कर्नाटक विधानसभा से जेल की सज़ा को पत्रकारों ने दी हाईकोर्ट में चुनौती

विधायकों के ख़िलाफ़ अवमानना वाले लेख लिखने के आरोप में पत्रकारों को कर्नाटक विधानसभा ने एक वर्ष की कैद और 10 हज़ार जुर्माने की सज़ा सुनाई थी.

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कर्णाटक विधानसभा (फोटो: पीटीआई)

विधायकों के ख़िलाफ़ अवमानना वाले लेख लिखने के आरोप में पत्रकारों को कर्नाटक विधानसभा ने एक वर्ष की कैद और 10 हज़ार जुर्माने की सज़ा सुनाई थी.

 कर्नाटक विधानसभा (फोटो: पीटीआई)
कर्नाटक विधानसभा (फोटो: पीटीआई)

कर्नाटक विधानसभा से एक वर्ष की कैद की सज़ा पाए कन्नड़ समाचारपत्रों के दो संपादकों ने विधानसभा के इस आशय वाले प्रस्ताव को कर्नाटक हाईकोर्ट में चुनौती दी है.

याचिकाकर्ताओं ने न्यायमूर्ति अशोक बी हिंचीगेरी की अदालत में याचिका दाखिल करके विधानसभा में पारित प्रस्ताव को अवैध और असंवैधानिक करार देते हुए इसे रद्द करने की मांग की.

विधानसभा में 21 जून को प्रस्ताव पारित करके ‘हाय बेंगलुरु’ के रवि बेलागेरे और ‘येल्हांका व्हाइस’ के अनिल राजू के ख़िलाफ़ सज़ा सुनाई गयी थी. जिसके बाद मीडिया ने एडीटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया के समक्ष गहरा विरोध दर्ज कराया और इसे संविधान का घोर दुरुपयोग क़रार दिया जो कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार का उल्लंघन करता है.

गिल्ड ने भी विधानसभा से बिना विलंब प्रस्ताव को वापस लेने की मांग की है.

विधानसभा की विशेषाधिकार समिति की अनुशंसा के आधार पर सदन ने कठोर कदम उठाते हुए दो संपादकों को सज़ा सुनाई और 10-10 हजार का जुर्माना भी लगाया.

गौरतलब है कि ‘हाय बेंगलुरु’ के बेलागेरे ने विधानसभा अध्यक्ष केबी कोलीवाड के ख़िलाफ़ एक लेख प्रकाशित किया था.

याचिकाओं पर सुनवाई गुरुवार को हो सकती है.

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