औरैया हादसा: मृतकों के शव के साथ घायलों को बैठाकर भेजा गया, झारखंड के मुख्यमंत्री ने जताई आपत्ति

16 मई को उत्तर प्रदेश के औरैया में हुई सड़क दुर्घटना में 26 प्रवासी मज़दूरों की मौत हो गई थी, जिनमें 11 झारखंड और बाकी पश्चिम बंगाल से थे. इन्हें उनके गृह राज्यों में भेजे जाने की तस्वीरों में ट्रक के एक कोने में मज़दूर बैठे दिखते हैं और दूसरे कोने में शव रखे नज़र आते हैं.

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(प्रतीकात्मक तस्वीर: पीटीआई)

16 मई को उत्तर प्रदेश के औरैया में हुई सड़क दुर्घटना में 26 प्रवासी मज़दूरों की मौत हो गई थी, जिनमें 11 झारखंड और बाकी पश्चिम बंगाल से थे. इन्हें उनके गृह राज्यों में भेजे जाने की तस्वीरों में ट्रक के एक कोने में मज़दूर बैठे दिखते हैं और दूसरे कोने में शव रखे नज़र आते हैं.

Thane : Migrants from various northern states travel in a truck at the Mumbai-Nashik highway to reach their native places, during the ongoing COVID-19 nationwide lockdown, in Thane, Monday, May 11, 2020. (PTI Photo/Mitesh Bhuvad)(PTI11-05-2020_000128B)
(प्रतीकात्मक फोटो: पीटीआई)

प्रयागराजः उत्तर प्रदेश के औरैया में सड़क दुर्घटना में मारे गए प्रवासी मजदूरों के शवों के साथ घायल मजदूरों को ट्रकों में भरकर झारखंड भेजे जाने का मामला सामने आया है.

इस मामले में कुछ तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हुई हैं, जिसमें प्रवासी मजदूर ट्रक के एक कोने में बैठे दिखाई दे रहे हैं जबकि एक कोने में काले रंग की पॉलिथीन में लपेटकर शवों को रखा गया है.

झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सड़क दुर्घटना में मारे गए मजदूरों के शवों और घायलों को एक ही ट्रक में भेजे जाने की घटना पर आपत्ति जताई.

मुख्यमंत्री सोरेन ने ट्वीट कर इसे अमानवीय करार दिया. उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘यह स्थिति अमानवीय और अत्यंत संवेदनहीन है. यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से अपील है कि शव को सम्मान के साथ झारखंड बॉर्डर तक भेज दिया जाए.’

एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार, झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के विरोध के बाद उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में मजदूरों के शवों और घायलों को अलग-अलग भेजा गया.

इन ट्रकों को रास्ते में प्रयागराज में दिल्ली-हावड़ा राष्ट्रीय राजमार्ग पर रोककर शवों को जीरो डिग्री तापमान वाले एंबुलेंस में रखकर रवाना किया गया. प्रयागराज के आईजी केपी सिंह ने कहा, ‘जीरो डिग्री तापमान में शव ठीक रहते हैं. इसलिए इस तापमान की छह एंबुलेंस का इंतजाम कर शवों को ले जाया गया.’

इससे पहले इन तीनों ट्रकों में शवों और घायलों को एक साथ भेजा जा रहा था. इन ट्रकों को इसी तरह 1,712 किलोमीटर दूर पश्चिम बंगाल के पुरुलिया और 663 किलोमीटर दूर झारखंड के बोकारो जाना था.

नवभारत टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, एंबुलेंस के इंतजार में ट्रक लगभग पांच घंटे तक वहीं खड़े रहे. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, एक ट्रक के ड्राइवर ने बताया कि शवों से इतनी तेज दुर्गंध आ रही थी कि आगे भी बैठना मुश्किल हो रहा था.

बताया जा रहा कि करीब 17 शवों को तीन ट्रकों में झारखंड के बोकारो और पश्चिम बंगाल भेजा जा रहा था. इनमें से 12 शव झारखंड भेजे जाने थे.

हालांकि प्रशासन सोशल मीडिया पर वायरल इन तस्वीरों की विश्वसनीयता पर सवाल खड़े कर रहा है.

औरैया के जिला अधिकारी (डीएम) अभिषेक सिंह का कहना है कि इस घटना को जो फोटो वायरल हुई हैं, उनकी जांच की जाएगी और जो भी आरोपी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

मालूम हो कि 16 मई को उत्तर प्रदेश के औरैया जिले में एक ट्रक और डीसीएम वैन की टक्कर में 24 प्रवासी मजदूरों की मौत हो गई थी, जबकि 37 मजदूर घायल हो गए थे. मृतकों में से 11 झारखंड के और बाकी पश्चिम बंगाल के थे.