इससे पहले बीते मार्च महीने में दिल्ली विश्वविद्यालय से एमफिल की पढ़ाई कर रहीं मणिपुर की ही छात्रा को ‘कोरोना’ कहकर उन पर थूका गया था. इसके बाद अप्रैल महीने में मुंबई के सांताक्रूज इलाके में एक बाइक सवार मणिपुर की ही युवती पर थूककर भाग निकला था.
नई दिल्ली: राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (एनएचआरसी) ने गुड़गांव में कुछ स्थानीय लोगों द्वारा एक मणिपुरी युवती से कथित तौर पर नस्लीय दुर्व्यवहार और उसकी पिटाई किए जाने की खबरों को लेकर हरियाणा सरकार और गुड़गांव पुलिस आयुक्त को नोटिस भेजा है.
आयोग ने खबरों का जिक्र करते हुए कहा कि युवती से पहले एक उम्रदराज महिला ने दुर्व्यवहार किया और उनके बीच कहासुनी शुरू होने पर भीड़ ने युवती को ‘कोरोना’ कहकर पुकारा.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, 19 वर्षीय मणिपुरी युवती से गुड़गांव के फाजिलपुर झरसा गांव में बीती 10 मई को नस्लीय दुव्यवहार किया गया था. कोरोना वायरस फैलाने के आरोप में 58 वर्षीय महिला, उनके बेटे और बहू ने लड़की के साथ मारपीट की थी.
एनएचआरसी ने एक बयान में कहा, ‘राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने मीडिया में आई इन खबरों पर स्वत:संज्ञान लिया है कि 10 मई को युवती के साथ गुड़गांव के कुछ स्थानीय लोगों ने नस्लीय दुर्व्यवहार किया और उस पर नृशंस हमला किया.’
A notice has been issued to Chief Secy, Haryana Govt & Commissioner of Police, Gurugram calling for detailed report in the matter, within 4 weeks along with status of investigation by police after registration of FIR & relief/counselling provided by authorities to victim: NHRC https://t.co/GKa7eFNKSq
— ANI (@ANI) May 15, 2020
इसमें कहा गया है, ‘यह बहुत ही घिनौना है कि अपने ही देश के पूर्वोत्तर हिस्से की रहने वाली एक युवती से एनसीआर में एक स्थानीय परिवार ने नस्लीय भेदभाव किया और उसकी पिटाई की.’
बयान में कहा गया है कि इस घटना को लेकर हरियाणा सरकार के मुख्य सचिव और गुड़गांव के पुलिस आयुक्त को नोटिस भेजे गए हैं. उनसे चार हफ्तों के अंदर विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है और प्राथमिकी दर्ज किए जाने के बाद पुलिस की जांच की स्थिति तथा पीड़िता को प्राधिकारों द्वारा मुहैया की राहत के बारे में भी बताने को कहा गया है.
इसमें कहा गया है कि आयोग पीड़िता के स्वास्थ्य और जिला प्रशासन द्वारा उसे मुहैया कराए गए इलाज की स्थिति भी जानना चाहता है.
न्यूज़ 18 के मुताबिक घटना को लेकर दोनों पक्षों की ओर से 11 मई को बादशाहपुर थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है. युवती ने अपनी शिकायत में कहा है कि लॉकडाउन के दौरान वो फाजिलपुर गांव में अपनी सहेली के पास कुछ सामान लेने गई थी. लॉकडाउन की वजह से गांव में लकड़ी से बैरिकेडिंग किया गया था. इसी दौरान आरोपी महिला ने युवती के गांव में घूमने का विरोध किया.
आरोप है कि महिला गाली देने लगी तो युवती ने उसका विरोध किया. तब महिला ने हाथ में ली हुई छड़ी से युवती को मारा. उसके बाद महिला का बेटा व बहू आ गए और युवती को पीटने लगे. इससे युवती को सिर व पीठ पर चोट आई.
आरोप है कि उसके बाद युवती से जबरन माफी मंगवाई गई. युवती अपनी सहेली के घर पहुंची और वहां परिचित को बुलाकर उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया.
पुलिस के अनुसार, युवती इम्फाल की मूल निवासी है और फाजिलपुर गांव में किराए पर रहते हुए एक निजी कंपनी में नौकरी करती हैं.
बता दें कि इससे पहले बीते मार्च महीने में दिल्ली विश्वविद्यालय के अंग्रेजी विभाग से एमफिल की पढ़ाई कर रहीं मणिपुर की छात्रा को ‘कोरोना’ कहकर उन पर थूका गया था. इस मामला के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने संज्ञान में लिया था और बाद में आरोपी शख्स को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था.
इसके बाद अप्रैल महीने में मुंबई के सांताक्रूज के कलीना इलाके में एक मोटरसाइकिल सवार ने मणिपुर की ही युवती पर उस वक्त थूक दिया जब वह पैदल जा रही थीं.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)