणा के एक दिन बाद वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के इसके एक भाग के विवरण को पेश किया.
सीतारमण ने सूक्ष्म एवं मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को बिना गारंटी के तीन लाख करोड़ रुपये का का लोन देने, गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के लिए विशेष लिक्विडिटी स्कीम लॉन्च करने, व्यवसायों, कर्मचारियों के लिए तीन महीने तक ईपीएफ घटाने, इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की अंतिम तिथि बढ़ाने जैसी कई घोषणाएं की.
हालांकि वित्त मंत्री ने ये नहीं बताया कि इन उपायों के जरिये अर्थव्यवस्था में कितना सुधार हो पाएगा और लॉकडाउन के चलते अर्थव्यवस्था को कितना नुकसान पहुंचा है.
Rs 50,000 cr. Equity infusion for MSMEs through Fund of Funds; to be operated through a Mother Fund and few daughter funds; this will help to expand MSME size as well as capacity. #AtmaNirbharBharatAbhiyan #atmanirbharbharat pic.twitter.com/Y5FMC4TouI
— PIB India (@PIB_India) May 13, 2020
निवेश और कारोबार के आधार पर एमएसएमई की परिभाषा में बदलाव किया गया है. एक करोड़ रुपये का निवेश और 5 करोड़ रुपये के कारोबार वाली इकाइयां माइक्रो इंडस्ट्री के दायरे में आएंगी. वहीं 10 करोड़ रुपये तक का निवेश और 50 करोड़ रुपये का टर्नओवर वाली इकाइयां लघु उद्योग में आएंगी.
इसके अलावा 20 करोड़ रुपये के निवेश और 100 करोड़ रुपये के टर्नओवर वाली इकाइयां मध्यम उद्योग में आएंगी. ये नई परिभाषा सेवा और विनिर्माण दोनों तरह की इकाइयों पर लागू होगा.
निर्मला सीतारमण ने कहा कि एमएसएमई को बिना किसी गारंटी के तीन लाख करोड़ रुपये तक का लोन मिलेगा और इसकी समयसीमा चार साल की होगी. उन्होंने कहा कि इससे 45 लाख इकाइयों को लाभ मिलेगा. इसके अलावा तनाव की स्थिति से गुजर रहे एमएसएमई के लिए 20,000 करोड़ रुपये का प्रावधान किया गया है.
Government announces Rs 45,000 crore liquidity infusion through a Partial Credit Guarantee Scheme 2.0 for NBFCs. #AatmaNirbharBharatAbhiyan pic.twitter.com/ORLOV3bIAi
— PIB India (@PIB_India) May 13, 2020
इसके अलावा नकदी संकट से जूझ रहीं गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी), आवास वित्त निगमों (एचएफसी) और माइक्रोफाइनेंस इंस्टीट्यूशन (एमएफआई) की मदद के लिए सरकार ने 30,000 करोड़ रुपये की स्पेशल लिक्विडिटी स्कीम लॉन्च करने की घोषणा की है.
इसके अलावा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एनबीएफसी के लिए 45,000 करोड़ रुपये की आंशिक क्रेडिट गारंटी स्कीम की घोषणा की है.
Government launches a Rs 30,000 crore Special Liquidity Scheme for NBFCs/HFCs/MFIs pic.twitter.com/vPfYGP7E7I
— PIB India (@PIB_India) May 13, 2020
केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि सरकार ने कर्मचारी भविष्य निधि (EPF) में मदद तीन महीने यानी अगस्त 2020 तक के लिए देने का फैसला किया है. इस फैसले से 3.67 लाख संस्थानों और 72 लाख से अधिक कर्मचारियों को मदद मिलेगी.
Among other measures, Due date of all income-tax return for FY 2019-20 will be extended from 31st July, 2020 & 31st October, 2020 to 30th November, 2020 and Tax audit from 30th September, 2020 to 31st October,2020. #AatmaNirbharBharatAbhiyan pic.twitter.com/R4ZWRgss9x
— PIB India (@PIB_India) May 13, 2020
इसके अलावा इनकम टैक्स रिटर्न भरने की आखिरी तारीख को 31 जुलाई 2020 और 31 अक्टूबर 2020 से बढ़ाकर 30 नवंबर 2020 कर दिया गया है. वहीं टैक्स ऑडिट की समयसीमा को 30 सितंबर 2020 से बढ़ाकर 31 अक्टूबर 2020 कर दिया गया है.