असम में बाढ़ की स्थिति और गंभीर हुई, अब तक 13 लोगों की मौत, 1.89 लाख लोग प्रभावित

असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने बताया है कि बाढ़ से सबसे ज़्यादा प्रभावित धेमाजी ज़िला है. यहां तक़रीबन 91,000 लोग प्रभावित हुए हैं.

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Nalbari: People outside their house in a flood-affected village in Nalbari district of Assam, Tuesday, May 26, 2020. (PTI Photo) (PTI26-05-2020_000206B)

असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने बताया है कि बाढ़ से सबसे ज़्यादा प्रभावित धेमाजी ज़िला है. यहां तक़रीबन 91,000 लोग प्रभावित हुए हैं.

फोटो: पीटीआई
फोटो: पीटीआई

गुवाहाटी: असम में गुरुवार को बाढ़ की स्थिति और गंभीर हो गई. राज्य में चार और जिलों में भी बाढ़ का पानी घुस गया है. वहीं, एक व्यक्ति की मौत होने के साथ ही बाढ़ की वजह से मरने वालों की संख्या बढ़ कर 13 हो गई है.

राज्य के कुल नौ जिलों में 1.89 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं. मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने प्रभावित जिलों के अधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों तक तेजी से पहुंचे और बचाव एवं राहत कार्य के दौरान कोविड-19 सुरक्षा नियमों का पालन करें.

असम राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एएसडीएमए) ने अपने दैनिक बुलेटिन में बताया कि बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित धेमाजी जिले में एक और व्यक्ति की मौत हो गई. यहां 91,000 लोग प्रभावित हुए हैं.

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक बुधवार को धेमाजी, जोरहाट, माजुली, शिवसागर और डिब्रूगढ़ जिलों में बाढ़ से प्रभावित लोगों की संख्या 38,000 थी, गुरुवार तक लखीमपुर, बिश्वनाथ, गोलाघाट और तिनसुकिया जिलों में बाढ़ आ गई जिससे प्रभावितों की संख्या बढ़कर 1.89 लाख हो गया.

एएसडीएमए के अनुसार, धेमाजी, जोरहाट, माजुली, शिवसागर, डिब्रूगढ़, लखीमपुर, बिश्वनाथ, गोलाघाट और तिनसुकिया जिलों के करीब 492 गांव प्रभावित हैं.

एएसडीएमए के अनुसार, धेमाजी, माजुली, शिवसागर, डिब्रूगढ़ और तिनसुकिया जिलों के तकरीबन 11,500 लोग 49 राहत शिविरों में रह रहे हैं.

इसके अलावा लखीमपुर, विश्वनाथ, माजुली, तिनसुकिया, चिरांग और डिब्रूगढ़ जिले में करीब 19430 हेक्टेयर फसल पानी में डूब गई है.

एएसडीएमए ने कहा कि तिनसुकिया और डिब्रूगढ़ जिले भी बुरी तरह प्रभावित हुए हैं, क्रमशः 24,239 और 18,500 लोग प्रभावित हुए हैं.

बाढ़ की वजह से सड़कों और अन्य बुनियादी ढांचे को नुकसान हुआ है और विभिन्न स्थानों पर बड़े पैमाने पर कटाव हुआ है. बाढ़ से लगभग 19,430 हेक्टेयर खेतों की खड़ी फसल डूब गई है.

अधिकारी पांच जिलों में 49 राहत शिविर और वितरण केंद्र चला रहे हैं, जहां 11,468 लोगों ने शरण ली है.

बुलेटिन में बताया गया कि जोरहाट जिले के नीमातीघाट में, धुब्री जिले के धुब्री शहर में और सोनितपुर जिले के तेजपुर में ब्रह्मपुत्र नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है.

आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री ने बाढ़ की स्थिति का जायजा लिया और उपायुक्तों को प्रभावित लोगों को आवश्यक राहत सामग्री उपलब्ध कराने को कहा.

उन्होंने तिनसुकिया जिला कलेक्टर से यह सुनिश्चित करने के लिए कहा कि बाघजान से, जहां पिछले 30 दिनों से एक गैस के कुएं में रिसाव हो रहा है, वहां कोई भी अड़चन न आने पाए.

बीते दिनों गैस रिसाव के कारण लगी आग की वजह से यहां दो लोगों की मौत हो गई थी.

मुख्यमंत्री ने कहा कि बाढ़ में बाघजान के रास्ते में एक पुल क्षतिग्रस्त हो गया और आपातकालीन सेवाओं में लगे वाहनों की आवाजाही के लिए एक ब्रिज बनाया जाना चाहिए.

सोनोवाल ने राज्य के स्वामित्व वाली बिजली उपयोगिता, असम पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड से भी कहा है कि वे बिजली की वजह से होने वाली दुर्घटनाओं को रोकने के लिए कदम उठाएं.

कोरोना वायरस के प्रकोप को देखते हुए उन्होंने जिला कलेक्टर को यह सुनिश्चित करने के लिए कहा है कि जिला मशीनरी कोविड-19 सुरक्षा प्रोटोकॉल का सावधानीपूर्वक पालन करें.

बता दें कि गुरुवार को आंधी और बारिश के दौरान बिजली गिरने से बिहार में कम से कम 83 और उत्तर प्रदेश में 24 लोगों की मौत हो गई थी. बिहार में आई आंधी और बारिश ने कम से कम 23 जिलों ने कहर बरपाया. गोपालगंज जिले में बारिश के दौरान आकाशीय बिजली गिरने से कम से कम 13 लोगों मृत्यु हो गई जबकि 15 अन्य व्यक्ति झुलस गए.

बीते मई महीने में असम में बाढ़ से 11 जिलों 321 गांवों में लगभग तीन लाख लोग प्रभावित हुए थे. राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने बताया था कि गोआलपाड़ा जिला बाढ़ से सर्वाधिक हुआ था, जहां से दो लाख से अधिक लोगों को विस्थापित किया गया था. दीमा हजाओ ज़िले में तीन गांवों में भूस्खलन ने 18 घर नष्ट हुए थे, अन्य जगहों पर तीन पुल बह गए और करीब 240 किमी सड़कें क्षतिग्रस्त, अवरुद्ध या जलमग्न थे.

बीते दो जून को असम की बराक घाटी स्थित हैलाकांडी, करीमगंज और सिलचर जिलों में भारी बारिश की वजह से हुए भूस्खलन की चपेट में आने से कम से कम 20 लोगों की मौत हो गई.

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)