घटना फरीदाबाद के बीके अस्पताल की है, जहां एक विवाद में मारे गए युवक का शव अस्पताल की मोर्चरी से गायब हो गया था. परिजनों द्वारा पूछताछ के बाद सामने आया कि अस्पताल प्रशासन ने इसे कोरोना संक्रमित लावारिस शव समझकर अंतिम संस्कार कर दिया. मामले में एफआईआर दर्ज की गई है.
फरीदाबादः हरियाणा के फरीदाबाद के एक अस्पताल में चाकुओं से गोदे गए युवक का शव मोर्चरी से गायब होने का मामला सामने आया है.
बाद में सामने आया कि अस्पताल प्रशासन ने इसे कोरोना संक्रमित मरीज का शव समझकर उसका अंतिम संस्कार कर दिया.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, मृतक के परिवार को बताया गया कि कोरोना संक्रमित लावारिस शव समझकर उनके बेटे के शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया.
फरीदाबाद पुलिस ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि मामले में एफआईआर दर्ज कर दी गई है.
फरीदाबाद पुलिस के पीआरओ सुबे सिंह ने कहा, ‘चार से पांच लोगों ने शुक्रवार को सोनू खान (28) को चाकुओं से गोद दिया था, उसके शव को बीके अस्पताल के मोर्चरी में रखा गया था. दोपहर में जब मृतक के परिजन और जांच अधिकारी पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल पहुंचे तो पता चला कि शव गायब है.’
पुलिस को संदेह है कि स्वास्थ्य विभाग द्वारा सोनू के शव को कोरोना मरीज का शव समझने के बाद उसका अंतिम संस्कार कर दिया.
मृतक के परिजनों ने अस्पताल के प्रिंसिपल मेडिकल ऑफिसर और स्वास्थ्यकर्मियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है और इस बारे में एफआईआर भी दर्ज की गई है.
एसजीएम नगर पुलिस थाने के एसएचओ अरविंद कुमार ने कहा, ‘परिवार के आग्रह पर मामला क्राइम ब्रांच को सौंप दिया गया है. शव को लेकर हुए संदेह का मामला भी क्राइम ब्रांच को सौंपा गया है, जो हर एंगल से मामले की जांच कर रही है. दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.’
सोनू के संबंधियों ने इस पर गहरी नाराजगी जताई कि उन्हें अंतिम संस्कार करने का मौका भी नहीं मिला.
एक संबंधी ने कहा, ‘हम पहले ही उसकी मौत से सकते में थे और अब हम उसे दफना भी नहीं पाए. उसका पोस्टमार्टम भी नहीं हुआ. ऐसा कैसे हो सकता है?’
बता दें कि शुक्रवार को फरीदाबाद में दो समूहों के बीच झड़प में कुछ लोगों ने सोनू को चाकुओं से गोद दिया था, जिससे उसकी मौत हो गई थी. इस मामले में कई लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है.
मालूम हो कि अस्पताल से शव के गायब होने का यह कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी देश के अलग-अलग राज्यों के अस्पतालों से शव गायब होने की घटनाएं सामने आती रही हैं.
मुंबई के एक अस्पताल से कोरोना मरीज का शव गायब हो गया था. कोरोना मरीज की कथित तौर पर उनके चचेरे भाइयों ने हत्या कर दी थी.
वहीं, दिल्ली के एक व्यक्ति ने भी आरोप लगाया था कि उसके कोरोना संक्रमित पिता एलएनजेपी अस्पताल से लापता हैं और किसी भी वार्ड में नहीं मिल रहे हैं. अस्पताल प्रशासन को भी इस बारे में कोई जानकारी नहीं थी.
दिल्ली के इसी अस्पताल में एक कोरोना संक्रमित मरीज के शव को गलती से एक दूसरे परिवार को सौंपने का मामला भी सामने आया था.
इससे पहले गुजरात के अहमदाबाद सिविल अस्पताल से भी इसी तरह का एक मामला सामने आया था, जहां एक परिवार के कोरोना संक्रमित एक बुजुर्ग सदस्य की मौत होने की बात कहकर अस्पताल प्रशासन की ओर से उन्हें एक शव सौंपा गया था, जिसका अंतिम संस्कार परिवार ने कर दिया. बाद में अस्पताल प्रशासन की ओर से फोन करके उनसे कहा गया कि इस सदस्य की हालत स्थिर है.