पिछले कुछ दिनों में उत्तर प्रदेश के विभिन्न ज़िलों से लोगों द्वारा आत्महत्या की ख़बरें आ रही हैं. कोरोना वायरस से जुड़े कारणों की वजह से उत्तर प्रदेश के बांदा ज़िले में एक पखवाड़े के दौरान छह से सात लोगों द्वारा आत्महत्या किए जाने की ख़बरें आई हैं.
नई दिल्ली/बांदा/अगरतला: कोरोना वायरस महामारी से जुड़े कारणों के चलते देश के विभिन्न हिस्सों से लगातार आत्महत्या की खबरें आ रही हैं. पिछले कुछ दिनों में उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से ऐसी कई घटनाएं सामने आई हैं.
उत्तर प्रदेश के बांदा जिले के शहर कोतवाली क्षेत्र की स्वराज कॉलोनी में दुबई से लौटे एक युवक ने फांसी लगाकर कथित रूप से आत्महत्या कर ली.
शहर कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक (एसएचओ) ने बुधवार को बताया, ‘स्वराज कॉलोनी गली नंबर-5 में मंगलवार दोपहर मनोज गुप्ता (26) मकान के बरामदे में पंखे की हुक में फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली है. घटना के समय परिवार के अन्य सदस्य मकान की ऊपरी मंजिल में थे.’
उन्होंने बताया, ‘मनोज राजस्थान के कोटा में मैनेजमेंट कोर्स करने के बाद दुबई चला गया था और वहां होटल मैनेजमेंट का काम देख रहा था. वह लॉकडाउन के दौरान एक माह पूर्व अपने घर लौटा था.’
एसएचओ ने बताया, ‘परिवार के सदस्य आत्महत्या करने की खास वजह नहीं बता पाए. पोस्टमॉर्टम कराने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया है और मामले की जांच की जा रही है.’
यूपी के फतेहपुर में प्रवासी मजदूर का शव फांसी के फंदे से लटका मिला
फतेहपुर: उत्तर प्रदेश के ही फतेहपुर जिले के खागा इलाके में अहमदाबाद से लौटकर क्वारंटीन में रह रहे एक प्रवासी मजदूर का शव फांसी के फंदे से लटकता पाया गया.
पुलिस सूत्रों ने मंगलवार को बताया कि बुदवन गांव के जंगल में प्रवासी मजदूर रामबहादुर (42) का शव बीते एक जून को एक पेड़ पर फांसी के फंदे से लटका हुआ पाया गया.
उन्होंने बताया कि मृतक 14 मई को गुजरात के अहमदाबाद से लौटे थे और परिजन ने उन्हें जंगल में बने एक निजी नलकूप (ट्यूबवेल) कक्ष में रखा था. उन्हें वहीं रोजाना खाना पहुंचाया जाता था.
सूत्रों ने बताया कि अब तक की जांच में अत्यधिक शराब पीने का आदी होने की वजह से आत्महत्या किया जाना सामने आया है. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का इंतजार किया रहा है, जिसके बाद ही मौत के असल कारणों का पता चल सकेगा.
मृतक के रिश्तेदार सर्वेश ने आरोप लगाया कि परिवार की एक महिला और गांव के एक व्यक्ति के बीच प्रेम प्रसंग चल रहा था, जिसका रामबहादुर विरोध करता था. इसी वजह से क्वारंटीन के दौरान अकेला पाकर उसकी हत्या कर शव फांसी पर लटका दिया गया है, ताकि इसे आत्महत्या का रूप दिया जा सके.
उत्तर प्रदेश के भदोही में युवक ने आत्महत्या की
भदोही: गुजरात से हाल में लौटे 25 साल के एक युवक ने मंगलवार को यहां फांसी लगा कर कथित तौर पर आत्महत्या कर ली .
पुलिस के मुताबिक गणेश कुमार (25) अहमदाबाद में छोटा-मोटा कारोबार करते थे. मामला जिले के औराई थाना के मुख्य बाजार का है.
पुलिस इंस्पेक्टर रामजी यादव ने बताया गणेश कुमार एक महीने पहले सब कारोबार समेट कर गुजरात से लौटे थे. वह कुछ दिनों से परेशान थे.
उन्होंने बताया की गणेश सुबह अपने खेत पर भी काम करने गया. मंगलवार दोपहर बारह बजे उसने घर के बाहर लगे लोहे के एक जंगले में रस्सी से फांसी लगा ली. उस वक़्त घर पर कोई मौजूद नहीं था.
शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया. आगे मामले की जांच की जा रही है.
त्रिपुरा में कोविड-19 की जांच के बाद महिला ने की आत्महत्या
त्रिपुरा के जीबी पंत अस्पताल में कोविड-19 की जांच के एक दिन बाद एक महिला ने कथित तौर पर अस्पताल के शौचालय की छत से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी.
पुलिस को शक है कि 50 वर्षीय महिला के मन में संक्रमण का डर बैठने के बाद उन्होंने ये कदम उठाया होगा.
स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव एसके राकेश ने कहा कि महिला को सोमवार को अस्पताल के फ्लू वार्ड में भर्ती कराया गया था.
राकेश ने कहा, ‘महिला का शव मंगलवार सुबह करीब पांच बजे अस्पताल के शौचालय की छत से लटका पाया गया जबकि उसकी कोविड-19 रिपोर्ट सुबह 11 बजे आई. रिपोर्ट में संक्रमण की पुष्टि हो गई.’
महिला की मां सोमवार की रात उन्हें अस्पताल ले गई थीं और उन्होंने मंगलवार सुबह अपनी बेटी को बिस्तर से गायब पाया.
एक पुलिस अधिकारी ने कहा, ‘अस्पताल में बहुत खोजने के बाद उनकी मां ने शव को शौचालय की छत से लटका पाया.’
उन्होंने कहा कि महिला पहले से किडनी रोग और सांस की बीमारी से ग्रसित थीं. उन्होंने कहा कि शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया और अप्राकृतिक मौत का मामला दर्ज किया गया है.
दिल्ली जल बोर्ड के रिटायर कर्मचारी ने आत्महत्या की
इसी तरह बीती 31 मई को दिल्ली जल बोर्ड के एक रिटायर कर्मचारी ने कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जाने के बाद आत्महत्या कर ली.
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक मृतक जल बोर्ड से रिटायर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी थे. वह परिवार के साथ दिल्ली के मीठापुर की हरिजन कॉलोनी में रहते थे.
दक्षिण दिल्ली के बत्रा अस्पताल में पंखे से लटककर उन्होंने जान दे दे थी. पुलिस का अनुमान है कि स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के कारण उन्होंने यह कदम उठाया.
वह पहले से ही किडनी से जुड़ी बीमारियों से ग्रस्त थे.
उत्तर प्रदेश से लगातार आ रहे हैं आत्महत्या के मामले
मालूम हो कि उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों से कोरोना वायरस से जुड़े कारणों की वजह से लोगों द्वारा आत्महत्या करने के मामले लगातार सामने आ रहे हैं.
बीती 29 मई को राज्य के लखीमपुर खीरी जिले में लॉकडाउन के कारण बेरोजगार हुए एक 50 वर्षीय शख्स ने ट्रेन से कटकर आत्महत्या कर ली. मृतक की जेब से एक सुसाइड नोट बरामद हुआ था, जिसमें उन्होंने अपनी गरीबी और बेरोजगारी का जिक्र किया है.
मृतक की पहचान जिले के मैगलगंज थाना क्षेत्र के रहने वाले भानु प्रकाश गुप्ता के रूप में की गई है. वह शाहजहांपुर के एक होटल में काम करते थे.
उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में एक पखवाड़े के दौरान कम से कम छह से सात लोगों के आत्महत्या करने की खबरें आई हैं.
इसी तरह बीती 28 मई को उत्तर प्रदेश में ही बांदा जिले के तिंदवारी थाना क्षेत्र में एक क्वारंटीन सेंटर में रह रहे प्रवासी मजदूर ने वहां से भागकर कथित रूप से आत्महत्या कर ली थी.
उनकी पहचान 35 वर्षीय जगदीश निषाद के रूप में हुई थी. वह सूरत में मजदूरी का काम करते थे. पुलिस ने बताया था कि पति-पत्नी के बीच हुए विवाद के चलते आत्महत्या करने की वजह पता चली है.
बीती 27 मई को बांदा जिले में कथित रूप से आर्थिक तंगी से परेशान दो प्रवासी मजदूरों ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. लॉकडाउन के चलते लोहरा गांव के 22 वर्षीय सुरेश कुछ दिन पहले दिल्ली से घर लौटे थे. वहीं पैलानी थाना क्षेत्र के 20 साल के मनोज दस दिन पहले मुंबई से लौटे थे.
इससे पहले 25 मई को इसी जिले के बिसंडा थाना क्षेत्र के ओरन कस्बे में एक मजदूर ने बेरोजगारी से परेशान होकर कथित रूप से फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. इससे पहले 22 मई को कमासिन थाना क्षेत्र के मुसीवां गांव के सुनील (19) ने होम-क्वारंटीन में फांसी लगा ली थी. वह कुछ रोज पहले ही मुंबई से लौटे थे.
इसी तरह 14 मई को तिंदवारी थाना क्षेत्र के लोहारी गांव के 25 वर्षीय सूरज ने अपने घर में फांसी लगा ली थी. वह आगरा की एक प्राइवेट कंपनी में काम करते थे, जो लॉकडाउन के कारण बंद हो गई थी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)