महाराष्ट्र के पालघर मॉब लिंचिंग मामले में पुलिस ने तीन प्राथमिकियां दर्ज की हैं. दो साधुओं समेत तीन लोगों की पीट-पीटकर हत्या किए जाने के पहले मामले में अदालत ने सात में से छह आरोपियों को 19 मई तक की पुलिस हिरासत में भेज दिया, वहीं एक किशोर आरोपी को किशोर न्याय बोर्ड के पास भेजा गया.
पालघर: पालघर की एक अदालत ने बुधवार को दो साधुओं समेत तीन लोगों की पीट-पीटकर हत्या किए जाने के मामले में गिरफ्तार 130 से ज्यादा आरोपियों में से 61 को न्यायिक हिरासत में और 51 अन्य को पुलिस हिरासत में भेज दिया.
पालघर जिले के दहानू में न्यायिक मजिस्ट्रेट (प्रथम श्रेणी) एमपी जवाले की अदालत में एक किशोर समेत कुल 113 आरोपियों को पेश किया गया था.
जिले के गढ़चिंचले गांव में 16 अप्रैल को घटना घटी थी, जिसमें मुंबई से कार में सवार होकर एक अंतिम संस्कार में शामिल होने सूरत जा रहे दो साधुओं और उनके चालक की भीड़ ने बच्चा चोर होने के शक में पीट-पीटकर हत्या कर दी थी.
इस घटना का एक वीडियो सोशल मीडिया पर आया था, जिसमें एक भीड़ पीड़ितों को पुलिस वैन से बाहर घसीट रही थी और डंडो-पत्थरों से पीट रही थी. इस दौरान वहां मौजूद कुछ पुलिसवाले उन्हें बचाने के बजाय खुद बचते नजर आ रहे थे.
मृतकों की पहचान महाराज कल्पवृक्षगिरी (70), सुशीलगिरी महाराज (35) और चालक निलेश तेलगड़े (30) के रूप में की गई थी.
पालघर जिला ग्रामीण पुलिस ने लिंचिंग की इस घटना के सिलसिले में तीन प्राथमिकियां दर्ज की हैं.
स्थानीय पुलिस और राज्य सीआईडी अब तक 134 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है.
दो साधुओं समेत तीन लोगों की हत्या किए जाने के पहले मामले में अदालत ने सात में से छह आरोपियों को 19 मई तक की पुलिस हिरासत में भेज दिया, वहीं एक किशोर आरोपी को किशोर न्याय बोर्ड के पास भेजा गया.
पुलिस पर हमला और हत्या के प्रयास में दर्ज दूसरी प्राथमिकी के मामले में 106 लोगों को अदालत में पेश किया गया जिनमें से पांच को 16 मई तक पुलिस हिरासत में भेज दिया गया.
पुलिस ने तीसरी प्राथमिकी के सिलसिले में 101 लोगों को हिरासत में लिया, जिनमें से 40 को 18 मई तक पुलिस हिरासत में भेजा गया. बाकी 61 को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)