दिल्ली में कोरोना वायरस संक्रमण के प्रसार के आकलन के लिए 27 जून से सात जुलाई के बीच सेरोलॉजिकल सर्वेक्षण किया जाएगा, जिसके तहत 20,000 लोगों के सैंपल लिए जाएंगे.
नई दिल्लीः राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना नियंत्रण पर महत्वपूर्ण फैसला लेते हुए केंद्र ने दिल्ली सरकार से कहा है कि वह सभी कंटेनमेंट जोन का नए सिरे से निर्धारण करें.
केंद्र का कहना है कि इसमें सभी कंटेनमेंट जोन के बाहर के भी सभी घरों को शामिल किया जाए. केंद्र का कहना है कि दिल्ली सरकार राजधानी के 20,000 लोगों का सेरोलॉजिकल सर्वे (लोगों के खून का सैंपल लेना) करे, जिसमें दिल्ली के हर जिले को एक बड़े अस्पताल से जोड़ा जाए.
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, इस संबंध में रविवार को नॉर्थ ब्लॉक में एक बैठक हुई, जिसमें दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया, उपराज्यपाल अनिल बैजल सहित केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी मौजूद थे.
अमित शाह ने दिल्ली सरकार को कोरोना से होने वाली हर मौत की विस्तृत रिपोर्ट केंद्र को भेजने के निर्देश भी दिए. इसमें अन्य जानकारियों के अलावा मरीज को अस्पताल में कब और कहां से भर्ती कराया गया यह भी शामिल होना चाहिए.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने रविवार को कहा कि ये निर्देश नीति आयोग के सदस्य डॉ. वीके पॉल के नेतृत्व में में गठित एक समिति की रिपोर्ट के आधार पर दिए गए.
इस रिपोर्ट को नॉर्थ ब्लॉक में हुई बैठक के दौरान पेश किया गया.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा, ‘गृहमंत्री ने निर्देश दिए हैं कि दिल्ली सरकार को कोरोना से हुई हर मौत का आकलन करना होगा कि कब और कहां से मरीज को अस्पताल पहुंचाया गया. अगर मृतक पहले होम क्वारंटीन था, तो समय पर उसे अस्पताल लाया गया था या नहीं, इसकी भी प्रमुखता से जांच होनी चाहिए. कोरोना से हुई हर मौत की सूचना केंद्र को दी जानी चाहिए.’
बयान में कहा गया है, ‘गृह मंत्री ने निर्देश दिए हैं कि सभी कोरोना पॉजिटिव मामलों को पहले कोविड-19 केंद्रों में रिपोर्ट करना चाहिए और केवल उन लोगों के लिए, जिनके पास उचित व्यवस्था है और दो या इससे अधिक बीमारियां नहीं हैं उन्हें ही घर में आइसोलेट करने की अनुमति दी जानी चाहिए.’
केंद्रीय गृह मंत्री ने शहर में होम आइसोलेशन में रह रहे लोगों की संख्या का पूरा ब्योरा और दिल्ली में कंटेनमेंट जोन के दोबारा निर्धारण के लिए दिल्ली सरकार को तकनीकी मदद लेने को कहा है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय के मुताबिक, समिति द्वारा सुझाए गए प्रमुख बिंदुओं में राज्य में नए 242 कंटेनमेंट जोन का निर्धारण शामिल है. इन जोन में सख्त परिधि (पैरामीटर) नियंत्रण और उनके भीतर की गतिविधियों को भी सुझाया गया है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा, ‘दिल्ली में सेरोलॉजिकल सर्वेक्षण 27 जून से सात जुलाई के बीच किया जाएगा, जिसके तहत 20,000 लोगों के सैंपल इकट्ठा किए जाएंगे. यह दिल्ली में संक्रमण के प्रसार के व्यापक आकलन में मदद करेगा और भावी योजनाओं में भी मददगार होगा.’
बता दें की सेरोलॉजिकल सर्वेक्षण का इस्तेमाल आबादी में किसी बीमारी के प्रसार को जानने के लिए किया जाता है.
समिति की इन सिफारिशों में आरोग्य सेतु और इतिहास ऐप के जरिये संक्रमित व्यक्तियों की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग और फिर इन संक्रमितों को क्वारंटीन करना भी शामिल है.
केंद्र सरकार ने समिति की इन सिफारिशों को लागू करने के लिए एक टाइमटेबल तैयार किया है, जिसमें दिल्ली सरकार को 22 जून तक एक योजना तैयार करने को कहा गया है.
23 जून तक जिलास्तरीय टीमों के गठन, 26 जून तक सभी कंटेनमेंट जोन के दोबारा निर्धारण, 30 जून तक इन सभी कंटेनमेंट जोन में 100 फीसदी सर्वे को पूरा करना और सात जुलाई तक राजधानी के बाकी हिस्सों में व्यापक स्तर पर सर्वे करना शामिल है.