मामला शामली ज़िले के सरकारी अस्पताल का है, जहां रविवार को एक टैक्सी चालक को सांस लेने में परेशानी होने पर आइसोलेशन वार्ड में रखा गया था. परिजनों का आरोप है कि ठीक प्रकार से इलाज न मिलने के कारण उनकी मौत हो गई.
मुजफ्फरनगर: उत्तर प्रदेश के शामली जिले में एक अस्पताल के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती एक व्यक्ति की मौत हो गई. मृतक के परिजनों ने डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया है.
अधिकारियों के अनुसार टैक्सी चलाने वाले एक व्यक्ति को सर्दी-जुकाम होने पर अस्पताल में भर्ती कराया गया था और सोमवार को उनकी मौत हो गई थी.
अमर उजाला की खबर के अनुसार, बाबरी थाना क्षेत्र के गांव बुटवाड़ा निवासी 35 वर्षीय व्यक्ति तीन-चार दिन पहले हरियाणा के बल्लभगढ़ से घर लौटे थे. वह किराए पर टैक्सी चलाने का काम करते थे.
रविवार दोपहर को सांस लेने में परेशानी होने पर परिजन सीएचसी शामली ले गए, जहां उन्हें आइसोलेशन वार्ड में भर्ती करके उनका सैंपल लेकर जांच के लिए मेरठ भेज दिया गया.
इस बीच सोमवार सुबह मरीज की अचानक तबीयत खराब हुई और उन्हें आइसोलेशन वार्ड से इमरजेंसी में भेजा गया. इमरजेंसी में हालत में सुधार न होने पर उन्हें गंगा अमृत अस्पताल भेजा गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया.
इसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने बताया कि शव की कोरोना जांच कराई जा रही है. रिपोर्ट आने के बाद शव के अंतिम संस्कार के बारे में निर्णय लिया जाएगा.
वहीं, मृतक की पत्नी का आरोप है कि डॉक्टरों ने उसके पति का ठीक प्रकार से इलाज नहीं किया, जिसके कारण उनकी मौत हो गई.
मुख्य चिकित्सा अधिकारी संजय भटनागर ने आरोपों का खंडन किया और कहा कि मरीज को उचित उपचार मुहैया कराया गया था.
घटना के संबंध में शामली की जिलाधिकारी जसजीत कौर ने कहा कि मामले की जांच की जाएगी और जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)