मामला पूर्वी उत्तर प्रदेश के बलरामपुर ज़िले की उतरौला तहसील का है. घटना से संबंधित वीडियो सामने आने के बाद प्रशासन ने मामले पर संज्ञान लिया.
बलरामपुर: पूर्वी उत्तर प्रदेश के बलरामपुर जिले में एक मृत व्यक्ति के साथ अमानवीय व्यवहार की घटना सामने आई है. घटना से संबंधित वीडियो सामने आने के बाद प्रशासन में इस मामले पर संज्ञान लिया है.
10 जून की शाम एक अधेड़ व्यक्ति की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो जाने के बाद कोरोना संदिग्ध मानते हुए पुलिसकर्मियों ने बिना हाथ लगाए शव को कूड़ा गाड़ी में रखकर पोस्टमॉर्टम हाउस भेज दिया था.
एसपी ने घटना से संबंधित वायरल वीडियो का संज्ञान लेते हुए एक उपनिरीक्षक और दो सिपाहियों को निलंबित कर दिया है. इसके अलावा नगर पालिका प्रशासन ने भी अपने चार कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है.
अमर उजाला की रिपोर्ट के मुताबिक, मामला उतरौला कोतवाली क्षेत्र स्थित तहसील गेट के सामने का है. 10 जून को एक अधेड़ उम्र के व्यक्ति का शव तहसील गेट के पास पड़ा हुआ मिला. मृतक की पहचान सहजौरा थाना सादुल्लाहनगर निवासी अनवर अली (45) के रूप में हुई.
Shameful , appalling visuals from Balrampur . The body of 42 year old Mohd Anwar , who collapsed and died outside a govt office yesterday , dumped in a garbage van in the presence of @balrampurpolice and taken away …. pic.twitter.com/N5DCwe0QC9
— Alok Pandey (@alok_pandey) June 11, 2020
इसकी सूचना मिलने के बाद उतरौला कोतवासी के उपनिरीक्षक आरके रमन और दो सिपाही शुभम पटेल व शैलेंद्र शर्मा मौके पर पहुंचे.
उन्होंने शव ले जाने के लिए उतरौला नगर पालिका परिषद की कूड़ा गाड़ी बुलवा लिया. शव को कूड़ा गाड़ी में लादकर कोतवाली परिसर तक ले जाया गया.
शव को कूड़ा गाड़ी में रखते हुए किसी ने वीडियो बना लिया और सोशल मीडिया पर अपलोड कर दिया, जिसके बाद कई लोगों ने इस वीडियो को शेयर किया.
प्रत्यक्षदर्शियों के मुताबिक, मौके पर पहुंचे नगर पालिकाकर्मियों ने एसआई आरके रमन के कहने पर शव को कूड़ा गाड़ी में लादकर कोतवाली तक पहुंचाया.
वीडियो वायरल होने के बाद एसपी देव रंजन वर्मा घटना को गंभीरता से लेते हुए उपनिरीक्षक व दोनों सिपाहियों को निलंबत कर दिया. वर्मा ने कहा, ‘यह बहुत ही संवेदनहीन कार्य है.’
दैनिक भास्कर के मुताबिक वर्मा ने कहा, ‘लाश मिलने की सूचना के बाद मौके पर पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम गई थी. अगर वह व्यक्ति कोरोना संदिग्ध था भी तो पीपीई किट पहनकर उसके शव को वहां से हटाया जाना चाहिए था, न कि नगर पालिका की कूड़ा गाड़ी में रखकर. घटना का वीडियो हमने और डीएम ने देखा है. हम लोगों ने जांच के आदेश दिए हैं.’
वहीं, उतरौला नगर पालिका के ईओ अवधेश वर्मा ने बताया कि इस अमानवीय कार्य में शामिल उतरौला नगर पालिका के चार कर्मचारियों को निलंबित कर दिया गया है.
इस मामले की जांच एसडीएम एके गौड़ और सीओ मनोज यादव को सौंपी गई है.
उधर, मृतक अनवर अली का कोरोना संदिग्ध मानकर स्वास्थ्य विभाग ने उसका सैंपल नहीं लिया है.
इस संबंध में सीएमओ डॉ. घनश्याम सिंह ने कहा, ‘पुलिस तथा परिजनों के मुताबिक मृतक घर पर ही रहता था. वह किसी राजस्व संबंधी काम से बुधवार को उतरौला तहसील आए थे, जब उनकी मौत हो गई. मृतक की कोई ट्रैवल हिस्ट्री न होने के कारण उसका सैंपल नहीं लिया गया है. पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया.’
अनवर अली की पत्नी अनवर जहां ने बताया कि उन्हें कोई बीमारी नहीं थी. वह मजदूरी कर उनका तथा दो नाबालिग बच्चों का भरण पोषण करते थे. अनवर ने बीते कई महीने में बाहर की कोई यात्रा नहीं की है.
अनवर अली बुधवार को एक बोतल पानी लेकर पत्नी को यह बताकर घर से निकले थे कि किसी जरूरी काम से तहसील जा रहे हैं.