मामला राजधानी दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल का है. अस्पताल ने आरोपों का खंडन किया और कहा कि मरीज को मृत अवस्था में लाया गया था.
नई दिल्ली: दिल्ली के एक सरकारी अस्पताल में कोविड-19 के एक मरीज को कथित तौर पर भर्ती न किए जाने के कारण उनकी मौत का मामला सामने आया है. एक महिला ने आरोप लगाया कि उनके संक्रमित पिता को समय रहते दिल्ली के एक सरकारी अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया, जिसके कारण उनकी मौत हो गई.
हालांकि अस्पताल ने महिला के इन आरोपों का खंडन किया है.
अमरप्रीत नामक महिला ने बीते चार जून को ट्वीट कर बताया था, ‘मेरे पिता को तेज बुखार है. उन्हें अस्पताल पहुंचाने की जरूरत है. मैं दिल्ली के एलएनजेपी अस्पताल के बाहर खड़ी हूं और वे उन्हें भर्ती करने को तैयार नहीं हैं. उन्हें कोरोना, तेज बुखार और सांस लेने में तकलीफ है. मदद के बिना वे नहीं बचेंगे. कृपया मदद करें.’
My dad is having high fever. We need to shift him to hospital. I am standing outside LNJP Delhi & they are not taking him in. He is having corona, high fever and breathing problem. He won't survive without help. Pls help @raghav_chadha @ArvindKejriwal @SatyendarJain
— Amarpreet (@amar_hrhelpdesk) June 4, 2020
एक घंटे बाद महिला ने ट्वीट किया, ‘मेरे पिता नहीं रहे. सरकार विफल हुई.’
इंटरनेट पर महिला के ट्वीट को बहुत से लोग साझा कर रहे हैं. कोविड-19 के मरीजों के लिए निर्दिष्ट एलएनजेपी अस्पताल ने आरोपों का खंडन किया और कहा कि मरीज को मृत अवस्था में लाया गया था.
अस्पताल की ओर से साझा की गई रिपोर्ट के मुताबिक, व्यक्ति की उम्र साठ साल के आसपास थी और सुबह 7:37 बजे पर उनकी मौत हुई.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘आपातकालीन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, सर गंगा राम अस्पताल में व्यक्ति की कोविड-19 की जांच हुई थी और एक जून को आई रिपोर्ट में संक्रमण की पुष्टि हुई.’
अस्पताल के अधिकारियों ने कहा कि वहां से मरीज को घर में क्वारंटीन के लिए भेज दिया गया था. उन्होंने कहा कि गुरुवार को मरीज को अचेत अवस्था में लाया गया और उनका परीक्षण करने के बाद मृत घोषित कर दिया गया.
यह पूछे जाने पर कि क्या महिला को अस्पताल में इंतजार करना पड़ा, अस्पताल के एक सूत्र ने बताया कि कोविड-19 के लिए निर्दिष्ट अस्पताल होने के कारण एलएनजेपी अस्पताल में बहुत सारे मरीज आते हैं.
सूत्र ने कहा, ‘आपातकालीन विभाग में चार डॉक्टर हैं, जो सामाजिक दूरी और अन्य नियमों का पालन करते हुए एक साथ चार मरीज देख सकते हैं, लेकिन एक विशेष दल कतार में खड़े लोगों में से तत्काल चिकित्सकीय सहायता की जरूरत वाले लोगों को देखता रहता है.’
महिला ने बाद में ट्वीट किया कि उसके सभी परिजनों की कोरोना वायरस जांच कराई जानी चाहिए.
एनडीटीवी के मुताबिक अमरप्रीत कौर अपने पति मनदीप सिंह के साथ गुड़गांव में रहती हैं. पिता की खराब हालात की जानकारी मिलते ही वे वहां आ गए थे.
मनदीप सिंह ने कहा, ‘मेरे ससुर को मेरी पत्नी के भाई और एक अन्य चचेरे भाई कार में बिठाकर एलएनजेपी अस्पताल लाए थे, लेकिन अस्पताल के कर्मचारी उन्हें देखने के लिए तैयार नहीं थे. वे कार में ही बेहोश हो गए.’
सिंह ने यह भी आरोप लगाया कि सर गंगा राम अस्पताल (एसजीआरएच) भी परिवार को अपने ससुर की कोरोना पॉजिटिव होने की कोई जानकारी नहीं दी थी.
वहीं, एसजीआरएच के प्रवक्ता ने इन आरोपों से इनकार किया है. उन्होंने कहा, ‘इन आरोपों में कोई सच्चाई नहीं है. हम उनके परिवार के साथ सहानुभूति रखते हैं.’
मनदीप सिंह ने यह भी दावा किया कि परिवार ने कुछ दिनों पहले तीन-चार अन्य निजी और सरकारी अस्पतालों से संपर्क किया था, लेकिन उनमें से किसी भी अस्पताल में प्रवेश नहीं मिल सका. जब उन्हें पता चला कि एलएनजेपी में बिस्तर उपलब्ध हैं, इसलिए उनके ससुर को वहां ले जाया गया.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)