‘मीडिया ब्रेक’ वेबसाइट के संपादक आशीष अवस्थी के खिलाफ कोविड-19 महामारी के दौरान होमगार्ड के जवानों द्वारा सामना की जाने वाली समस्याओं के संबंध में एक खबर प्रकाशित करने पर उत्तर प्रदेश के कानपुर शहर में केस दर्ज किया गया है.
नई दिल्ली: प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया (पीसीआई) ने कोविड-19 महामारी के बीच कानपुर में होमगार्ड के जवानों द्वारा सामना की जाने वाली समस्याओं के बारे में कथित तौर पर एक खबर प्रकाशित करने के लिए एक मीडिया संस्थान के संपादक के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार से बुधवार को एक रिपोर्ट मांगी.
पीसीआई की ओर से जारी एक बयान में कहा गया है कि प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के अध्यक्ष जस्टिस सीके प्रसाद ने चिंता के साथ इस का संज्ञान लिया है कि ‘मीडिया ब्रेक’ के संपादक आशीष अवस्थी के खिलाफ कोविड-19 महामारी के दौरान होमगार्ड के जवानों द्वारा सामना की जाने वाली समस्याओं के संबंध में एक खबर प्रकाशित करने पर प्राथमिकी दर्ज की गई है.
इस खबर को लेकर आशीष अवस्थी के खिलाफ कानपुर दक्षिण क्षेत्र के बाबूपुरवा कोतवाली के इंस्पेक्टर राजीव सिंह की तहरीर पर सोशल मीडिया में खबर प्रसारित करने और कानपुर पुलिस की छवि धूमिल करने सहित अन्य गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है.
उसने कहा, ‘मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश सरकार से मामले के तथ्य पर एक रिपोर्ट मांगी गई है.’
पीसीआई ने ‘अरुणाचल टाइम्स’ की एसोसिएट एडिटर तोंगम रीना को कई ऑनलाइन पोस्ट में शारीरिक हिंसा की धमकी दिए जाने पर भी चिंता जतायी थी.
गत 23 अप्रैल को उन्होंने ‘अरुणाचल टाइम्स’ में एक लेख प्रकाशित किया था जिसका शीर्षक था, ‘वाइल्डलाइफ हंटिंग ऑन स्पाइक, सेज़ अ फॉरेस्ट ऑफिशियल’ (वन्यजीव शिकार में बढ़ोतरी, एक वन अधिकारी ने कहा).
पीसीआई ने कहा कि मामले पर स्वत: संज्ञान लेते हुए अरुणाचल प्रदेश के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक से तथ्य को लेकर एक रिपोर्ट मांगी गई है.
इसी तरह बिहार के सीतामढ़ी जिले में दैनिक भास्कर अखबार के स्थानीय पत्रकार गुलशन कुमार मिट्ठू पर एफआईआर दर्ज की गई है. पत्रकार का आरोप है कि क्वारंटीन सेंटर की अव्यवस्था पर अखबार में रिपोर्ट लिखने के कारण उनके खिलाफ ये कार्रवाई की गई है.
ऐसे ही उत्तर प्रदेश के सीतापुर जिले में एक न्यूज़ पोर्टल ‘टुडे-24’ के पत्रकार रविंद्र सक्सेना के खिलाफ क्वारंटीन सेंटर की बदहाली दिखाने पर प्रशासन ने एफआईआर दर्ज की है.
पत्रकार को सरकारी काम में बाधा डालने, आपदा प्रबंधन और हरिजन एक्ट आदि के तहत आरोपी बनाया गया है.
बता दें कि हाल ही में कोरोना वायरस को फैलने के रोकने के लिए लागू लॉकडाउन के दौरान हिमाचल प्रदेश में प्रवासी मज़दूरों की समस्याओं को सामने लाने और प्रशासनिक कमियों को उजागर करने के कारण कम से कम छह पत्रकारों के ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज की गई थी.
इसके अलावा एक गुजराती समाचार पोर्टल ‘फेस ऑफ नेशन’ के संपादक धवल पटेल के खिलाफ गुजरात में नेतृत्व परिवर्तन से जुड़ी एक खबर को लेकर राजद्रोह का मामला दर्ज किया गया था.
इन कार्रवाइयों को मीडिया संस्थाओं ने आलोचना की थी. प्रेस क्लब की ओर से कहा गया था कि इस तरह की कार्रवाइयां हमारी लोकतांत्रिक आकांक्षाओं पर धब्बा है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)