बिजनौर: सीएए प्रदर्शन के दौरान हुई मौत के मामले में छह पुलिसकर्मियों को क्लीनचिट

उत्तर प्रदेश के बिजनौर में 20 दिसंबर 2019 को हुए सीएए विरोधी प्रदर्शन के दौरान पुलिस फायरिंग में 21 साल के सुलेमान की मौत हो गई थी. एसआईटी ने पुलिसकर्मियों को दोषमुक्त करते हुए सुलेमान को आरोपी ठहराया है और कहा है कि वे प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में शामिल थे.

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Kanpur: Police personnel hits a civilian during their protest against the Citizenship (Amendment) Act that turned violent, at Babu Purwa in Kanpur, Friday, Dec. 20, 2019. (PTI Photo) (PTI12_20_2019_000262B)

उत्तर प्रदेश के बिजनौर में 20 दिसंबर 2019 को हुए सीएए विरोधी प्रदर्शन के दौरान पुलिस फायरिंग में 21 साल के सुलेमान की मौत हो गई थी. एसआईटी ने पुलिसकर्मियों को दोषमुक्त करते हुए सुलेमान को आरोपी ठहराया है और कहा है कि वे प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा में शामिल थे.

Kanpur: Police personnel hits a civilian during their protest against the Citizenship (Amendment) Act that turned violent, at Babu Purwa in Kanpur, Friday, Dec. 20, 2019. (PTI Photo) (PTI12_20_2019_000262B)
(फाइल फोटो: पीटीआई)

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश के बिजनौर पुलिस की विशेष जांच टीम (एसआईटी) ने एक विरोध प्रदर्शन के दौरान 21 वर्षीय युवक मोहम्मद सुलेमान की गोली मारकर हत्या करने के मामले में नहटौर थाने के तत्कालीन थाना प्रभारी सहित छह पुलिसकर्मियों को क्लीन चिट दे दी है.

पिछले साल दिसंबर में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ बिजनौर समेत राज्य के विभिन्न हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए थे. एसआईटी ने मृतक छात्र सुलेमान पर ही हिंसा में शामिल होने का आरोप लगाया है.

सुलेमान के बड़े भाई शोएब मलिक ने आरोप लगाया था कि नमाज पढ़कर वापस लौटते समय पुलिसकर्मियों ने उनके भाई को उठा लिया और एक गली में ले जाकर गोली मार दी. 

एसआईटी ने कहा कि पीड़ित परिवार द्वारा लगाए गए आरोप गलत पाए गए हैं.


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इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, बिजनौर के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक लक्ष्मी निवास मिश्रा ने कहा, ‘हमने पाया है कि सुलेमान प्रदर्शन में शामिल थे और एक आरोपी हैं. चूंकि अब उनकी मृत्यु हो चुकी है, इसलिए उन पर कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती है.’

इस आधार पर आरोपी पुलिसवालों को क्लीन चिट दे दी गई है. हालांकि इसी मामले में मजिस्ट्रेट जांच अभी लंबित है.

धामपुर के सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट धीरेंद्र सिंह ने कहा, ‘मुझे अभी जांच पूरी करनी है. मृतक के परिवार का बयान दर्ज किया गया है. मृतक के पिता जाहिद हुसैन ने भी मुलाकात की है.’

मोहम्मद सुलेमान के भाई शोएब द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर में नहटौर पुलिस थाने के तत्कालीन एसएचओ राजेश सिंह सोलंकी के अलावा स्थानीय आउटपोस्ट प्रभारी आशीष तोमर, कॉन्स्टेबल मोहित कुमार और तीन अन्य अज्ञात पुलिसकर्मियों के नाम हैं.


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शोएब ने इंडियन एक्सप्रेस को बताया, ‘जांच के दौरान पुलिस हमारे घर आई और हमारे बयान दर्ज किए, जो कि हूबहू वही थे जिनका हमने शिकायत में उल्लेख किया था. मुझे मजिस्ट्रेट जांच के बारे में कोई जानकारी नहीं है. मैंने पुलिस जांच के बारे में जानकारी प्राप्त करने की कोशिश की, लेकिन कोई भी कुछ बताने के लिए तैयार नहीं है.’

सुलेमान ग्रेजुएशन अंतिम वर्ष के छात्र थे और नोएडा में अपने मामा अनवर उस्मान के यहां रहकर यूपीएससी की तैयारी करते थे. बुखार होने के कारण वे दिसंबर में अपने घर नहटौर आए हुए थे.

20 दिसंबर, 2019 को हुई हिंसा में कम से कम 26 लोग घायल हुए थे, जिसमें 20 पुलिसवाले शामिल हैं. इसमें सुलेमान के अलावा 23 वर्षीय अनस की भी मौत हो गई थी.