ओडिशा में अलग-अलग घटनाओं में जादू-टोने के संदेह में तीन लोगों की हत्या का मामला सामने आया है. वहीं बालासोर ज़िले में काला जादू करने के संदेह में एक वृद्ध और उनकी बेटी से मारपीट कर उन्हें गोबर मिला पानी पीने के लिए मजबूर किया गया.
ओडिशा के मयूरभंज और रायगढ़ जिलों में अलग-अलग घटनाओं में जादू-टोना के शक में एक महिला समेत तीन लोगों की हत्या कर दी गई. वहीं, बालासोर जिले में एक बुजुर्ग और उनकी बेटी से मारपीट की गई और गोबर मिला पानी पीने के लिए मजबूर किया गया.
जादू-टोना के शक में एक आदमी ने कथित तौर पर अपनी सगी चाची की हत्या की और कटे हुए सिर को लेकर 13 किलोमीटर चलकर मयूरभंज थाने में खुद को पुलिस के हवाले किया.
ट्रिब्यून इंडिया की खबर के मुताबिक यह घटना 15 जून को घटी. आरोपी बुधुराम सिंह ने पुलिस को बताया कि उसने चंपा सिंह (60), जो उसकी सगी चाची है, का इसलिए सिर कलम कर दिया क्योंकि उसे शक था कि तीन दिन पहले हुई उसकी बेटी की मौत के लिए वही जिम्मेदार थी.
उसका कहना है कि उसकी चाची चंपा जादू-टोना करती थी. दोनों बुधुराम और मृत महिला मयूरभंज जिले के नुआसाही गांव के निवासी हैं और दोनों ही आदिवासी समुदाय से हैं.
खुंटा पुलिस थाना प्रभारी स्वर्णलता मिंज़ ने बताया कि आरोपी ने उस कुल्हाड़ी को भी पुलिस के हवाले किया जिससे उसने चंपा को मारा था. महिला की धड़ को पुलिस ने अपने कब्जे में लिया और पोस्टमार्टम के लिए भेजा.
पुलिस के सूत्रों ने बताया कि चंपा सिंह विधवा थी और वारदात के वक्त वो अपने घर के सामने आंगन में सो रही थी. आरोपी कथित तौर पर महिला को वहां से घसीटकर ले गया और सिर काट दिया.
हालांकि घटना के समय वहां बहुत से लोग मौजूद थे लेकिन किसी ने भी बुधुराम को रोकने की कोशिश नहीं की, जो अपनी सगे चाची को मार रहा था.
पुलिस ने बुधुराम को गिरफ्तार किया और हत्या का मामला दर्ज किया. लाश को पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया.
आंकड़े बताते हैं कि ओडिशा में 2010 से अब तक सालाना जादू-टोने के शक में औसतन 60 हत्याएं होती हैं और ज़्यादातर आदिवासी क्षेत्रों में ही होती हैं. उनमें से लगभग 12 हत्याएं अकेले मयूरभंज जिले में ही होती हैं.
इसी तरह की एक और घटना ओडिशा के रायगढ़ा जिले में हुई. सेसखल पुलिस थाने के अंतर्गत बडाकोशापाड गांव के प्रेमानंदा मंडंगी ने अपने पड़ोसी जादूमनी मंडंगी (45) और पोली मंडंगी (50) की हत्या की.
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक प्रेमानंदा ने इसके पहले आरोप लगाया था कि उनके परिवार में तीन लोगों को जादुमनी और पोली ने जादू-टोना करके मार दिया.
तीन महीने पहले गांव में एक बैठक हुई थी जिसमें जादुमनी और पोली को जादू-टोना करने के जुर्म में 3,000 रुपये का जुर्माना लगाया गया. हालांकि उन्होंने जुर्माना नहीं भरा.
पुलिस ने प्रेमानांदा को गिरफ्तार किया और मृतकों के शवों को बरामद किए. हत्या की खबर पुलिस को मृतकों के परिजनों से मिली थी.
बालासोर जिले में एक अन्य घटना में जादू टोना के संदेह में एक बुजुर्ग व्यक्ति और उसकी बेटी के साथ मारपीट की गई और गोबर मिला पानी पीने के लिए मजबूर किया गया.
पुलिस ने बताया कि जिले के नीलगिरि क्षेत्र के परशुराम बारिक नामक व्यक्ति पर लोगों को काला जादू करने का संदेह था. करीब 60 की सख्या में पड़ोसी और ग्रामीणों ने उन पर हमला कर दिया.
उन्होंने कहा कि बारिक के पड़ोसी शांतिलता की बहू बीमार पड़ी थी. इलाज के लिए झाड़-फूंक करने वाले को बुलाया गया. उन्होंने कुछ अनुष्ठान करने के बाद बारिक के जादू-टोना करने की बात कही.
इसके बाद अन्य ग्रामीणों ने उसे एक पेड़ से बांध दिया और उसके साथ मारपीट की. जब उनकी बेटी पुसांजलि ने उसे बचाने की कोशिश की तो उसके साथ मारपीट की गई और दोनों को गाय के गोबर का पानी पीने के लिए मजबूर किया गया.
गुजरात में डायन होने के संदेह में मां-बेटियों के साथ मारपीट
गुजरात के दाहोद जिला के सागटला तालुका के डभवा गांव में 14 जून की रात डायन होने के संदेह में एक महिला और उसके 12-17 साल की दो बेटियों के साथ मारपीट की गई.
इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, पुलिस ने बताया कि कथित तौर डायन होने के संदेह में दूर के रिश्तेदारों ने 42 वर्षीय महिला और उसकी 12-17 साल की दो बेटियों के साथ मारपीट की.
सागताला पुलिस थाने में दर्ज शिकायत के मुताबिक कानबेन बारिया और उनकी दो बेटियां खेतों में काम करने के लिए गई थीं. तभी आरोपी उन पर डंडों और कुल्हाड़ी से हमला कर दिया.
शिकायत में कहा गया है कि हथियारबंद हमलावर उन पर डायन होने और उनके परिवारों को परेशान करने का आरोप लगाया. जब वे महिला पर हमला कर दिया तो उसकी बेटियां उन्हें बचाने की कोशिश की तो उनके साथ भी मारपीट की गई.
पीड़ित की सास ने हमले को देखा और अपने बेटे को सूचित करने के लिए शोर मचाती हुई दौड़ी. ग्रामीणों को आते देख हमलावर वहां से भाग गए.
जाते हुए कानबेन को धमकी दे गए कि वह जादू-टोना करना बंद कर दे वरना उसे और उसकी बेटियों को मार दिया जाएगा.
पुलिस ने बताया कि तीनों को तुरंत निकटतम स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां से उन्हें गोधरा के सिविल अस्पताल रेफर कर दिया गया. उनकी हालत स्थिर है.
मामले की जांच कर रहे अधिकारी अमर पुवार ने कहा, ‘इन परिवारों के बीच जमीन से संबंधित पुराने झगड़े भी थे. हम उस दिशा में भी जांच कर रहे हैं. अभी तक किसी को गिरफ्तार नहीं किया गया है, जांच चल रही है.’
शिकायत के आधार पर सात लोगों के खिलाफ आईपीसी की धारा 143 (गैरकानूनी बैठक में भागीदारी), 147 (दंगा करने के लिए सजा), 148 (दंगा, घातक हथियार से लैस), 323 (जानबूझकर घायल करना), 504 (शांति भंग करने के इरादे से जानबूझकर अपमान), 506 (2) (आपराधिक धमकी) के तहत मामला दर्ज किया गया है.