एक नाबालिग समेत झारखंड की तीन युवतियों को कथित तौर पर राजस्थान में बेचे जाने और उनके साथ बलात्कार का मामला सामने आया है. लॉकडाउन में घर लौट रहे प्रवासी मज़दूरों के समूह के बीच अपने अपहर्ताओं से छिपते-छिपाते कई दिनों तक पैदल चलने के बाद हाल ही में इन्हें उत्तर प्रदेश के आगरा शहर में पुलिस ने बचाया.
नई दिल्ली: राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने उत्तर प्रदेश सरकार से शुक्रवार को कहा कि वह उन तीन महिलाओं के भयावह अनुभवों के संबंध में गहन जांच करे, जिन्हें कथित रूप से बेचे और कई बार बलात्कार किए जाने के बाद उत्तर प्रदेश-राजस्थान सीमा के पास प्रवासी श्रमिकों के बीच छुपना पड़ा.
मीडिया में आई खबरों के अनुसार, एक किशोरी समेत झारखंड के हजारीबाग की तीन महिलाओं को कथित रूप से बेचा गया और उनसे कई बार बलात्कार किया गया.
बलात्कारियों से बचने के लिए वे उत्तर प्रदेश-राजस्थान सीमा के पास तीन दिन तक श्रमिकों के साथ घूमती रहीं और उन्हें एक जंगल में भी रहने को मजबूर होना पड़ा.
एनसीडब्ल्यू ने मामले का स्वत: संज्ञान लेते हुए उत्तर प्रदेश के पुलिस महानिदेशक को पत्र लिखकर निर्देश दिया है कि इस मामले की गहन जांच की जाए और आयोग को इस संबंध में की गई कार्रवाई के बारे में जल्द से जल्द अवगत कराया जाए.
एनसीडब्ल्यू ने एक बयान में कहा, ‘आयोग इस नृशंस एवं भयावह घटना की कड़ी निंदा करता है और दोहराता है कि इन महिलाओं को जो पीड़ा और उत्पीड़न सहना पड़ा, वह कभी किसी महिला के साथ नहीं होना चाहिए.’
मालूम हो कि झारखंड के हजारीबाग की तीन महिलाओं, जिनमें एक नाबालिग है को कई बार बेचा गया और बलात्कार किया गया. तीनों पीड़िताएं उत्तर प्रदेश-राजस्थान सीमा से प्रवासी मजदूरों के साथ किसी तरह छुपते-छुपाते फतेहपुर सीकरी पहुंचीं, जहां से आगरा जिला पुलिस ने उन्हें बचाया.
टाइम्स ऑफ इंडिया से बातचीत में पीड़ितों में से एक के पिता ने को बताया कि 26 अप्रैल को उनकी पड़ोसी अनीता देवी ने भरतपुर (राजस्थान) के एक शख्स से उनकी बेटी की शादी कराने का लालच दिया था. उसके बाद उसने अपने एक रिश्तेदार हरदेव के साथ मेरी बेटी को ट्रक से भरतपुर के कुम्हेर थाने के बहरारु गांव भेज दिया.
अपने साथ हुए भयानक हादसे को याद करते हुए 22 वर्षीय पीड़िता ने बताया, ‘मुझे 53 साल के नंदलाल यादव को 1.5 लाख रुपये में बेचा गया था. उसने मेरे साथ कई बार बलात्कार किया और कैद करके रखा था.’
उन्होंने बताया कि वह वहां से भागना चाहती थी लेकिन उसे शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया.
पीड़िता ने कहा, ‘कुछ दिन बाद मुझे हरदेव के सौतेले बेटे के घर ले जाया गया, जिसकी 14 साल की बहन के साथ हरदेव के भाई हरिशंकर ने बलात्कार किया था. हरदेव अपने सौतेले बेटे की पत्नी को लेकर गलत इरादा रखता था. उसके सौतेले बेटे ने अपनी पत्नी, बहन और मुझे गांव से भागने में मदद की.’
पीड़िता ने बताया वे तीनों प्रवासी मजदूरों के साथ तीन दिनों तक बचते-बचाते पैदल चलते रहे, क्योंकि हरदेव और नंदलाल के आदमी हमारी खोज में लगे हुए थे. आगरा के फतेहपुर सीकरी जाते वक्त उन्हें एक जंगल में भी छिपना पड़ा.
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, आगरा जाने से पहले पीड़िताओं में से एक ने अपने परिवार को फोन करके घटना के बारे में बताया. उसके बाद परिजनों ने दिल्ली के एक एनजीओ से संपर्क किया और एनजीओ ने आगरा पुलिस को संपर्क किया.
द ऑल्टरनेट स्पेस नामक एनजीओ चलाने वाले वकील और सामाजिक कार्यकर्ता खदीजाज फारुकी ने कहा, ‘लड़की और उनके परिजनों ने मुझसे फोन पर संपर्क किया तो मैंने आगरा एसपी रवि कुमार को संपर्क किया. उन्होंने उन्हें आगरा पुलिस चौकी पहुंचने के लिए कहा.’
एसपी रवि कुमार ने बताया कि 14 वर्षीय पीड़िता ने कहा है कि उसके साथ सौतेले पिता के भाई ने बलात्कार किया. 22 वर्षीय एक अन्य पीड़िता ने भी बताया कि उसके साथ भी बलात्कार किया गया और बुरी तरह प्रताड़ित किया गया.
इसके बाद तीनों युवतियों को हजारीबाग पुलिस को सौंप दिया गया.
हजारीबाग पुलिस ने आरोपी महिला सहित तीन लोगों को गिरफ्तार किया
टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, अनीता देवी, जो हजारीबाग से तीन महिलाओं की तस्करी करने वाले सरगनाओं में से एक हैं, को पुलिस ने बीती 25 मई को बरही से गिरफ्तार किया गया.
हजारीबाग के पुलिस अधीक्षक कार्तिक एस. ने बताया कि पीड़ित महिलाओं में से एक के पिता द्वारा एफआईआर दर्ज किए जाने के बाद ये गिरफ्तारी हुई.
एसपी ने बताया कि पीड़िता के वापस आने के बाद उनके पिता सहदेव प्रसाद ने अनिता देवी, भरतपुर के हरदेव शर्मा और अन्य के खिलाफ़ बरही पुलिस थाने में एफआईआर दर्ज़ कराया.
आरोपी हरदेव शर्मा, उसकी पत्नी रेखा देवी और नंदलाल यादव के खिलाफ आईपीसी की धारा 366 (शादी के लिए विवश करते हुए किसी स्त्री का अपहरण करना), धारा 370 (मानव तस्करी- दास के रूप में किसी व्यक्ति को खरीदना या बेचना), धारा 376 (बलात्कार), धारा 506 (आपराधिक धमकी) और धारा 34 (समान उद्देश्य के साथ कई व्यक्तियों द्वारा किए गए कार्य) के तहत केस दर्ज किया गया है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)