तिनसुकिया ज़िले के बाघजान गांव में में बीते दो सप्ताह से ऑयल इंडिया लिमिटेड के एक तेल के कुएं से अनियंत्रित तरीके से गैस रिसाव हो रहा है, जिसे बंद करने के प्रयास में यहां भीषण आग लग गई. अधिकारियों के अनुसार किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है और आग बुझाने की कोशिश जारी है.
गुवाहाटी: असम के तिनसुकिया जिले में स्थित बाघजान गांव में ऑयल इंडिया लिमिटेड के तेल के कुएं में मंगलवार को भीषण आग लग गई. कुएं से पिछले 14 दिन से अनियंत्रित तरीके से गैस का रिसाव हो रहा था.
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि तेल कुएं में लगी आग इतनी भीषण है कि उसकी लपटें दो किलोमीटर से भी ज्यादा दूरी से देखी जा सकती हैं.
एनडीटीवी के अनुसार, राज्य सरकार ने आग बुझाने के लिए वायुसेना और सेना की मदद मांगी है.
#WATCH Massive fire at the gas well of Oil India Ltd at Baghjan in Tinsukia district, Assam. A team of National Disaster Response Force (NDRF) is present at the spot pic.twitter.com/Tw2G92aPXy
— ANI (@ANI) June 9, 2020
मंगलवार दोपहर कुएं में आग लगने के वक्त सिंगापुर की फर्म ‘अलर्ट डिजास्टर कंट्रोल’ के तीन विशेषज्ञ वहां मौजूद थे और वहां से कुछ उपकरणों से हटाया जा रहा था. तीनों विशेषज्ञ गैस रिसाव को बंद करने का प्रयास कर रहे थे.
ज्ञात हो कि बीते 27 मई ऑयल इंडिया लिमिटेड के एक तेल के कुएं में विस्फोट होने के बाद अनियंत्रित तरीके से गैस रिसाव शुरू हुआ था. राज्य सरकार और कंपनी का कहना था कि इसे नियंत्रित करने के प्रयास जारी हैं. किसी भी नुकसान के डर से क्षेत्र के हजारों लोगों को यहां से हटाकर राहत कैंपों में पहुंचा दिया गया था.
कंपनी के एक प्रवक्ता ने बताया कि मंगलवार की घटना में अभी तक किसी के हताहत होने की सूचना नहीं है. अधिकारियों ने बताया कि दमकलकर्मी मौके पर मौजूद हैं और आग पर काबू पाने की कोशिश जारी है.
उन्होंने बताया कि आग लगने के कारणों का अभी पता नहीं है. मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल के कार्यालय ने ट्वीट किए हैं. उसमें बताया गया है कि मुख्यमंत्री ने घटना के संबंध में केंद्रीय पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान से फोन पर बात की.
लिखा गया है, ‘मुख्यमंत्री ने स्थिति पर नियंत्रण के लिए दमकल एवं आपात सेवाओं के कर्मियों, सेना और पुलिस को मौके पर तैनात करने का निर्देश दिया है. मुख्यमंत्री ने जिला प्रशासन से लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने को कहा और स्थानीय लोगों से अपील की है कि वे न घबराएं.’
राजधानी गुवाहाटी से करीब 450 किलोमीटर दूर तिनसुकिया के बाघजान गांव में स्थित इस प्लांट में बीते बुधवार 27 मई को विस्फोट (ब्लोआउट) हो गया था, जिसके बाद इस कुएं से रिसाव शुरू हुआ.
इसके बाद से कुएं के डेढ़ किलोमीटर के दायरे में रहने वाले करीब दो हजार लोगों को यहां से ले जाया गया है और अब वे राहत कैंपों में रह रहे हैं. राहत कार्य के लिए एनडीआरएफ की टीम को भी बुलाया गया था, जो तबसे यहां मौजूद है.
ब्लोआउट वह स्थिति होती है, जब तेल और गैस क्षेत्र में कुएं के अंदर दबाव अधिक हो जाता है और उसमें अचानक से विस्फोट के साथ और कच्चा तेल या प्राकृतिक गैस अनियंत्रित तरीके से बाहर आने लगते हैं. कुएं के अंदर दबाव बनाए रखने वाली प्रणाली के सही से काम न करने से ऐसा होता है.
दो हफ़्तों से हो रहे इस रिसाव के चलते भरी प्राकृतिक नुकसान हो रहा है. आसपास के संवेदनशील वेटलैंड, डिब्रु-सैखोवा राष्ट्रीय उद्यान और लुप्त हो रही प्रजातियों पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं. स्थानीय रहवासियों ने बताया था कि उन्होंने पास के मागुरीबिल झील में डॉल्फिंस के शव पड़े देखे हैं.
यह क्षेत्र हूलॉक गिबोन जानवर के प्रवास का इलाका भी है. यह इको-सेंसिटिव ज़ोन है, जहां डिब्रु सैखोवा राष्ट्रीय उद्यान भी है, जो प्रवासी पक्षियों और जंगली घोड़ों [Feral Horse] के लिए जाना जाता है.
एनडीटीवी की रिपोर्ट के अनुसार आसपास के गांवों के धान के खेत, तालाब और वेटलैंड प्रदूषित हो चुके हैं और खतरा हर दिन बढ़ रहा है. गांव वालों ने बीते सप्ताह बताया था कि उन्हें गैस की महक आ रही है और इस उद्यान में कई जगहों पर तेल फैल चुका है. कई छोटे चाय किसानों ने बताया कि गैस की परतें चाय बागान के ऊपर इकट्ठी हो गई हैं.
ऑयल फील्ड के डेढ़ किलोमीटर के दायरे को खाली करवाकर करीब 6,000 लोगों को यहां से ले जाकर राहत शिविरों में रखा गया है. ऑयल इंडिया लिमिटेड की ओर से सभी प्रभावित परिवारों को 30 हजार रुपये की वित्तीय मदद देने की बात कही गई है.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)